Saturday, April 27, 2024
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Anti-inflammatory diet: अब ये एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट कौन सी बला है? जानें इसके बारे में सबकुछ

Anti inflammatory diet: अक्सर हमारा इम्यून सिस्टम अपना काम ढंग से नहीं कर पाता है। इसके कारण शरीर में इंफ्लेमेशन का स्तर घटने लगता है, जो बेहद खतरनाक है। इंफ्लेमेटरी लेवल को कुछ खास चीजें डाइट में शामिल कर मैनेज रखा जा सकता है।

Akanksha Tiwari Edited By: Akanksha Tiwari @akankshamini
Published on: November 18, 2022 13:53 IST
health tips- India TV Hindi
Image Source : SOURCED Anti-inflammatory diet

Anti Inflammatory Diet: इंफ्लेमेशन शरीर को बीमारियों से लड़ने और उसे सुरक्षित रखने में मददगार होती है। इसलिए इसे ट्रीटमेंट प्रोसेस का एक हिस्सा कहना गलत नहीं होगा। लेकिन कई बार हमारा इम्यून सिस्टम अपना काम ढंग से नहीं कर पाता है। नतीजन इंफ्लेमेशन का स्तर घटने लगता है। क्रॉनिक इंफ्लेमेशन की समस्या सोरायसिस, आर्थराइटिस और अस्थमा जैसी बीमारियों के कारण होती है। इस बात के प्रमाण हैं कि डाइट में जरूरी बदलाव के साथ इंफ्लेमेशन के लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।

क्या होती है एंटी इनफ्लेमेटरी डाइट?

एक एंटी इनफ्लेमेटरी डाइट में प्लांट बेस्ड चीजें जैसे कि फल, सब्जियां और ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड शामिल होते हैं। इसके अलावा इसमें साबुत अनाज, लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट और तरह-तरह के मसाले भी शामिल रहते हैं। एंटी इनफ्लेमेटरी डाइट से प्रोसेस्ड फूड, रेड मीट और अल्कोहल जैसी चीजों को दूर रखा जाता है।

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डॉक्टर्स कहते हैं कि अनहेल्दी चीजें बॉडी में फ्री रेडिकल्स के निर्माण को बढ़ावा देती हैं। बार-बार इस्तेमाल में लाए जाने वाला कुकिंग ऑयल इसका एक स्पष्ट उदाहरण है। हालांकि इसके अलावा भी कई अन्य ऐसे कारक हैं जो फ्री रेडिकल्स की संख्या को बढ़ाते हैं, जैसे तनाव और धूम्रपान। फ्री रेडिकल्स हमारी कोशिकाओं को डैमेज करते हैं। ये डैमेज ही शरीर में इंफ्लेमेशन से जुड़ी समस्या की असल वजह होता है।

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हेल्दी फूड्स में पाए जाने वाले डाइट्री ऑक्सीडेंट्स ऐसे अणु होते हैं जो शरीर से इन फ्री रेडिकल्स को बाहर निकालते हैं। शरीर में इंफ्लेमेशन से जुड़ी समस्या होने पर आप मरीज की डाइट में कुछ खास चीजें शामिल कर सकते हैं। इसमें न्यूट्रिएंट्स और एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों को डाइट में शामिल करना चाहिए।

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इंफ्लेमेशन के मैनेज करती हैं ये चीजें

  • ऑयली फिश जैसे कि टूना और साल्मन
  • ब्लूबैरी, ब्लैकबैरी, स्ट्रॉबैरी और चैरी जैसे फल
  • केल, पालक और ब्रॉकली जैसी हरी सब्जियां
  • फलीदार सब्जियां
  • नट्स और सीड्स
  • ऑलिव ऑयल
  • फाइबर युक्त चीजें

(डिसक्लेमर: आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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