
अलका याग्निक की संगीत यात्रा बेहद कम उम्र में शुरू हो गई थी। जब वे सिर्फ 6 साल की थीं, तब से ही उन्होंने सुरों की साधना शुरू कर दी थी। छोटी सी उम्र में ही अलका कोलकाता के रेडियो स्टूडियो में गाने जाया करती थीं। 20 मार्च 1966 को कोलकाता में जन्मी अलका, मात्र 10 साल की उम्र में अपनी मां के साथ मुंबई आ गई थीं, जहां से उनके संगीत करियर की असल शुरुआत हुई। मुंबई आने के बाद, प्रसिद्ध संगीत निर्देशक जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी (विशेष रूप से कल्याणजी) उनकी आवाज से बेहद प्रभावित हुए। हालांकि, उन्होंने अलका को सुझाव दिया कि उनकी आवाज में अभी और परिपक्वता आने का इंतजार करना बेहतर होगा। साल 1979 में अलका को पहली बार बॉलीवुड में मौका मिला फिल्म ‘पायल की झनकार’ से, जो राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म थी। इसके तीन साल बाद, 1982 में उन्हें राजेश रोशन की फिल्म ‘हमारी बहू अल्का’ में पूरा गाना ‘हम तुम रहेंगे’ गाने का मौका मिला।
ट्रेन में हुई थी पति से मुलाकात
अलका की नीरज से पहली मुलाकात 1986 में दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई थी। वह अपनी मां के साथ कोलकाता से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचीं, जहां गायिका की मां के दोस्त का भतीजा उर्फ नीरज उन्हें लेने स्टेशन पहुंचे। बॉलीवुडशादि डॉट कॉम के अनुसार, अब पति-पत्नी बन चुके इन दोनों की एक-दूसरे के बारे में पहली राय बिल्कुल अलग थी, जैसा कि अलका ने खुद बताया। उन्होंने कहा, 'वह अपने पजामे में आया था और मेरी पहली धारणा यह थी कि किस तरह का आदमी ऐसा कर सकता है। बाद में उसने मुझे बताया कि मेरे बारे में उसकी पहली धारणा एक बहुत ही आकर्षक महिला की थी जो सुबह के समय ट्रेन से यात्रा करके एकदम सज-धज कर उतरी थी।' बाद में अलका और नीरज दोनों ने संपर्क बनाए रखा। दो साल बाद, गायिका और उसके प्रेमी दोनों ने 1988 में शादी करने का फैसला किया। यह वही साल था जब अलका का फिल्म तेजाब का मशहूर गाना एक दो तीन ब्लॉकबस्टर बन गया था, जिसने उन्हें कई प्रशंसाएं दिलाई थीं। हालांकि, दोनों के परिवार पहले उनके अलग-अलग करियर के कारण शादी के लिए झिझक रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने इस फैसले को स्वीकार कर लिया। अलका ने फरवरी 1989 में अपने जीवन के प्यार से शादी कर ली।
इस गाने ने दिलाई असल पहचान
अलका की असली पहचान बनी गाने 'मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है' से। इस गाने ने उन्हें काफी लोकप्रियता दिलाई। लेकिन उनकी जिंदगी का असली टर्निंग पॉइंट था साल 1988, जब फिल्म 'तेजाब' रिलीज़ हुई। इस फिल्म का सुपरहिट गाना 'एक दो तीन' ने उन्हें रातोंरात स्टार सिंगर बना दिया। यह गाना देशभर में गूंजने लगा और अलका याग्निक की पहचान हर घर में होने लगी। हाल ही में अलका ने इस गाने की रिकॉर्डिंग से जुड़ा एक किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि जब उन्हें इस गाने के लिए स्टूडियो बुलाया गया, तो वहां उन्हें गीत के बोल दिए गए। उन्होंने कहा, 'जब मैंने गाने के बोल पढ़े – 1, 2, 3, 4... तो मुझे ये बहुत अजीब और बिना सिरपैर के लगे। मैं थोड़ी उलझन में पड़ गई थी और सोचा कि लक्ष्मीकांत जी से बात करूं। लेकिन मैं उनसे बहुत डरती थी, इसलिए चुप रही।' अलका ने आगे बताया, 'लक्ष्मीकांत जी पान खा रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा, ‘पहली लाइन लिखो।’ जैसे ही मैंने गाने की पंक्तियाँ लिखनी शुरू कीं, मुझे उसकी धुन और भावना समझ में आने लगी। फिर मैंने गाना शुरू किया और धीरे-धीरे इसमें रमती चली गई।' आज भी ‘एक दो तीन’ न सिर्फ अलका याग्निक के करियर का मील का पत्थर है, बल्कि बॉलीवुड के सबसे यादगार गानों में से एक माना जाता है।
ऐसे बनी सुपरहिट धुन
गाने की मेकिंग को लेकर अलका याग्निक ने एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा, 'जब मैंने गाना गाना शुरू किया, तो धीरे-धीरे इसमें इतना मजा आने लगा कि मैं पूरी तरह उसमें डूब गई। हर अंतरा कुछ नया लेकर आता था और सभी में एक खास आकर्षण था। लेकिन जो मजा आखिरी अंतरा गाने में आया, वो सबसे खास था।' संगीतकार लक्ष्मीकांत के बारे में अलका ने बताया कि उन्हें पान खाने का बहुत शौक था। मजे की बात यह है कि पान चबाते-चबाते ही उन्होंने कई हिट गानों की धुन तैयार की थी। ‘एक दो तीन’ भी उन्हीं में से एक था। इस गाने को और भी खास बना दिया अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने, जिन्होंने अपने जबरदस्त डांस परफॉर्मेंस से इसे चार्टबस्टर बना दिया। रिलीज़ होते ही यह गाना टॉप चार्ट्स में पहुंच गया और लंबे समय तक वहां बना रहा।
ओसामा बिन लादेन भी था फैन
बता दें कि अलका याग्निक बॉलीवुड की ऐसी सिंगर हैं जिनकी सुरीली आवाज का जादू पूरी दुनिया में लोगों को दीवाना बना चुका है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में अल्का याग्निक को सुना जाता है। खास बात ये है कि ओसामा बिन लादेन भी अलका याग्निक का फैन था। जब अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को मौत के घाट उतारा तो उसके घर से अल्का याग्निक के कई गानों को टेप मिले थे।