Friday, May 03, 2024
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क्या जेल से सरकार चला पाएंगे केजरीवाल? तिहाड़ के पूर्व PRO ने दिया जवाब

कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अब केजरीवाल को तिहाड़ जेल भेजा जाएगा। ऐसे में जेल से सरकार चलाने को लेकर तिहाड़ के पूर्व PRO ने जवाब दिया है।

Amar Deep Written By: Amar Deep
Updated on: April 01, 2024 17:52 IST
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल।- India TV Hindi
Image Source : PTI दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल।

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल की ईडी रिमांड आज खत्म हो गई। उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीएम केजरीवाल को अब तिहाड़ जेल भेजा जाएगा। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से दिल्ली की सरकार चला पाएंगे? इसी सवाल का जवाब देते हुए तिहाड़ जेल के ही पूर्व PRO सुनील कुमार गुप्ता ने कहा है कि 'ये बेहद चुनौतीपूर्ण होगा।'

क्या बोले सुनील गुप्ता?

जेल से सरकार चलाने को लेकर तिहाड़ जेल के पूर्व PRO सुनील गुप्ता ने बताया कि ''यह बेहद चुनौतीपूर्ण होगा। सीएम के साथ एक निजी स्टाफ होना चाहिए। अब तक 16 जेल हैं, इनमें से किसी में भी ऐसी सुविधा नहीं है जहां से मुख्यमंत्री पद चलाया जा सकता है। इसके लिए सभी नियमों को तोड़ना पड़ता है। कोई भी इतने सारे नियमों को तोड़ने की इजाजत नहीं देगा। सरकार चलाने का मतलब सिर्फ फाइलों पर हस्ताक्षर करना नहीं है। सरकार चलाने के लिए कैबिनेट की बैठकें बुलाई जाती हैं, मंत्रियों से सलाह ली जाती है और बहुत सारे कर्मचारी होते हैं। एलजी के साथ बैठकें या टेलीफोन पर बातचीत होती है। जेल में टेलीफोन की सुविधा नहीं है। जनता अपनी समस्याएं लेकर निवारण के लिए मुख्यमंत्री से मिलने आती है। जेल में सीएम कार्यालय बनाना असंभव है। जेल में कैदी हर दिन 5 मिनट के लिए अपने परिवार से बात कर सकते हैं और यह सब रिकॉर्ड किया जाता है।''

जानिए क्या हैं नियम?

आपको बता दें कि फिलहाल ऐसा कोई नियम नहीं है जिसकी वजह से जेल से सरकार ना चलाई जा सके, लेकिन जेल से सरकार चलाने के पीछे कई सारी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है। सबसे जरूरी बात ये है कि जेल से सरकार तो चलाई जा सकती है, लेकिन सीएम कोई बैठक नहीं ले सकते। इसके साथ ही उन्हें किसी भी आदेश को पारित करने के लिए कोर्ट की मंजूरी लेनी होगी। जेल में बंद कैदी की सारी गतिविधियों पर नजर रहती है और कोई भी कार्य कोर्ट के आदेश पर ही किया जा सकता है। कैदी वकील की सहायता से किसी कानूनी दस्तावेज पर दस्तखत कर सकता है, लेकिन किसी सरकारी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए कोर्ट से मंजूरी लेना जरूरी होगा। बता दें कि अगर कोर्ट की मंजूरी लिए बिना कोई फैसला लिया जाता है तो उसे चुनौती दी जा सकती है।

जेल मैनुअल।

Image Source : INDIA TV
जेल मैनुअल।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीएम केजरीवाल को उन्हें में पेश किया गया, जहां से उन्हें 15 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। केजरीवाल अब तिहाड़ जेल में रहेंगे। हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि अब सीबीआई कभी भी कोर्ट में एप्लिकेशन लगाकर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन आबकारी एफआईआर मामले में अरविंद केजरीवाल को कस्टडी में लेने के लिए अर्जी लगा सकती है। इस मामले में अरविंद केजरीवाल से पिछले साल सीबीआई ने एक बार पूछताछ भी की थी। पूछताछ के बाद पीएमएलए केस में ईडी ने कार्रवाई शुरू कर दी थी। हालांकि, सीबीआई कोर्ट में कब जाएगी ये अभी तय नहीं है। 

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