Friday, March 29, 2024
Advertisement

बिहार: सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं

बिहार में एनडीए की चार दलों की गठबंधन सरकार भले ही सुचारू रूप से चल रही हो, लेकिन उनकी नीतियां और विचारधाराएं अलग-अलग हैं। इसकी वजह ये है कि वे नीतिगत मोर्चे पर या बड़े प्रभाव वाली घटनाओं पर राजनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए हर अवसर की तलाश में रहते हैं।

IANS Reported by: IANS
Published on: June 13, 2021 13:44 IST
बिहार: सत्तारूढ़...- India TV Hindi
Image Source : IANS बिहार: सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं

पटना: बिहार में एनडीए की चार दलों की गठबंधन सरकार भले ही सुचारू रूप से चल रही हो, लेकिन उनकी नीतियां और विचारधाराएं अलग-अलग हैं। इसकी वजह ये है कि वे नीतिगत मोर्चे पर या बड़े प्रभाव वाली घटनाओं पर राजनीतिक बढ़त हासिल करने के लिए हर अवसर की तलाश में रहते हैं। बांका जिले के एक मदरसे में हाल ही में हुआ बम विस्फोट भाजपा और जदयू के बीच वैचारिक मतभेदों का एक उदाहरण था। मदरसा में एक कच्चे बम विस्फोट ने मंगलवार (8 जून) को एक मौलाना अब्दुल मोनमिन की जान ले ली।

घटना के बाद भाजपा नेता हरि भूषण ठाकुर ने इस पर ऐसा बयान जारी किया जो समाज को बांट सकता है। ठाकुर ने कहा, "मदरसे बिहार में आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र हैं। मैं राज्य सरकार से बिहार में सभी मदरसों को बंद करने की जोरदार मांग करता हूं।" इसके अलावा, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी बिहार पुलिस को जांच के लिए विस्फोट की प्राथमिकी की प्रति सौंपने को कहा है।

बिहार के पूर्व सीएम और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा, ''जब मुस्लिम मदरसे में पढ़ते हैं, तो उन्हें आतंकवादी घोषित कर दिया जाता है और जब गरीब दलित गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाते हैं, तो उन्हें नक्सली कहा जाता है।'' मांझी ने कहा, "लोगों को आतंकवादी और नक्सली घोषित करने वाले नेताओं को ऐसी मानसिकता से बाहर आना चाहिए। यह देश की एकता और संप्रभुता के लिए अच्छा नहीं है।"

एचएएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, "बांका विस्फोट में गहन जांच के बारे में हमारा स्पष्ट रुख है। अब, बांका पुलिस ने स्पष्ट किया कि मदरसा की घटना में कोई आतंकी संबंध नहीं था। जो बम वहां फटा वह कच्चा था और किसी आतंकी गतिविधि या कोई आपत्तिजनक दस्तावेज का कोई सबूत नहीं है।" जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने यह भी कहा कि जांच पूरी होने से पहले कुछ नेताओं द्वारा दिए गए बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। भाजपा नेता का नाम लिए बिना रंजन ने कहा, "इस तरह के बयान समाज की शांति और सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं। नेताओं को राजनीति से प्रेरित बयान देने से बचना चाहिए।"

टुन्ना जी पांडे नाम के एक भाजपा नेता ने हाल ही में नीतीश कुमार के खिलाफ विवादित बयान दिया और कहा कि वह बिहार के परिस्थितिजन्य मुख्यमंत्री हैं। पांडे ने कहा, "नीतीश कुमार बिहार के परिस्थितिजन्य सीएम हैं। बिहार के लोगों ने तेजस्वी यादव को जनादेश दिया था। उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान जनादेश चुराया था और बिहार के मुख्यमंत्री बने।" इसपर जदयू के संजय सिंह ने कहा, "हम अपने नेता नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी नहीं सुनेंगे। हम चुप हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं। हम उनसे भी जोर से बोल सकते हैं। अगर कोई हमारे नेताओं पर उंगली उठाएगा तो हम उनके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया देंगे।" सिंह ने कहा, "टुन्ना जी पांडे बिहार में शराब के व्यापारी थे। वह नीतीश कुमार से नाराज हैं और उनके खिलाफ बयान दे रहे हैं।"

जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भी नीतीश कुमार के खिलाफ बयानों के लिए भाजपा की खिंचाई की। कुशवाहा ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को संबोधित करते हुए कहा, "अगर कोई जदयू नेता राज्य या केंद्र में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ ऐसा बयान देता, तो वे इसे मुद्दा बनाते।" कुशवाहा ने आगे कहा कि दिल्ली में बैठे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर नेताओं ने जानबूझकर ऐसा बयान दिया।

पंचायती राज मंत्री और बीजेपी एमएलसी सम्राट चौधरी ने भी पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के निधन के बाद नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साधा। चौधरी ने कहा, "बिहार का स्वास्थ्य ढांचा पूरी तरह चरमरा गया है। अगर यह सरकार राज्य में विधायक या सांसदों की जान नहीं बचाती तो कल्पना कीजिए कि आम आदमी का क्या होगा।"

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें बिहार सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement