फिल्म इंडस्ट्री में 25 साल का सफर तय करने के बाद आखिरकार अभिषेक बच्चन को वह पल मिला जिसका उन्हें लंबे समय से इंतजार था, 2025 के फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार। फिल्म 'आई वांट टू टॉक' में अपने प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए उन्हें यह सम्मान मिला। जैसे ही उनका नाम विजेता के रूप में घोषित हुआ, मंच पर पहुंचते ही वे भावुक हो उठे और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। मंच पर माइक संभालते ही पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया।
भावुक हो गए अभिषेक
कांपती आवाज में अभिषेक ने कहा, 'इस साल इंडस्ट्री में मेरे 25 साल पूरे हो गए हैं। मुझे नहीं याद कि मैंने इस ट्रॉफी के लिए कितनी बार आइने के सामने भाषण की रिहर्सल की है।' यह पल उनके लिए सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक सपना सच होने जैसा था। अभिषेक ने इस सम्मान को पूरी विनम्रता से स्वीकार किया और अपने संघर्षों भरे करियर को याद किया, जहां सफलता भी थी, असफलताएं भी, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उन्होंने कहा, 'ये जीत हमेशा मेरा सपना रही है। लेकिन इसे अपने परिवार की मौजूदगी में हासिल करना इसे और भी खास बनाता है।'
ऐश्वर्या को दिया श्रेय
मंच पर थोड़ी गंभीरता के बीच उन्होंने अपनी मशहूर हाज़िरजवाबी से माहौल हल्का किया। अवॉर्ड देने आए कार्तिक आर्यन की ओर देखकर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, 'कार्तिक, रुको... मैं शुरू करने वाला हूं, उससे पहले तुम शांत हो जाओ। देखो, इसे लगा था कि मैं जीतूंगा ही नहीं!' इस मजाक पर पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा, लेकिन फिर भावनाएं फिर से गहराईं जब अभिषेक ने अपनी जीत उन लोगों को समर्पित की जिन्होंने उनके जीवन को आकार दिया। उन्होंने मंच से अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन और बेटी आराध्या का नाम लेते हुए कहा, 'मैं ऐश्वर्या और आराध्या का शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने मुझे अपने सपनों को जीने की आज़ादी दी। आज की ये जीत, उनके उस समर्थन और त्याग का नतीजा है।'
बेटी को किया समर्पित
इसके बाद अभिषेक ने अपने पुरस्कार को दो खास लोगों को समर्पित किया, 'यह फिल्म एक पिता और बेटी की कहानी है। इसलिए मैं यह अवॉर्ड अपने हीरो, अपने पिता को और अपनी दूसरी हीरो, अपनी बेटी को समर्पित करता हूं।' जैसे ही कैमरे ने अमिताभ और जया बच्चन की भावुक मुस्कानें कैद कीं, पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया। 'आई वांट टू टॉक' अभिषेक बच्चन की शूजित सरकार के साथ पहली फिल्म है, वहीं निर्देशक जिन्होंने विक्की डोनर, पीकू और सरदार उधम जैसी सराही गई फिल्मों का निर्देशन किया है। सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म में अभिषेक ने एक गंभीर रूप से बीमार पिता का किरदार निभाया है, जो अपनी बिछड़ी हुई बेटी से दोबारा जुड़ने की कोशिश करता है।
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