Wednesday, May 15, 2024
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"रूस के साथ खड़े होने का मतलब इतिहास के गलत पक्ष के साथ होना", भारत आईं यूक्रेन की उप विदेश मंत्री ने कहा

यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा ने मंगलवार को कहा कि रूस के साथ खड़े होने का मतलब इतिहास के गलत पक्ष के साथ होना है और उनका देश भारत के साथ घनिष्ठ संबंध चाहता है।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: April 12, 2023 9:31 IST
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा - India TV Hindi
Image Source : PTI यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा

यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जापारोवा ने मंगलवार को कहा कि रूस के साथ खड़े होने का मतलब इतिहास के गलत पक्ष के साथ होना है और उनका देश भारत के साथ घनिष्ठ संबंध चाहता है। जापारोवा ने नई दिल्ली में एक प्रमुख ‘थिंक-टैंक’ को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ यूक्रेन के संबंध भारतीय हितों के खिलाफ नहीं हैं और पाकिस्तान के साथ उनके देश के सैन्य संबंध करीब तीन दशक पहले शुरू हुए थे। उप विदेश मंत्री ने यूक्रेन में युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि भारत एक वैश्विक नेता और जी-20 के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में शांति स्थापित करने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई की कि भारतीय अधिकारी शीघ्र ही यूक्रेन का दौरा करेंगे। 

भारत से की यूक्रेन के साथ नए संबंध बनाने की पहल

यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के दृष्टिकोण में परिवर्तन आ रहा है और उसे यूक्रेन के साथ नए संबंध बनाने में कुछ समय लग सकता है और ये संबंध ‘‘व्यावहारिक और संतुलित दृष्टिकोण’’ पर आधारित होने चाहिए। जापारोवा ने कहा, "मुझे लगता है कि मेरे जो सुझाव हैं, वे भारत के साथ बेहतर और गहरे संबंध बनाने के लिए हैं। मैंने पहल की है और अब सामने वाले को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी है।’’ बता दें कि रूस और भारत करीबी सहयोगी रहे हैं। भारत ने अब तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं की है और उसका कहना है कि इस संकट को कूटनीति और बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए। रूस द्वारा पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला शुरू करने के बाद, जापारोवा उस देश से पहली नेता हैं, जिन्होंने भारत की यात्रा की है। 

यूक्रेन को मानवीय सहायता बढ़ाने का आश्वासन
विश्व मामलों की भारतीय परिषद (आईसीडब्ल्यूए) में अपने संबोधन से पहले, जापारोवा ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के साथ बातचीत की। लेखी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने और जापारोवा ने पारस्परिक हित के द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा, "यूक्रेन को मानवीय सहायता बढ़ाने का आश्वासन दिया गया।" जापारोवा ने बैठक को "सार्थक" बताया। उन्होंने कहा, ‘‘रूस के अकारण हमले के खिलाफ यूक्रेन के प्रयासों पर मंत्री को जानकारी दी। विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से संस्कृति में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की।’’

अजित डोभाल को भी यूक्रेन का आमंत्रण दिया
भारत के खिलाफ चीन के आक्रामक व्यवहार के संबंध में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में जापारोवा ने कहा कि किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल उठाने वाली कोई भी आक्रामकता बहुत बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल को भी यूक्रेन आने का आमंत्रण दिया। यह उल्लेख करते हुए कि भारत के साथ यूक्रेन संबंध बढ़ाना चाहता है, जापरोवा ने कहा, ‘‘भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है। हम संप्रभु देशों के फैसलों का सम्मान करते हैं। भारत भी अन्य देशों के साथ संबंध बना रहा है। यह आपको तय करना है, यह आपके लाभ के लिए है।’’ उन्होंने कहा कि यूक्रेन भारत के साथ महत्वपूर्ण सैन्य प्रौद्योगिकियों और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है। 

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