Wednesday, May 01, 2024
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नरेंद्र मोदी ने साल 2001 में आज ही ली थी गुजरात के सीएम पद की शपथ, प्रशासक के तौर पर पूरे हुए 22 साल

नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। शपथ लेने के बाद से ही उन्होंने राज्य के विकास और उन्नति के लिए काम करना शुरू कार्ड दिया। आज उन्हें प्रशासनिक सेवा करते हुए 22 साल पूरे हो चुके हैं।

Nirnay Kapoor Reported By: Nirnay Kapoor @@nirnaykapoor
Updated on: October 07, 2023 14:38 IST
Narendra Modi- India TV Hindi
Image Source : FILE नरेंद्र मोदी

Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशासक कार्यकाल की शुरुआत आज ही से हुई थी। 7 अक्टूबर साल 2001में नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शपथ ली थी। 2001 में गुजरात ने विनाशक भूकंप की मार झेली थी। मुख्यमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के सामने अनेक चुनौतियां थीं। उसके बाद हुए आम चुनाव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने बहुमत की सरकार बनाई। नरेन्द्र मोदी गुजरात में संघ के प्रचारक के तौर पर प्रदेश के हर गांव को एक प्रकार से घूम चुके थे। इस कारण उन्हें गुजरात राज्य की समस्याओं के बारे में भली-भांति जानकारी थी। उन्होंने जल शक्ति, जन शक्ति, ऊर्जा शक्ति, ज्ञान शक्ति और रक्षा शक्ति की पंचामृत शक्ति के अधार पर राज्य का विकास किया। अपने ग्राउंड वर्क, विज़न और प्रो-एक्टीवि गवर्नेन्स को आधार बना कर उन्होंने गुजरात का चहुंमुखी विकास किया। आइए जानते हैं उन्कने कुछ जनहित के कार्यों को - 

जल प्रबंधन

 गुजरात पहले से ही वॉटर डेफिसिट स्टेट था।

 राज्य के लिए बहुआयामी नर्मदा परियोजना का काम अटका हुआ था।

 नरेन्द्र मोदीने जल संचय और जल सिंचन को जन आंदोलन बनाया और उसमें लोगों को जोड़ा। गांव-गांव में चेकडैम और बोरीबांध द्वारा सिंचाई की सुविधा बढ़ी।

 दूसरी ओर उन्होंने नर्मदा योजना के बजट को दो गुना बढ़ा दिया।

 उन्होंने नर्मदा के बाढ़ के बह जाने वाले 3 मिलियन एकर फीट पानी का प्रबंधन कर तीन परियोजनाएं बनाईं; सौराष्ट्र के लिए सौनी, उत्तर गुजरात के लिए सुजलाम सुफलाम और कच्छ ब्रांच कैनाल ।

 इन तीन परियोजाओं के कारण आज गुजरात के कोने-कोने तक पीने और सिंचाई के लिए गुणवत्ता युक्त पानी मिल रहा है।

 गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बना, जहां वॉटरग्रिड का निर्माण हुआ।

 69,000 लंबे कैनाल नेटवर्क का निर्माण हुआ

 गुजरात की अति महत्वपूर्ण परियोजना नर्मदा योजना को लेकर जब उस समय की केन्द्र सरकार ने रोड़े डाले, तब उन्होंने उपवास

 आंदोलन तक किया और आज नर्मदा बांध अपनी पूर्ण उंचाई तक पहुंचा है।

 नरेन्द्र मोदी के प्रयासों के कारण गुजरात ने वॉटर डेफिसिट स्टेट के दाग को मिटा दिया है

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नरेंद्र मोदी

ऊर्जा

 गुजरात में जब मोदी मुख्यमंत्री बने, तब लोगो ने उनसे मांग की थी कि शाम के खाने के समय बिजली मिले; उतना प्रबंधन कर दीजिए।

 नरेन्द्र मोदी ने इस बात को बड़ी गंभीरता से लिया।

 उन्होंने गांव-गांव तक घरों में 24 घंटे और खेतों में कम से कम 8 घंटे गुणवत्तायुक्त बिजली पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया।

 वर्ष 2005-06 में उन्होंने ज्योतिग्राम योजना की शुरुआत की।

 इस योजना के द्वारा उन्होंने कृषि के लिए अलग फीडर और घर के लिए अलग फीडर खड़े किए, साथ ही गुजरात ऊर्जा बोर्ड को 7 हिस्सों में बांट कर डीसेंट्रलाइज़ कर दिया।

