बिहार में सत्ता परिवर्तन के साथ ही जिम्मेदारियों के बदलाव में भी तेजी आ गई है। बता दें कि राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने बीते दिन एनडीए के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार का गठन किया है। उनके इस कदम को विपक्षी दलों के गठबंधन के लिए झटका माना जा रहा है। ऐसे में अब बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को भी हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया गया है।
वर्तमान अध्यक्ष पर विश्वास नहीं
बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ भाजपा के नंदकिशोर यादव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को दिया है। नोटिस में कहा गया है कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद वर्तमान अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर इस सदन का विश्वास नहीं रह गया है। नोटिस पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, जदयू के विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सदा समेत कई और विधायकों के भी हस्ताक्षर है।
क्या है विधानसभा का समीकरण?
बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष को 128 जबकि विपक्षी महागठबंधन को 114 विधायकों का समर्थन हासिल है। एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल ईमान किसी गठबंधन के साथ नहीं हैं। स्पीकर अवध बिहारी चौधरी राजद के विधायक हैं। विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमावली के नियम-110 के तहत अध्यक्ष को हटाने का संकल्प है। व्यवस्था यह है कि जिस अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है वह कार्यवाही के दौरान अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे यानी सभा की अध्यक्षता नहीं करेंगे।
नीतीश आज करेंगे बैठक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में अपने सभी सांसदों की बैठक बुलाई है। वह दोपहर 12 बजे सीएम आवास पर बैठक करेंगे। नीतीश अपने लोकसभा और राज्य सभा के सभी सांसदो के साथ महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। संसद के बजट सत्र में भाग लेने के पहले नीतीश कुमार बदले हुए राजनीतिक हालात पर चर्चा करेंगे।
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