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अमेरिका ने भारत को लौटाए 1400 से अधिक पुरावशेष, जानें कौन-कौन वस्तुएं हैं शामिल?

अमेरिका ने भारत को 1400 से अधिक विरासतें लौटा दी हैं। इसमें भारत से लूटे गए और चोरी हुए तमाम पुरावशेष शामिल हैं।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 16, 2024 06:52 pm IST, Updated : Nov 16, 2024 06:52 pm IST
प्रतीकात्मक फोटो। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS प्रतीकात्मक फोटो।

न्यूयॉर्क: अमेरिका ने भारत को 1400 से अधिक विरासतों को वापस कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों के बाद ऐसा संभव हो पाया है। जिन पुरावशेषों को अमेरिका ने लौटाया है, उनमें मध्यप्रदेश से 1980 के दशक में चुरायी गई बलुआ पत्थर की मूर्ति और 1960 के दशक में राजस्थान से चुरायी गई मूर्ति उन 1,400 से अधिक प्राचीन वस्तुओं में शामिल हैं, जिन्हें अमेरिका ने भारत को लौटा दिया है। इन पुरावशेष का कुल मूल्य एक करोड़ अमेरिकी डॉलर है।

बता दें कि भारत से चुरायी गई 600 से अधिक प्राचीन वस्तुओं को अगले कुछ महीनों में वापस भेजा जाएगा। मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एल्विन एल ब्रैग जूनियर के एक बयान के अनुसार इस वस्तुओं को एक समारोह में लौटाया गया, जिसमें यहां भारत के महावाणिज्य दूतावास के मनीष कुल्हारी और न्यूयॉर्क सांस्कृतिक संपत्ति, कला एवं पुरावशेष समूह की होमलैंड सुरक्षा जांच की समूह पर्यवेक्षक एलेक्जेंड्रा डीअर्मास मौजूद भी थे। ब्रैग ने एक बयान में कहा कि इस कार्यक्रम में कम से कम 1,440 पुरावशेष भारत को लौटाये गए, जिनका कुल मूल्य एक करोड़ अमेरिकी डॉलर है।

मूर्तियों से लेकर बहुत कुछ

लौटाई गई वस्तुओं में 1980 के दशक में मध्यप्रदेश के एक मंदिर से चुरायी गई एक नर्तकी की बलुआ पत्थर की मूर्ति, राजस्थान के तनेश्वर महादेव गांव से चुरायी गई तनेसर माता की मूर्ति शामिल हैं। मध्यप्रदेश से चुरायी गई मूर्ति को तस्करों ने बेचने में सहूलियत के लिए दो हिस्सों में विभाजित कर दिया था। फरवरी 1992 तक, इन दोनों हिस्सों को अवैध तरीके से लंदन से न्यूयॉर्क ले जाया गया। दोनों हिस्सों को बाद में पेशेवर तरीके से फिर से जोड़ दिया गया और मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट को दान कर दिया गया। यह मूर्ति मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट में तब तक प्रदर्शित रही, जब तक कि इसे 2023 में एंटीक्स ट्रैफिक यूनिट (एटीयू) द्वारा जब्त नहीं कर लिया गया। बुधवार को जारी बयान में कहा गया कि 1950 के दशक के अंत में पहली बार एक भारतीय पुरातत्ववेत्ता ने विभिन्न मूर्तियों का दस्तावेजीकरण किया था। उनमें से कुछ मूर्तियों को 1960 के दशक की शुरुआत में चुरा लिया गया था।

तनेश्वर माता की मूर्ति भी लौटी

तनेश्वर माता की मूर्ति 1968 तक मैनहट्टन गैलरी में थी। मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट ने 1993 में तनेश्वर माता की मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया, जहां यह 2022 में एटीयू द्वारा जब्त किए जाने तक प्रदर्शित रही। ब्रैग ने कहा, ‘‘हम भारतीय सांस्कृतिक विरासत को निशाना बनाने वाले विभिन्न तस्करी नेटवर्क की जांच जारी रखेंगे।’’ बयान में कहा गया है कि ब्रैग के कार्यकाल के दौरान, जिला अटॉर्नी की पुरावशेष तस्करी रोधी इकाई ने 30 से अधिक देशों से चुराए गए 2,100 से अधिक पुरावशेष बरामद किए, जिनकी कीमत लगभग 23 करोड़ अमेरिकी डॉलर थी। बयान में कहा गया है कि लगभग 1,000 पुरावशेष को आने वाले महीनों में वापस किया जाना है, जिनमें भारत से चुराये गए और इस वर्ष की शुरुआत में बरामद किये गए 600 से अधिक पुरावशेष शामिल हैं। (भाषा) 

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