 1,879 से अधिक ज्योतिग्राम फीडर और करीब 5 हजार कृषि फीडर को स्थापित किया गया। लगभग 19 हजार ट्रांसफॉर्मर्स स्थापित किए गए और 17 लाख से अधिक बिजली के खंभे लगाये गए।

 इसके कारण गुजरात में पावरग्रिड का निर्माण हुआ। ऐसा करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य था ।

 मोदी ने समय की मांग अनुसार गुजरात में रिन्यूएबल ऊर्जा को प्राधान्य दिया।

 वर्ष 2011 में 215 मेगावॉट की क्षमता का चारणका सोलर पार्क स्थापित किया गया था, जो उस समय का देश का सबसे बड़ा सोलर पार्क था।

 इसके साथ ही गुजरात में 700 मेगावॉट का राधानेसडा सोलर पार्क भी कार्यरत है।

 मोदी के प्रयासों के कारण गुजरात देश का पहला एनर्जी सरप्लस राज्य बना है।

 सोलर रूफटॉप योजना के क्रियान्वयन में गुजरात देश में प्रथम, 31 जुलाई, 2023 तक गुजरात में 2842 MW के सोलर

 हर घर पहुँची रसोई गैस राज्य में 40,000 किमी से अधिक का गैस पाईपलाईन नेटवर्क

कृषि क्षेत्र

 नरेन्द्र मोदी ने पूरे प्रदेश में कृषि महोत्सव एवं पशु स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया। ये कृषि मेले गुजरात के कृषि क्षेत्र के लिए एक बहुत बड़ा परिवर्तन लेकर आए।

 गुजरात का किसान मूल रूप से बारिश आधारित खेती करता था।

 कृषि महोत्सव के कारण लैब टु लैंड एप्रोच से किसानों को नई तकनीक, नए उपकरण और नए इनपुट के बारे में मालूम चला, जिसके कारण किसानों ने नई तकनीक अपनाई और उनकी उपज बढ़ी।

 नर्मदा परियोजना और सिंचाई की अन्य योजनाओं के कारण गुजरात के खेतों में पानी पहुंचा।

 नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के किसानों को 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' का सूत्र दिया और उन्हें सूक्ष्म सिंचाई के लिए प्रेरित किया। इसके लिए उन्होंने विशेष जीजीआरसी का गठन किया।

 नरेन्द्र मोदी ने किसानों को बागवानी के लिए प्रेरित किया साथ ही एयो और एयो प्रोसेसिंग पर भी बल दिया।

 आज गुजरात के खेतों में बिजली और पानी मिलने से किसान एक सीजन ज्यादा फसल उगा सकते हैं।

 गुजरात आज मूंगफली और अरंडी के उत्पादन में प्रथम स्थान पर, कपास के उत्पादन में द्वितीय स्थान पर है

 गुजरात में कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी महत्वपूर्ण व्यवसाय हैकृषि महोत्सव के साथ हुए पशु स्वास्थ्य मेलों से पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार आया।

 पिछले 22 वर्षों में 76,600 पशु स्वास्थ्य मेलों का आयोजन और 3.19 करोड़ से अधिक पशुओं का निःशुल्क उपचार किया गया है

 यहां डेयरी और कृषि में सहकारी क्षेत्र का मजबूत ढांचा है जिसके कारण डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा मिला। गुजरात दूध के उत्पादन में अग्रसर राज्य है।

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शिक्षा एवं युवा क्षेत्र

 जब  नरेन्द्र मोदी ने गुजरात का कार्यभार संभाला था, तब गुजरात में स्कूल ड्रॉपआउट रेट काफी ज्यादा था । बच्चियों की

 इन दोनों समस्याओं का समाधान करते हुए नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2003 से कन्या केळवणी और शाळा प्रवेशोत्सव की शुरुआत शिक्षा प्रदेश के लिए चिंता का विषय था।

 इन दोनों समस्याओं का समाधान करते हुए नरेन्द्र मोदी ने वर्य 2003 से कन्या केळवणी और शाळा प्रवेशोत्सव की शुरुआत की।

 वे और उनकी पूरी सरकार गाँव-गाँव तक गई और स्कूल में बच्चों का नामांकन करवाया। यह परंपरा गुजरात के शिक्षा क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लेकर आई। स्कूल ड्रॉपआउट रेट जो कि 37 प्रतिशत था, वह आज 2 प्रतिशत तक आ गया है।

