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Lok Sabha Election 2024: पिता का गढ़ वापस पाना चाहती हैं लालू की बेटी, रूडी के खिलाफ आसान नहीं मुकाबला

Lok Sabha Election 2024: हैट्रिक की कोशिश में लगे लगे रूडी राजद सुप्रीमो और उनकी पुत्री आचार्य की ओर इशारा करते हुए यह अक्सर टिप्पणी किया करते हैं, ‘‘हम ‘परमानेंट’ है, आपका सब ‘कैंडिडेट टेंपरेरी’ है, हम यही रहते हैं, मेरे सामने वाले लोग बदलते रहते हैं।’’

Edited By: Shakti Singh
Published : May 16, 2024 22:05 IST, Updated : May 16, 2024 22:05 IST
Rohini Acharya- India TV Hindi
Image Source : PTI रोहिणी आचार्य

Lok Sabha Election 2024: बिहार की सारण लोकसभा सीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया रैली के दौरान जहां मौजूदा भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने दावा किया कि वह अपने संसदीय क्षेत्र से भारी मतों से जीत दर्ज कर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराने के लिए उत्सुक हैं, वहीं राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की पुत्री रोहिणी आचार्य अपने पिता का गढ़ सारण वापस पाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही हैं। 

रूडी (62) ने 1996 में छपरा लोकसभा सीट से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, जिसे 2008 के परिसीमन के बाद से सारण लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता है। वह लालू प्रसाद के साथ सीधे मुकाबले में कभी नहीं जीत सके पर संयोगवश 2013 में सारण से सांसद रहे प्रसाद के चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिये जाने के बाद से उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गयी। राजद सुप्रीमो ने हालांकि 2014 में अपनी पत्नी राबड़ी देवी और पांच साल बाद अपने बडे बेटे तेजप्रताप यादव के ससुर चंद्रिका रॉय को रूडी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा पर वह हार गए थे। राय अब प्रसाद से अलग हो चुके हैं। 

पिता को किडनी दान कर चर्चा में आईं रोहिणी

आचार्य (47) राजनीति में प्रवेश करने वाली अपने परिवार की छठी और अपने भाई-बहनों में चौथी सदस्य हैं। पेशे से चिकित्सक आचार्य को एक कंप्यूटर इंजीनियर के साथ शादी हो जाने के कारण विदेश जाना पड़ा था । उन्होंने सिंगापुर में रहकर ही अपने दो बच्चों का पालन-पोषण करने का फैसला किया था। अपने पिता को ‘किडनी’ दान करने के बाद से चर्चा में आयीं आचार्य ने बाद में सोशल मीडिया पर अपनी राजनीतिक टिप्पणियों के कारण सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। लालू प्रसाद ने इस सीट से 1977 में जनता पार्टी की लहर के दौरान एक युवा सांसद के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी। इस सीट को फिर से हासिल करने पहुंचीं उनकी बेटी आचार्य ने 29 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। उसके तुरंत बाद एक सभा में अपने पिता और छोटे भाई तेजस्वी यादव की उपस्थिति में आचार्य ने अपने संबोधन में इस क्षेत्र के साथ अपने परिवार के पुराने संबंध का एहसास दिलाया एवं अपने पिता के विकास कार्यों का उल्लेख कर यह प्रदर्शित करने की कोशिश की कि अपने पिता की तरह ही वह भी इस क्षेत्र का वैसा ही ख्याल रखेगी। 

तेजस्वी को बड़ी बहन पर भरोसा

राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में विश्वास जताया कि उनकी बड़ी बहन (आचार्य) को सारण निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं से पूरा समर्थन मिलेगा। तेजस्वी यादव ने अपने बीमार पिता को अपनी बडी बहन आचार्य द्वारा किए गए किडनी दान और सिंगापुर में राजद अध्यक्ष की गंभीर सर्जरी के दौरान उनकी सेवा की ओर इशारा करते हुए कहा था कि उनकी बहन ने उनके माता-पिता तथा बचपन में उनकी भी अनुकरणीय भावना से देखभाल की है, वह उसी भावना से इस क्षेत्र के लोगों की भी सेवा करेंगी। 

हैट्रिक की कोशिश में लगे रूडी

अपनी हैट्रिक के लिए जी-तोड कोशिश में लगे लगे रूडी अपने क्षेत्र के लोगों के साथ मुलाकात के दौरान राजद सुप्रीमो और उनकी पुत्री आचार्य की ओर इशारा करते हुए यह अक्सर टिप्पणी किया करते हैं, ‘‘हम ‘परमानेंट’ है, आपका सब ‘कैंडिडेट टेंपरेरी’ है, हम यही रहते हैं, मेरे सामने वाले लोग बदलते रहते हैं।’’ राजपूत मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के एक स्पष्ट प्रयास के तौर पर रूडी के नामांकन पत्र दाखिल करने के तुरंत बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की एक रैली हुई थी और रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में रूडी के प्रशिक्षित पायलट होने का भी जिक्र करते हुए कहा था, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि इस चुनाव में भी आप सभी का समर्थन प्राप्त होगा और सारे विपक्षी दलों को हमारे रूडी जी हवा में उड़ा देंगे।’’ 

रूडी को मिला चंद्रिका राय का साथ

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत दरोगा प्रसाद राय के पुत्र एवं बिहार सरकार के पूर्व मंत्री चंद्रिका राय इस बार उनका (रूडी का) समर्थन कर रहे हैं। राय ने पिछली बार रूडी के खिलाफ राजद के टिकट पर सारण से चुनाव लडा था। अपनी बेटी से तेजप्रताप के रिश्ता तोड़ लिए जाने से राजद सुप्रीमो परिवार के खिलाफ बागी रूख अपनाकर राय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में शामिल हो गए थे। स्थानीय पूर्व विधायक राय न केवल रूडी का इसबार समर्थन कर रहे हैं बल्कि क्षेत्र में उनके साथ घूम-घूमकर उनके पक्ष में प्रचार भी कर रहे हैं। हाल में राय के पुराने विधानसभा क्षेत्र परसा में अयोजित एक सभा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करते हुए रूडी ने कहा था कि जनता का उत्साह साफ संदेश दे रहा है कि यहां हर बूथ पर कमल का फूल खिलना तय है। रूडी ने 2019 में 95,000 से कम वोटों के आसान अंतर से जीत हासिल की थी। एक साल बाद बिहार विधानसभा चुनाव में राजद ने इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से चार पर कब्जा कर लिया था। सारण में 20 मई को मतदान होना है और चार जून को वोटों की गिनती होगी।

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