Monday, April 29, 2024
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अरविंद केजरीवाल हुए गिरफ्तार, क्या जेल जाने से पहले देंगे इस्तीफा? जानें क्या है नियम

ईडी की टीम पूरी तैयारी के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे में जब केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया है तो क्या जेल जाने से पहले वह अपना सीएम पद छोड़ देंगे।

Swayam Prakash Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: March 21, 2024 21:21 IST
arvind Kejriwal arrest- India TV Hindi
Image Source : PTI जांच के घेरे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। ED के ज्वाइंट डायरेक्टर लेवल के अफसरों ने सीएम केजरीवाल से पूछताछ करने के बाद अरेस्ट कर लिया। अरविंद केजरीवाल का मोबाइल ले लिया गया है और घर के बाहर भारी पुलिसबल की तैनाती है। रैपिड एक्शन फोर्स को केजरीवाल के घर के बाहर तैनात कर दिया गया है। आम आदमी पार्टी के किसी भी मंत्री का अंदर जाना मना है। पहले ED की एक टीम सर्च वारंट लेके आई थी और अब एक और टीम केजरीवाल के घर पहुंची है। ED के 22 अफसर केजरीवाल के घर में पहुंचे हैं। अब जब सीएम केजरीवाल गिरफ्तार हो गए हैं तो ऐसे में क्या उन्हें जेल जाने से पहले मुख्यमंत्री पदा से इस्तीफा देना पड़ेगा? इस तरह के मामले पर नियम क्या कहता है, ये भी जान लीजिए।

क्या है संविधान में प्रावधान?

देखा जाए तो संविधान के मुताबिक, ऐसा कहीं नहीं लिखा गया है कि यदि कोई मुख्यमंत्री जेल जाता है तो उसे पहले सीएम पद से हटना पड़ेगा। हालांकि जब बिहार के तत्कालीन सीएम लालू यादव और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता ने जेल जाने से पहले अपने सीएम पद से इस्तीफा दिया था। लिहाजा संविधान में कोई विशेष प्रावधान ना होने की वजह से ऐसा जरूरी नहीं है कि अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होने के बाद जेल जाने से पहले सीएम पद से इस्तीफा देंगे। केजरीवाल जेल से भी सरकार चला सकते हैं।    

गौर करने वाली बात है कि अरविंद केजरीवाल के ऊपर दिल्ली शराब नीति में घोटाले के आरोप लगे हैं, लेकिन ये आरोप जब तक अदालत में जांच एजेंसी साबित नहीं कर देती, तब तक वह केजरीवाल सीएम पद पर बने रह सकते हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी ने पहले ही ये कई दिन पहले साफ कर दिया था कि अगर केजरीवाल जेल जाते हैं तो वह जेल से ही सरकार चलाएंगे।

क्या है शराब नीति घोटाला?

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल को ईडी ने कई बार समन भेजा था लेकिन वह पेश नहीं हुए। इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने मामले में केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से कोई संरक्षण देने से इनकार कर दिया। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है। बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया था। मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है।

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