 युवाओं के लिए शिक्षा के नए अवसर खोलने के लिए उन्होंने प्रदेश में स्पेशलाइज़्ड  खोली। यूकनवक्तसिकटयों की संख्या 14 से बढ़कर 108 हुई है।

 गुजरात के युवाओं को मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अन्य राज्यों में जाना पड़ता था। श्री नरेन्द्र मोदी ने इसका समाधान निकालते हुए गुजरात में मेडिकल और इंजीनियरिंग की सीट्स बढ़ाई । 

 इंजीनियरिंग कॉलेजो की संख्या 26 से बढकर 133 हुई है, मेडिकल सीटों की संख्या 1375 से बढ़ कर 6800 हुई है।

 युवाओं को स्किल प्रदान करने के लिए उन्होंने विशेष स्किल डेवलपमेंट मिशन की शुरुआत की और उसे उद्योगों से जोड़ा। जिसके कारण उद्योगों की ज़रूरतों के अनुसार मानव बल तैयार हुआ और युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले।

 गुजरात के युवाओं की खेल में रुचि बढ़े और वे ओलिम्पिक तक पहुँचे; इसके लिए प्रदेश में खेल महाकुंभ द्वारा खेलों का आयोजन किया।

स्वास्थ्य क्षेत्र

 नरेन्द्र मोदी ने गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए "मा" और "मा- वात्सल्य" योजना शुरू की थी, जो आगे बढ़ कर विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना बनी। आज गुजरात में PMJAY MA कार्ड धारकों को 10 लाख रुपए तक का सालाना निःशुल्क स्वास्थ्य उपचार मिल रहा है।

 गुजरात में कुपोषण एक भयानक चुनौती थी। हजारों बच्चे ऐसे थे, जो अपना पहला जन्म दिन भी नहीं देख पाते थे। हजारों बच्चे ऐसे थे, जो जन्म से ही माता विहीन हो जाते थे।

 उस समय नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात ने कुपोषण के विरुद्ध बड़ी लड़ाई छेड़ी।

 गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों को घर पर ही पोषणयुक्त आहार के लिए राशन पहुँचाना शुरु किया गया।

 अस्पताल में प्रसव का प्रतिशत 99.5% पर पहुँचा।

 पोषण ट्रैकर डेशबोर्ड से मॉनिटरिंग शुरू की गई आंगनबाड़ियों में ऊंचाई तथा वजन मापन संसाधन पहुँचाए गए। आँगनबाड़ियों में पोषणयुक्त आहार पहुँचाने की शुरुआत की गई।

 स्कूलों में दूध की थैलियाँ देनी शुरू की गई किशोरियों को आयरन की गोलियां देनी शुरू की गई। इस लड़ाई में गुजरात जीता और माता-बाल मृत्यु दर में भारी कमी आई।

 आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण को दूर करने के लिए विशेष दूध संजीवनी योजना शुरू की गई और बच्चों को स्कूल में तीन दिन फ्लेवर्ड मिल्क दिया जा रहा है।

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महिला

 नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात में "जेंडर बजट का नया प्रयोग किया है। इस वर्ष का जेंडर बजट 1 लाख करोड़ रुपए के पार है

 महिलाओं के सर्वसमावेशी विकास के लिए सर्वग्राही नारी गौरव नीति बनाने वाला गुजरात देश का पहला राज्य था। इस नीति के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर ज्यादा अवसर मिले।

 महिलाओं का स्किल डेवलपमेंट हुआ, एनजीओ और को-ऑपरेटिव संस्थाओं के माध्यम से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े।

 गुजरात में स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण है।

 पुलिस समेत सभी सरकारी भर्तियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण है।

 प्रदेश की महिलाओं तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2001 में अलग से महिला बाल विकास मंत्रालय की शुरुआत की।

 महिला जन प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिले इसके लिए "समरस महिला ग्राम पंचायत" योजना लागू की गई। इसके तहत पहली बार समरस महिला ग्राम पंचायत को 3 लाख, दूसरी बार में 5175 लाख और तीसरी बारे में 8 लाख रुपए अतिरिक्त अनुदान दिया जाता है।

 गांव में जल प्रबंधन में महिलाओं की कुशलता का उपयोग हो सके इसके लिए हर गांव में पानी समितियां बनाई गई थीं, इन समितियों में महिला सभासद को अनिवार्य रूप से स्थान दिया गया।

