Friday, May 03, 2024
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दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े एक महिला समेत चार साइबर अपराधी, ठगी के तरीके का भी खुला राज

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने डिजिटल फ्रॉड करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने एक महिला समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्होंने एक बुजुर्ग महिला को शिकार बनाया था, जिसके बाद इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू की थी।

Reported By : Atul Bhatia Edited By : Sudhanshu Gaur Published on: January 20, 2024 19:40 IST
Delhi News- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े साइबर अपराधी

नई दिल्ली: पिछले कुछ समय से आपने साइबर फ्रॉड की खबरें कुछ सुनी होंगी। फ्रॉड से जुड़ी कोई ना कोई कॉल शायद आपको भी कभी ना कभी आई होगी। कई बार आपने सुना होगा कि एक पुलिस अधिकारी का फ़ोन आता है और वह बताता है कि आपके कागजों पर अपराध किया गया है। कई बार लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। अब दिल्ली पुलिस ने ऐसी ही ठगों को गिरफ्तार किया है। 

पुलिस ने एक महिला समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने डिजिटल फ्रॉड करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने एक महिला समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 8 मोबाइल फोन,लैपटॉप, कार, चेक बुक, ATM कार्ड बरामद किए हैं। डीसीपी IFSO हेमंत तिवारी के मुताबिक आरोपियों ने पहले वॉइस कॉल के जरिए 65 वर्षीय महिला को कॉल किया। कॉल पर उन्हें बताया गया है कि आपने एक ऑनलाइन पार्सल भेजा है, जिसके अंदर कुछ पासपोर्ट ड्रग्स और कपड़े मौजूद हैं।

आरोपियों ने स्काइप के जरिए वीडियो कॉल की

कॉल पर बुजुर्ग महिला को बताया गया कि फर्जी पासपोर्ट में आपको जेल हो सकती है। इस बात से बुजुर्ग महिला घबरा गई। आरोपियों ने महिला के साथ लगभग 35 लाख का फ्रॉड किया था। शुरुआत में बुजुर्ग महिला को आरोपियों पर शक हुआ कि उनके साथ फ्रॉड किया जा रहा है। इसके बाद आरोपियों ने विश्वास दिलवाने के लिए स्काइप के जरिए वीडियो कॉल की।  वीडियो कॉल में यह दर्शाया गया एक सीबीआई के दफ्तर से आपको कॉल की गई है। जहां पर दो से तीन लोग मौजूद थे। पीछे सीबीआई का logo लगा होता है और इस तस्वीर को देखकर बुजुर्ग महिला को यकीन हुआ कि वाकई में एनफोर्समेंट एजेंसी की तरफ से कॉल की गई है। 

वीडियो कॉल पर आरोपी ने महिला को डराया कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा चुका है। जिसके बाद महिला काफी ज्यादा घबरा गई और रोने लगी। आरोपी ने फिर दूसरी चाल चली और कहा कि आप सही हैं लेकिन आपके दस्तावेजों को इस्तेमाल करके आपको फंसाया गया है। इसके बाद आरोपियों ने पीड़ित बुजुर्ग महिला से कहा आपके सारे अकाउंट को वेरीफाई करना होगा। इसीलिए सभी अकाउंट का पैसा एक अकाउंट में डाल दे। 

महिला से ठगे गए 35 लाख रुपये 

इसके बाद बुजुर्ग महिला इनकी बातों में आकर सारा पैसा एक सेपरेट अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया उसके बाद एक-एक करके 35 लाख रुपये इनके एकाउंट से डेबिट हो गए। आरोपी को यह जानकारी थी कि बुजुर्ग महिला के पास अभी और भी फंड मौजूद है। कुछ शेयर मार्केट के पैसा भी लगा हुआ है। इसके बाद महिला ने अपने रिश्तेदारो में यह जानकारी दी। लेकिन रिश्तेदार को शक हुआ कि उनके साथ लाखों रुपए का फ्रॉड हो चुका है जिसके बाद पीड़ित परिवार नवंबर के महीने में IFSO का दरवाजा खटखटाया। 

वीडियो कॉल इंडोनेशिया या मलेशिया से आया था

शिकायत के बाद IFSO की टीम ने देरी न करते हुए इस मामले में तुरंत मुकदमा दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने लंबी इन्वेस्टिगेशन की टेक्निकल सर्विलेंस के जरिए कई नंबर को ट्रैक किया, जिसके बाद एक शख्स को पहले गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के बाद तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया। जो की मां, बेटे और पति है। सभी के नाम चौधरी संजय, खुशबू खान, आसिफ खान और अभय सिंह है। डीसीपी हेमंत तिवारी के मुताबिक पीड़ित परिवार को वीडियो कॉल इंडोनेशिया या फिर मलेशिया से आया था और ऐसे मामलों में ज्यादा वीडियो कॉल्स विदेश से ही किए जाते हैं। इसके अलावा आरोपी रैंडम लोगों को कॉल करते है। खास तौर पर ये लोग 50 साल से ऊपर के लोगो को टारगेट करते थे। या फिर जो बुजुर्ग लोग अपने परिवार, अपने बच्चों से अलग रहते हैं उन लोगो को टारगेट किया जाता था। डीसीपी हेमंत तिवारी के मुताबिक डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ भी किसी आईपीसी या सीआरपीसी में नही है। ये सिर्फ और सिर्फ भोले भाले लोगों से फ्रॉड करने का तरीका है, जिससे अलर्ट रहने की जरूरत है।

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