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महिलाएं बिलकुल भी इग्नोर न करें ये चीजें, डॉक्टर से जानें कारण और फिर बचाव के उपाय

Cervical cancer awareness month: सर्वाइकल कैंसर, भारत में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है जानकारी की कमी। ऐसे में डॉक्टर से जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।

Written By: Pallavi Kumari @Shabdita_Pallav
Published : Jan 18, 2024 17:57 IST, Updated : Jan 18, 2024 17:57 IST
cervical cancer - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL cervical cancer

Cervical cancer awareness month: सर्वाइकल कैंसर, भारत में महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। 2020 में अनुमानित 604,000 नए मामलों और 342,000 मौतों के साथ, यह वैश्विक स्तर पर महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (Human papillomavirus) के लगातार संक्रमण के कारण होता है। यह एक सामान्य यौन प्रसारित संक्रमण है जो त्वचा, जननांग क्षेत्र और गले को प्रभावित कर सकता है। अधिकांश एचपीवी संक्रमण से नुकसान नहीं होता है, लेकिन कुछ उच्च जोखिम वाले एचपीवी संक्रमण, सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) में असामान्य कोशिकाओं के विकास का कारण बन सकते हैं, जो उपचार न किए जाने पर कैंसर में बदल सकते हैं। ऐसे में इन लक्षणों को लेकर हर महिला को सचेत रहना चाहिए और स्क्रीनिंग जैसी चीजों पर खास ध्यान देना चाहिए। इन्हीं तमाम चीजों के बारे में हमने डॉ. कौशल किशोर यादव, सीनियर कंसल्टेंट, सर्जिकल ओन्कोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम से बात की है।

महिलाएं बिलकुल भी इग्नोर न करें सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

-वजाइनल एरिया में दर्द

-वजाइना से दुर्गंध आना
-पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग या हैवी ब्लीडिंग।

cervical cancer symptoms

Image Source : SOCIAL
cervical cancer symptoms

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सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय

डॉ. कौशल किशोर यादव बताते हैं कि बढ़ती प्रभावी जांच और स्वास्थ्य जागरूकता के साथ सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) के कैंसर की घटनाएं कम हो रही हैं। इसलिए, इन लक्षणों को महसूस करते ही डॉक्टर के पास जाएं और स्क्रीनिंग करवाएं। इसका सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य प्रारंभिक स्टेज की बीमारी की पहचान करना है ताकि जल्द से जल्द बीमारी का इलाज हो सके। इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर को रोकने के कुछ प्रभावी तरीके हैं, जैसे
-एचपीवी (HPV Vaccine) का टीकाकरण
-प्रीकैंसर घावों की समय से जांच और उपचार। 
-एचपीवी टीकाकरण, ज्यादा जोखिम वाले एचपीवी टाइप 16 और 18 के कारण होने वाले 90% सर्वाइकल कैंसर को रोक सकता है और इसलिए 9-14 वर्ष की आयु की लड़कियों के लिए इस टीके को लगवाने की सलाह दी जाती है। 

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इस तरह स्क्रीनिंग से सर्विक्स में असामान्य कोशिकाओं का पता लगाया जा सकता है, इससे पहले कि वे कैंसरग्रस्त हो जाएं, और कैंसर को विकसित होने से रोकने के लिए, सही उपचार इन कोशिकाओं को हटा या नष्ट कर सकता है। बता दें कि कैंसर घाव का उपचार क्रायोथेरेपी, लूप इलेक्ट्रोसर्जिकल एक्सिशन प्रक्रिया (एलईईपी) या कोल्ड कोगुलेशन सहित अन्य तरीकों से किया जा सकता है। 

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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