वाशिंगटन: लोगों की व्यक्तिगत जानकारियों के दुरुपयोग मामले में सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं। यूरोपीय संघ और ब्रिटेन की संसद के बाद अब अमेरिका में भी उसके खिलाफ इस संबंध में जांच शुरू हो गयी है। अमेरिकी मीडिया में छपी खबरों के अनुसार अमेरिका में उपभोक्ता एवं प्रतिस्पर्धा नियामक संघीय व्यापार आयोग ने इस जांच की शुरुआत की है। (अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए ब्रिटिश वकील का सहारा लेगी खालिदा जिया)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का 2016 का चुनाव अभियान देख रही ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप है कि उसने फेसबुक के पांच करोड़ उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारियों का दुरुपयोग किया था। इस मामले के सामने आने के बाद फेसुबक को वैश्विक स्तर पर भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यूरोपीय संघ और ब्रिटेन की संसद ने इसे लेकर फेसुबक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को पेश होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। इसके बाद अब अमेरिका में भी सांसदों ने जुकरबर्ग को कांग्रेस के सामने पेश होने को कहा है।
अमेरिकी अखबार दी न्यूयॉर्क टाइम्स तथा ब्रिटिश अखबार ऑब्जर्वर की संयुक्त जांच के अनुसार, कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के पांच करोड़ उपयोक्ताओं की जानकारियों के आधार पर लोगों की मानसिकता का प्रोफाइल तैयार किया था। कंपनी ने इसके लिए व्यक्तित्व संबंधी आकलन बताने वाले एक एप का इस्तेमाल किया था जिसे 2.70 लाख लोगों ने डाउनलोड किया था। कंपनी ने डाउनलोड करने वाले लोगों तथा उनकी मित्रसूची के लोगों की जानकारियों का इस्तेमाल किया था। उसका लक्ष्य अमेरिकी मतदाताओं के व्यवहार का अनुमान लगाना था। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रपट के अनुसार, संघीय व्यापार आयोग इस बात की जांच कर रहा है कि क्या फेसबुक ने कैंब्रिज एनालिटिका को उपभोक्ताओं की जानकारियां देकर उन प्रावधानों का उल्लंघन किया है, जिनके तहत उसने लोगों से उनकी व्यक्तिगत जानकारियां जमा करने व उन्हें साझा करने की सहमति ली थी?
वाशिंगटन पोस्ट ने इस मसले पर अपनी रपट में कहा है कि यदि आयोग ने फेसबुक को उल्लंघन का दोषी पाया तो उसे प्रति उल्लंघन 40 हजार डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस बीच फेसबुक ने सान फ्रांसिस्को में आज बयान जारी कर कहा कि वह कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा लोगों की व्यक्तिगत जानकारियों का दुरुपयोग किये जाने से आहत है।
कंपनी ने मामले का सारा दोष कैंब्रिज एनालिटिका पर डालते हुए कहा कि एक अकादमिक शोधकर्ता से जानकारियां लेकर उसका दुरुपयोग किया गया है जो कि सोशल नेटवर्क से जुड़ी शर्तों का उल्लंघन है। फेसबुक ने कहा, ‘‘ पूरी कंपनी इससे आहत है। हमें ठगा गया है। हम लोगों की जानकारियां सुरक्षित रखने के लिए अपनी नीतियों को समुचित तरीके से लागू करने को प्रतिबद्ध हैं। ऐसा कैसे हुआ, यह जानने के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे।’’ कंपनी ने कहा कि जुकरबर्ग, मुख्य परिचालन अधिकारी शेरिल सैंडबर्ग और उनकी टीम सारी जानकारियों से अवगत होने के लिए लगातार काम कर रहे हैं क्योंकि वे मामले की गंभीरता को समझते हैं।