Friday, May 03, 2024
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बिहार शिक्षक भर्ती में शामिल हुए बीएड पास कैंडिडेट्स को झटका, शिक्षा विभाग ने लिया ये बड़ा फैसला

बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बीपीएससी और शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से फिलहाल तीन लाख 90 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है।

Reported By : Nitish Chandra Edited By : Akash Mishra Updated on: September 13, 2023 6:23 IST
बीएड पास अभ्यर्थी को फिलहाल प्राइमरी टीचर की बहाली में नहीं किया जायेगा शामिल(सांकेतिक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : FILE बीएड पास अभ्यर्थी को फिलहाल प्राइमरी टीचर की बहाली में नहीं किया जायेगा शामिल(सांकेतिक फोटो)

बिहार में बी एड पास 3.90 लाख अभ्यर्थीयों को बड़ा झटका लगा है। राज्य में बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बीपीएससी और शिक्षा विभाग ने फैसला लिया है कि अब बीएड पास अभ्यर्थी को फिलहाल प्राइमरी टीचर की बहाली में शामिल नहीं किया जायेगा। इस फैसले के बाद शिक्षक परीक्षा में शामिल 3.90 लाख बीएड पास उम्मीदवारों के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है। हाल ही में बिहार में 1.70 लाख पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीपीएससी की तरफ से परीक्षा ली गई थी, जिसमें कक्षा एक से पांचवी तक के लिए 3 लाख 90 हजार बीएड पास अभ्यर्थियों ने भी हिस्सा लिया था। 

इस आधार पर शिक्षा विभाग ने लिया ये फैसला

ऐसा निर्णय लेने के पीछे कारण बताया गया है कि बीएड पास अभ्यर्थियों के रिजल्ट का मामला कोर्ट में चल रहा है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें प्राइमरी स्कूल में टीचर की बहाली के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कि बीएड कोर्स पूरा कर चुके अभ्यर्थी प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं माने जा रहे; इस फैसले के सन्दर्भ में ही शिक्षा विभाग ने ये फैसला किया है। 

डीएलएड या बीटीसी वाले ही पात्र
ताजा हालात में अब सिर्फ डीएलएड या बीटीसी कोर्स सफलता पूर्वक पूरा कर चुके अभ्यर्थी ही पहली से पांचवीं तक पढ़ाने के लिए पात्र माने जाएंगे और सिर्फ उनकी बहाली प्राइमरी स्कूलों में की जाएगी। कुल मिलाकर बीपीएएससी और शिक्षा विभाग के इस फैसले से फिलहाल तीन लाख 90 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। 

'बेवजह परीक्षा ली गई,  अब कोर्ट का हवाला देकर बहाली पर रोक लगा रही सरकार'
परीक्षार्थियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला शिक्षक बहाली की परीक्षा के पहले ही आ गया था। इसके वावजूद उन्हें गुमराह किया गया, बेवजह परीक्षा ली गई। परीक्षा देने के लिए आने जाने ठहरने में उनका काफी पैसा खर्च हो गया। परीक्षा शुल्क वापस करने से बचने के लिए सरकार ने परीक्षा ले ली और अब कोर्ट का हवाला देकर बहाली पर रोक लगा रही है। 

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