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अमेरिका में ऐसी मौत क्यों? नाइट्रोजन गैस सुंघाकर सजा-ए-मौत देनी की तैयारी, एक माह में दूसरा मामला

अमेरिका के अलबामा से ये दूसरा मामला आया है, जब किसी हत्या के दोषी को नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मौत की सजा देने का फरमान सुनाया गया है। पहले मामले में इस प्रक्रिया से मृत्युदंड देने की काफी अलोचना भी हुई थी।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Feb 22, 2024 10:06 IST, Updated : Feb 22, 2024 10:08 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE प्रतीकात्मक फोटो

अमेरिका के अलबामा में मौत की सजा पाए एक दोषी को नाइट्रोजन गैस सुंघाकर सजा की तामील करने की तैयारी की जा रही है। राज्य में मौत की सजा की तामील के लिए नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल करने का पहला मामला एक माह पहले ही सामने आया था और इस प्रक्रिया से मृत्युदंड देने की काफी अलोचना भी हुई थी। अलबामा के अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल के कार्यालय ने बुधवार को अलबामा के उच्चतम न्यायायल से दोषी एलन यूजीन मिलर के लिए सजा की तारीख तय करने का अनुरोध किया।

तीन लोगों की हत्या का दोषी

अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि मिलर को मौत की सजा नाइट्रोजन हाइपॉक्सिया के जरिए दी जाएगी। 59 वर्षीय मिलर को 1999 में बर्मिंघम में तीन लोगों की हत्या का दोषी ठहराया गया है। सजा के लिए तारीख तय करने का अनुरोध ऐसे वक्त में किया जा रहा है जब राज्य में इस तरीके से सजा-ए-मौत देने को लेकर अलग-अलग राय व्यक्त की जा रही हैं। दरअसल, 25 जनवरी को पहली बार नाइट्रोजन गैस के जरिए केनेथ स्मिथ को मौत की सजा दी गई थी और वहां मौजूद लोगों का कहना था कि स्मिथ को कई मिनट तक झटके आते रहे और वह छटपटा रहा था। 

नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल बंद करने का अनुरोध

अटॉर्नी जनरल स्टीव मार्शल के कार्यालय ने कहा कि यह तरीका उपयुक्त है और कहा कि राज्य आगे भी मौत की सजा की तामील में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल करेगा। उन्होंने स्मिथ को सजा दिए जाने के अगले दिन अन्य राज्यों को भी इस तरीके पर विचार करने का अनुरोध किया था, लेकिन मौत की सजा पाए एक अन्य दोषी की ओर से दायर वाद में नाइट्रोजन गैस का इस्तेमाल बंद करने का अनुरोध किया गया है। इसमें कहा गया कि मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि यह इंसान पर किए गए प्रयोग जैसा था और इसे सफल नहीं माना जा सकता। इस याचिका में कहा गया, ‘‘पहले मानव प्रयोग के नतीजे अब आ गए हैं और वे दर्शाते हैं कि नाइट्रोजन गैस से न तो जल्दी दम घुटता है और न ही यह प्रक्रिया दर्द रहित है, बल्कि यह अधिक पीड़ादायक और दर्दनाक है।" (इनपुट- भाषा)

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