Wednesday, April 24, 2024
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पोलियो के बाद Anemia ने खींचा सरकार का ध्यान, जानें Budget 2023 में क्यों हुई इसे खत्म करने की बात

Budget 2023: भारत की 3% जनजातीय आबादी सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia) से पीड़ित है। ऐसे में हेल्थ बजट में इसके उन्मूलन का लक्ष्य देना, काफी बड़ी बात है। आइए, जानते हैं इस बीमारी के बारे में।

Pallavi Kumari Written By: Pallavi Kumari
Published on: February 01, 2023 14:10 IST
Health budget 2023- India TV Hindi
Image Source : ANI Health budget 2023

Budget 2023: हेल्थ बजट 2023 में वित्तमंत्री निर्मला सीता रमण ने हेल्थ सेक्टर के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं। इन तमाम घोषणाओं में से एक '2047 तक एनीमिया उन्मूलन का लक्ष्य (Health budget 2023 focus on eradicate sickle anemia by 2047)' ने लोगों को खास ध्यान खींचा है। लेकिन, आपने सोचा है कि ऐसा क्या है इस बीमारी को लेकर कि पोलियो और टीबी की बीमारी के बाद सरकार द्वारा इन बीमारी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। तो, आइए जानते हैं  सिकल सेल एनीमिया क्या है?

सिकल सेल एनीमिया क्या है-What is sickle cell anemia?

सिकल सेल एनीमिया, असल में खून से जुड़ी एक बीमारी है। इस बीमारी में रेड ब्लड सेल्स का साइज बदलने लगता है। ये  रेड ब्लड सेल्स गोलाकर से हंसिए की तरह बन जाते हैं और ब्लड वेसेल्स में ब्लॉकेज पैदा करते हैं। ये एक जेनेटिक बीमारी है जिसमें कि शरीर खून बनाना ही बंद कर देता है। इससे शरीर में खून गंभीर रूप से कमी होती है जिसकी वजह से कई लक्षण नजर आते हैं। 

 Sickle cell anemia

Image Source : FREEPIK
Sickle cell anemia

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सिकल सेल एनीमिया के लक्षण-Sickle cell anemia symptoms

-सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चे जन्म से ही कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। 

-हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द रहता है। 
-बच्चों की प्लीहा तिल्ली का आकार बढ़ जाता है। 
-शरीर में सूजन हो सकती है।
-बार-बार खून चढ़ाना पड़ सकता है। 

सिकल सेल एनीमिया का इलाज संभव है-Sickle cell anemia is curable?

सिकल सेल एनीमिया का पता ब्लड टेस्ट के जरिए किया जाता है। हालांकि इस बीमारी का पूर्ण उपचार संभव नहीं है लेकिन, स्टेम सेल या बोन मैरो ट्रांसप्लांट सिकल सेल रोग का एकमात्र इलाज किया जा सकता है। लेकिन, फोलिक एसिड की गोली और कुछ लिक्विड आदि की मदद से इसके लक्षणों कम करने की कोशिश की जाती है।

भारत में इस बीमारी की स्थिति क्या है-Sickle cell anemia in India

पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार साल 2015 से 2016 के बीच 58.4% बच्चे और 53% महिलाएं इस बीमारी के शिकार हुए हैं। वहीं, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत की 3% जनजातीय आबादी सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित है, अन्य 23% यह वाहक है यानी कि उनके जीन से ये बीमारी फैल सकती है। साल 2018 में इस बीमारी पर नीतिगत ध्यान देने के बावजूद 1970 के दशक के बाद यह बीमारी भारत में तेजी से बढ़ी है।

 Sickle cell anemia disease

Image Source : PTI
Sickle cell anemia disease

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कैसे पूरा होगा एनीमिया उन्मूलन का लक्ष्य? 

साल 2047 के लिए एनीमिया उन्मूलन का लक्ष्य दिया है, लेकिन सवाल यह है कि ये कैसे पूरा होगा? तो, बता दें कि सरकार इसके लिए पहले से ही कोशिश कर रही है। 2018 में, नए सिरे से जोर देने के साथ केंद्र सरकार ने एनीमिया मुक्त भारत की रणनीति बनाई थी। जिसमें पोषण अभियान, टेस्टिंग और डिजिटल तरीकों और पॉइंट ऑफ केयर का उपयोग करके एनीमिया का इलाज, फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों का प्रावधान और सरकार द्वारा वित्त पोषित सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा जागरूकता बढ़ाना आदि शामिल है। 

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