
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है। राउज़ एवेन्यू कोर्ट उनकी अग्रिम जमानत पर आज ही सुनवाई करेगा। दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस टीम पर हमले का कथित तौर पर नेतृत्व करने के आरोप में आप विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
अमानतुल्लाह खान कोर्ट में कर सकते हैं सरेंडर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आप विधायक अमानतुल्लाह खान बुर्का पहनकर या फिर मुंह छुपाकर दिल्ली की किसी कोर्ट में सरेंडर कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस के टॉप सोर्सेज के मुताबिक आम आदमी पार्टी की लीगल टीम विधायक की लगातार मदद कर रही है। सरेंडर की आशंका के मद्देनजर राउज एवेन्यू कोर्ट समेत सभी लोवर कोर्ट्स में क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल और लोकल पुलिस तैनात की गई है ताकि अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया जा सके।
विधायक ने फरार होने से किया था इनकार
इससे पहले अमानतुल्लाह खान ने बुधवार को फरार होने की बात से इनकार करते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस उन्हें एक झूठे मामले में फंसा रही है। ओखला से नवनिर्वाचित विधायक ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को भेजे एक ईमेल में दावा किया कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र में ही हैं और फरार नहीं हैं। उन्होंने 12 फरवरी को लिखे इस पत्र में कहा कि दिल्ली पुलिस के कुछ लोग मुझे झूठे मामले में फंसा रहे हैं। जिस व्यक्ति को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार करने आई थी, वह जमानत पर है। पुलिस अपनी गलती छिपाने के लिए मुझे झूठे मामले में फंसा रही है।
विधायक ने पुलिस से कही ये बात
विधायक के अनुसार उन्हें तभी जानकारी मिली कि पुलिसकर्मी होने का दावा करने वाले सादे कपड़ों में आए कुछ लोग एक व्यक्ति को परेशान कर रहे हैं। हिंदी में लिखे इस पत्र में अमानतुल्लाह ने कहा कि मुझे उस आदमी को बचाने के लिए कहा गया और बताया गया कि वह इलाके का ही निवासी है। उस आदमी से मेरा कोई करीबी रिश्ता नहीं है। जब मैंने स्थानीय लोगों से पूछा तो पता चला कि वो लोग (सादे कपड़े वाले) उसे धमका रहे थे।
अमानतुल्लाह के अनुसार बाद में पता चला कि उस आदमी को 2018 में साकेत कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी। उन्होंने लिखा कि इसके बावजूद सादे कपड़ों में आए लोग, जो पुलिस से होने का दावा कर रहे थे, उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे थे और दूसरे लोगों को धमका रहे थे। विधायक ने यह दावा भी किया कि सादे परिधान वाले लोगों ने अपनी पहचान जाहिर करने से इनकार कर दिया और उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी।
(भाषा इनपुट के साथ)