 गुजरात में पशुपालन के व्यवसाय में 65 प्रतिशत से अधिक महिलाएं कार्यरत हैं। महिलाओं को पशुपालन व्यवसाय में बल मिले इसके लिए प्रदेश में महिला दूध सहकारी मंडलियों का गठन किया गया। महिला दूध सहकारी मंडलियों को दूध घर बनाने के लिए 1 रुपये के टॉकन दर पर 300 वर्ग मीटर जमीन 15 साल के भाड़े पर दी जाती है।

 प्रदेश की आदिवासी महिलाओं को सशक्त करने के लिए वन प्रबंधन मंडलियों में महिलाओं को स्थान दिया। आज पांच लाख से अधिक महिलाएं वन विकास में अपना योगदान दे रही हैं। 

 प्रदेश में महिलाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण मिले, व्यापारोन्मुखी और गृह उद्योगोन्मुखी प्रशिक्षण मिले इसके लिए महिला आर्थिक विकास निगम की शुरुआत की गई है।

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कानून एवं व्यवस्था

 एक समय था, जब गुजरात में दंगे आम बात हो चुकी थी। आए दिन शहरों में कर्फ्यू लगते थे।

 नरेन्द्र मोदी ने कानून व्यवस्था को इस कदर बदला कि आज के युवा को कर्फ्यू क्या होता है यह मालूम नहीं है।

 गुजरात आज बेटियों के लिए देश में सबसे सुरक्षित राज्य बना है।

 बेहतर कानून व्यवस्था के कारण गुजरात में उद्योग एवं सेवा क्षेत्र को भी बल मिला। 

 गुजरात में विदेशी निवेश बढ़ा जिसका एक मुख्य कारण प्रदेश की बहेतर कानून एवं व्यवस्था है।

उद्योग

 गुजरात के उद्योगो को बल देने के लिए बाइब्रेंट समिट की शुरुआत की। यह समिट एक इवेंट से इंस्टीट्यूशन बनी, साथ ही अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बनी।

 उद्योंगो के लिए स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन, इन्डस्ट्रीज पॉलिसी, टेक्टाइल पॉलिसी जैसी विशेष नीतियों का गठन किया गया

 गुजरात में स्पेशल गिफ्ट सिटी, ड्रीम सिटी जैसे प्रोजेक्ट शुरू किए गए।

 अपने मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों के साथ गुजरात की अर्थव्यवस्था को भारत के विकास इंजन के रूप में जाना जाता है। 2002-03 से 2022-23 तक गुजरात 15% की CAGR (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर), जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है, के साथ | सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) के मामले में लगातार देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाले राज्यों में से एक रहा है। भारत के केवल 6% भूमि और 5% आबादी वाले गुजरात ने देश के सबसे अधिक औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों में से एक होने का गौरव हासिल किया है।

 गुजरात आर्थिक एवं औद्योगिक; दोनों ही स्तरों पर विकास के मामले में मजबूती से उभरा है। वित्त वर्ष 2022-23 (मोजूदा मूल्यों पर अनुमानित) के अनुसार, गुजरात भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 8% का योगदान देता है।

 वित्त वर्ष 2022-23 में वर्तमान मूल्य पर राज्य की GSDP का मूल्य 22.61 लाख करोड़ रुपए (265 बिलियन अमेरिकी डॉलर) आंका गया था।

 गुजरात भारत देश का विनिर्माण केंद्र बन गया है और वर्ष 2016-17 से लगातार चौथी बार भारत के औद्योगिक उत्पादन में पहले स्थान पर रहा है।

 वित्त वर्ष 2019-20 तक, गुजरात भारत के कुल 28,479 कारखानों में से 11.6% हिस्सेदारी के साथ कारखानों की संख्या के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है।

 गुजरात के पास वैल्यू-चेन में 13 लाख से अधिक MSME (उद्यम पंजीकरण) का एक बड़ा आधार भी मौजूद हैसाल 2000 से 2022 तक गुजरात को 55 बिलियन USD डॉलर का क्यूमलेटिव इन्वेस्टमेंट प्राप्त हुआ है। गुजरात 100 से अधिक फॉर्च्यून 500 ग्लोबल कंपनियों समेत दुनिया की कई बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों का केन्द्र भी है।

 

 

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