पवनदीप की बहन सपना राजन का कहना है कि उनका भाई बचपन से संगीत के प्रति बेहद जुनूनी था। संगीत के किसी भी कार्यक्रम में वह प्रथम स्थान प्राप्त करता था। पवन ने गायन के लिए किसी प्रकार की कोई शिक्षा नहीं ली है। पिता का मागदर्शन में ही उसने यह मुकाम हासिल किया है।
वैसे पवनदीप राजन बचपन से ही प्रतिभा का धनी था,तीन साल की उम्र में तबला वादन शुरू कर दिया था। जब कुछ बड़ा हुआ तो संगीत को अपनी साधना बना डाला। कई कार्यकर्मो में उसने अपनी सुरीली और मधुर आवाज़ का जादू बिखेरा। अब तो वो आवाज़ का विनर ही बन गया।