
दिल्ली सरकार ने एकेडमिक सेशन 2026-27 से पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 6 वर्ष की समान न्यूनतम आयु लागू करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 एवं शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के अनुरूप स्कूली शिक्षा के आधारभूत चरण के पुनर्गठन की घोषणा की है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय (डीओई) द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया। जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार, आधारभूत चरण को पुनर्गठित किया जाएगा, जिसमें क्लास 1 से पहले तीन वर्ष की पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को शामिल किया जाएगा।
क्या है उद्देश्य?
इस कदम का मकसद दिल्ली की स्कूल प्रणाली को एनईपी के तहत अनुशंसित 5+3+3+4 संरचना के अनुरूप बनाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत शुरू की गई यह संरचना पहले की 10+2 प्रणाली की जगह लेती है और स्कूली शिक्षा को चार चरणों में पुनर्गठित करती है, जिनमें पांच साल का आधारभूत चरण, तीन साल का प्रारंभिक चरण, तीन साल का मध्य चरण और चार साल का माध्यमिक चरण शामिल है।
नर्सरी, LKG और UKG के लिए आयु सीमा
सर्कुलर में कहा गया है कि बच्चों को तीन साल की उम्र में नर्सरी (जिसे प्री-स्कूल या 'बाल वाटिका' भी कहा जाता है) में, चार साल की एज में 'लोअर केजी' (प्री-स्कूल 2) में तथा पांच साल की उम्र में 'अपर केजी' (प्री-स्कूल 3) में दाखिला दिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से पहली कक्षा में दाखिला केवल 6 वर्ष की आयु पूरी होने पर ही दिया जाएगा।
सर्कुलर के अनुसार, इस प्रक्रिया में भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास में निदेशालय ने अभिभावकों, शिक्षकों, छात्रों, स्कूल प्रबंधन, विषय विशेषज्ञों, पेशेवरों, विद्वानों और आम जनता सहित हितधारकों से 10 जुलाई से पहले सुझाव आमंत्रित किए हैं। (पीटीआई इनपुट)