Monday, April 29, 2024
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Gujarat Elections: क्या 2022 में 2002 का रिकॉर्ड तोड़ेगी बीजेपी? गुजरात का पूरा गणित समझ लीजिए

Gujarat Elections 2022: राहुल गांधी एक स्ट्रैटजी बनाकर गुजरात से दूर हैं। नरेंद्र मोदी अभी एक बड़े कैनवास पर गुजरात का चित्र खींच रहे हैं। गुजरात में अभी मोदी का ट्रेलर दिखा है, रियल पिक्चर इलेक्शन डेट एनाउंस होने के बाद दिखेगी। नवंबर में ऐसी लहर उठेगी जो 2019 से भी बड़ी होगी।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: October 21, 2022 6:42 IST
Narendra Modi- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Narendra Modi

Highlights

  • गुजरात में 27 साल से है एक ही पार्टी का राज
  • 2002 से भी ज़्यादा सीटें जीतने का टारगेट
  • 2022 में मोदी ने 2019 से भी बड़ी जीत सोची है

Gujarat Elections 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात दौरे के दूसरे दिन भी कई हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की सौगात देंगे। गुजरात इकलौता राज्य है, जहां लहर एकतरफा है। 27 साल से यहां सत्ता बदली ही नहीं और मोदी लहर बरकरार रही। गुजरात में एक ही नेता है और 27 साल से एक ही पार्टी का राज है। इस बार क्या होगा? बीजेपी वॉर रूम से खबर आई है कि इस बार टारगेट बढ़ा दिया गया है। पीएम मोदी ने 2002 के चुनाव से भी ज़्यादा सीटें, 2007 और 2012 से भी ज़्यादा सीटें जीतने का टारगेट 2022 में रखा है।

गुजरात फिर से भगवा रंग में रंगेगा?

गांधीनगर, अहमदाबाद, जूनागढ़ और राजकोट.. 10 घंटे के अंदर-अंदर नरेंद्र मोदी ने गुजरात के 4 सेंटर्स पर जाकर जनता का मूड भांप लिया। मोदी ने देख लिया है गुजरात फिर से भगवा रंग में रंगेगा। 2022 में नरेंद्र मोदी ने 2019 से भी बड़ी जीत सोची है।

  • गांधीनगर में विधानसभा की 5 सीटें हैं। 2017 के चुनाव में राजधानी की 3 सीटें बीजेपी और 2 सीटें कांग्रेस ने जीती थी।
  • गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में विधानसभा की 21 सीटें हैं। 17 में इनमें से 16 सीटें बीजेपी को मिली थीं और 5 सीट कांग्रेस को गई थी।
  • जूनागढ़ की एकमात्र सीट कांग्रेस ने बीजेपी से छीन ली थी।
  • लेकिन राजकोट की 8 सीटों में से 5 सीटें बीजेपी ने जीत ली थी और कांग्रेस को केवल 3 सीट मिली थी।

गुजरात का कोना-कोना छान चुके हैं मोदी
नरेंद्र मोदी आज जहां-जहां गए, वहां विधानसभा की 35 सीटें हैं। 2017 के चुनाव में इनमें से 25 सीटें बीजेपी ने जीती थी। दिवाली बाद गुजरात में कभी भी चुनाव का नगाड़ा बज सकता है ऐसे में प्रधानमंत्री का 2 दिनों का यह गुजरात दौरा चुनाव से पहले उनका आखिरी दौरा हो सकता है। चुनाव की तारीख एनाउंस होने से पहले पिछले एक महीने में मोदी गुजरात का कोना-कोना छान चुके हैं। पीएम ने पिछले दौरे में सूरत और वडोदरा को भी शामिल किया था।
- सूरत में विधानसभा की 16 सीटें हैं। 2017 के चुनाव में इनमें से 15 सीटें बीजेपी ने जीती थी।
- वडोदरा में विधानसभा की 10 सीटें हैं। 2017 के चुनाव में 10 में से 9 सीटें बीजेपी को मिली थी।

PM Modi and BJP Leaders

Image Source : PTI
PM Modi and BJP Leaders

गुजरात चुनाव में ये है मोदी का टारगेट
पांच साल पहले गांधीनगर, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट जैसे पांच बड़े शहरों की 60 सीटों में से 48 सीटें बीजेपी ने जीती थी और कांग्रेस को केवल 12 सीटें मिली थी। बड़े शहरों में 80% के इस स्ट्राइक रेट ने ही तब बीजेपी की सरकार बनवा दी थी। इस बार नरेंद्र मोदी अपनी स्ट्राइक रेट को और बेहतर करना चाहते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में गुजरात ने मोदी को 26/26 मार्क्स दिए लेकिन अभी बात विधानसभा चुनाव की है, जिसमें मोदी ने बड़ा लक्ष्य रखा है। 130 सीटें, गुजरात में ये नरेंद्र मोदी का टारगेट है। मोदी की प्लानिंग, सारी स्ट्रैटजी इसी नंबर को एचीव करने के लिए है।

  • 2002 में नरेंद्र मोदी जब पहली बार गुजरात चुनाव लड़ रहे थे तब बीजेपी को 182 सीटों में से 127 सीटें मिली थीं।
  • 2007 के चुनाव में निगेटिव कैंपेनिंग के बाद भी मोदी ने विधानसभा की 117 सीटें जीतीं।
  • 2012 में मोदी का कद बड़ा हुआ, विरोध भी ज़्यादा हुआ। एंटी इनकम्बैंसी भी ज़्यादा थी, तब भी मोदी ने 182 में से 115 सीटें जीतीं।

नवंबर में ऐसी लहर उठेगी जो 2019 से भी बड़ी होगी
2017 के गुजरात चुनाव में मोदी देर से उतरे। मोदी के देर से आने का असर ये हुआ कि बीजेपी की सीटें 115 से घटकर 99 रह गईं। पिछले पांच चुनावों में बीजेपी का ये सबसे छोटा नंबर था इसके बाद भी 2017 में बीजेपी की सरकार बनी तो सिर्फ़ इस वजह से कि शहरी वोटर ने मोदी पर यकीन किया। कोई माने या न माने, आंकड़े कहते हैं कि पांच साल पहले बीजेपी शहर वाली पार्टी बनकर रह गई थी। इस बार नरेंद्र मोदी मैदान में पहले ही उतरे चुके हैं। कच्छ से लेकर केवड़िया तक, साबरकांठा से लेकर जूनागढ़ तक और वलसाड से बनासकांठा तक नरेंद्र मोदी भगवा फहराने आए हैं क्योंकि 22 की गुजरात विजय से ही 24 के महाविजय का आधार तैयार होगा।

2019 से भी बड़ी होगी 2022 की लहर!
राहुल गांधी एक स्ट्रैटजी बनाकर गुजरात से दूर हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को यह चुनाव नरेंद्र मोदी Vs राहुल गांधी कराने में ख़तरा दिख रहा है। कांग्रेस के नेता देहाती इलाकों में चुप्पे-चाप घूम रहे हैं और गांव-गांव बैठकें कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी अभी एक बड़े कैनवास पर गुजरात का चित्र खींच रहे हैं। गुजरात में अभी मोदी का ट्रेलर दिखा है, रियल पिक्चर इलेक्शन डेट एनाउंस होने के बाद दिखेगी। नवंबर में ऐसी लहर उठेगी जो 2019 से भी बड़ी होगी।

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