Saturday, December 14, 2024
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Explainer: एम्स को दान किए गए सीताराम येचुरी के शव के साथ क्या किया जाएगा? जानें पूरी प्रक्रिया

सीताराम येचुरी के शव को उनकी इच्छा के मुताबिक, एम्स को दान किया जाने वाला है। इस दौरान उनके शव का हॉस्पिटल में क्या होगा, इस एक्सप्लेनर में हम यही बता रहे हैं।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Sep 14, 2024 12:11 IST, Updated : Sep 14, 2024 12:17 IST
Sitaram Yechury- India TV Hindi
Image Source : ANI सीताराम येचुरी

नई दिल्ली: सीपीआईएम के तेज तर्रार नेता सीताराम येचुरी का 12 सितंबर को 72 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। अंतिम दर्शन के बाद उनके शव को एम्स के एनाटॉमी विभाग को दे दिया जाएगा। दरअसल येचुरी की इच्छा थी कि उनका शव एम्‍स को ही दान किया जाए।

दान किए गए शव के साथ हॉस्पिटल में क्या होता है?

अगर किसी व्यक्ति के शव को हॉस्पिटल में दान किया जाता है तो उसके शव को एनाटॉमी विभाग में ले जाया जाता है। यहां पर जो छात्र डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे हैं, वह शव को चीर-फाड़कर मानव अंगों के बारे में सीखते हैं, जो उन्हें आगे की प्रैक्टिस में एक बेहतर डॉक्टर बनने के काम आता है। शव के अंगों द्वारा तमाम सर्जरी की बारीकियां सिखाई जाती हैं। 

हालांकि ऐसा नहीं है कि शव के हॉस्पिटल में आने के फौरन बाद ही ये काम शुरू किया जाता है। बल्कि सबसे पहले शव को सुरक्षित रखने की कोशिश की जाती है क्योंकि मृत देह बहुत जल्दी खराब होने लगती है। ऐसे में शव के ऊपर तमाम तरह के कैमिकल लगाए जाते हैं, जिससे वह बदबू ना मारे और ना ही खराब हो।

इसके बाद डॉक्टरी पढ़ रहे छात्र, शव के तमाम अंगों के साथ प्रयोग करते हैं और सीखते हैं। ये मेडिकल छात्रों की रिसर्च का एक हिस्सा होता है। जब शव प्रयोग के दौरान पूरा तरह इस्तेमाल हो जाता है तो उसमें से हड्डियों को निकाल लिया जाता है और बाकी शरीर को डिस्पोज कर दिया जाता है। 

शव से निकाली गई हड्डियां छात्रों की पढ़ाई और रिसर्च में काम आती हैं। भारत में एक शव बहुत लंबे समय तक मेडिकल छात्रों के प्रयोग में नहीं रहता। क्योंकि यहां छात्रों की संख्या अधिक है और उस हिसाब से प्रयोग के लिए शवों की संख्या बेहद कम होती है। ऐसे में एक शव पर बड़ी संख्या में छात्र स्टडी करते हैं।

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