Monday, April 29, 2024
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16 फरवरी से पहले ही हो गई थी पुतिन के सबसे बड़े दुश्मन एलेक्सी नवलनी की मौत, मीडिया रिपोर्ट में किया गया दावा

जर्मनी से इलाज कराकर लौटने के बाद से नवलनी को गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें पोलर वुल्फ जेल में कैद कर दिया गया। इस जेल को रूस की सबसे खतरनाक जेलों में से एक है।

Sudhanshu Gaur Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: February 22, 2024 7:34 IST
एलेक्सी नवलनी- India TV Hindi
Image Source : FILE एलेक्सी नवलनी

मॉस्को: रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की मौत का रहस्य गहराता जा रहा है। रुसी समाचार एजेंसी तास ने दावा किया था कि नवलनी की मौत बीते 16 फरवरी को जेल में हो गई थी। वहीं अब एक अन्य वेबसाइट 'नोवाया यूरोप' ने दावा किया है कि नवलनी की मौत काफी पहले ही हो चुकी थी। वेबसाइट ने यह दावा नवलनी के साथ जेल में रहे एक कैदी के हवाले से नया दावा किया है। 

16 फरवरी को हुई थी मौत

वेबसाइट ने अपने दावे में कहा है कि नवलनी की मौत की जानकारी 16 फरवरी को दी गई, लेकिन उनकी मौत काफी पहले ही हो चुकी थी। इस दौरान सबसे पहले वहां तमाम सबूत मिटाए गए। वहीं जब यह सुनिश्चित हो गया कि अब कोई सबूत शेष नहीं हैं, तब दुनिया को नवलनी की मौत की जानकारी सार्वजनिक की गई।

उस दिन जेल के हालात बिलकुल अलग थे- रिपोर्ट 

वेबसाइट ने दावा किया है कि उन्होंने नवलनी के करीब की बैरक में कैद एक बंदी से संपर्क किया। उन्होंने इस कैदी से जानना चाहा कि नवलनी की मौत कैसे और कब हुई। इस पर कैदी ने कहा- हालात बहुत रहस्यमयी थे। आमतौर पर जेल में हालात बिल्कुल नॉर्मल रहते हैं, लेकिन नवलनी की मौत का ऐलान किए जाने से एक रात पहले स्थिति बिल्कुल अलग थी। पूरी रात गाड़ियां आती जाती रहीं। ज्यादातर लाइटें ऑफ थीं। खिड़कियों को बंद कर दिया गया था।

पोलर वुल्फ जेल में कैद थे नवलनी 

बता दें कि नवलनी पुतिन के सबसे बड़े विरोधी थे और अपनी मौत के समय रूस की सबसे खतरनाक जेल पोलर वुल्फ में कैद थे। वह पिछले लगभग दो दशकों से पुतिन का विरोध कर रहे थे। वह कई बार जेल भी गए। वहीं जुलाई 2019 के दौरान मॉस्को सिटी हॉल में प्रदर्शन के दौरान उन्हें 30 दिनों के लिए जेल भेजा गया। 

यहां उन्हें तेल एलर्जी हुई। जिसके बाद उन्हें जहर देने की आशंका जताई गई और इसके बाद 2020 में जर्मनी में इलाज कराने गए। वहीं जब वह जनवरी 2021 में जर्मनी से इलाज कराकर वापस रूस लौटे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उसके बाद से उन्हें पोलर वुल्फ जेल में कैद कर दिया गया। इस जेल को रूस में IK-3 पीनल कॉलोनी कहा जाता है। 

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