Tuesday, June 10, 2025
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बड़ों ही नहीं, बच्चों को भी सता रहा है गठिया, जानें क्यों मासूम बन रहे शिकार और कैसे करें बचाव

गठिया ज्यादातर वयस्कों में होता है, खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में।लेकिन आजकल बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। बच्चों में होने वाले गठिया को जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस (JIA) कहा जाता है।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Jun 09, 2025 20:38 IST, Updated : Jun 09, 2025 20:38 IST
बच्चों में गठिया के कारण
Image Source : SOCIAL बच्चों में गठिया के कारण

गठिया (अर्थराइटिस) जोड़ों की सूजन और दर्द को कहते हैं। यह कई तरह की स्थितियों का एक समूह है जो जोड़ों को नुकसान पहुंचाती है और उनमें दर्द, सूजन, और अकड़न पैदा करती है। यह ज्यादातर वयस्कों में होता है, खासकर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में।लेकिन आजकल बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। बच्चों में होने वाले गठिया को जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस (JIA) कहा जाता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जहाँ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपने ही स्वस्थ ऊतकों और कोशिकाओं पर हमला करती है, खासकर जोड़ों में। चलिए जानते हैं ऐसा क्यों होता है और बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

बच्चों में गठिया के कारण

  • आनुवंशिक कारक: कुछ बच्चों में आनुवंशिक प्रवृत्ति हो सकती है जो उन्हें इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। यदि परिवार में किसी को रुमेटीइड गठिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां हैं, तो बच्चे में जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस  विकसित होने का खतरा थोड़ा अधिक हो सकता है।

  • प्रतिरक्षा प्रणाली का असंतुलन: जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस में, प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं करती है और शरीर के अपने ऊतकों और बाहरी हमलावरों के बीच अंतर नहीं कर पाती है, जिससे जोड़ों में सूजन और क्षति होती है।

  • पुरानी चोटें: कुछ मामलों में, पुरानी जोड़ों की चोटें या खेल के दौरान लगने वाली चोटें भी किशोर गठिया का कारण बन सकती हैं।

  • मोटापा: अधिक वजन या मोटापा जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ सकता है।

बच्चों में गठिया के बचाव के उपाय:

यदि बच्चे को जोड़ों में दर्द, सूजन या अकड़न हो रही है, तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। संतुलित आहार लें जो जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर हो। नियमित व्यायाम करें, लेकिन जोड़ों पर जोर देने से बचें। जोड़ों को हिलाने और खींचने के लिए हल्के व्यायाम करें, लेकिन दर्द होने पर बंद कर दें। धूप में कुछ समय बिताने से शरीर में विटामिन डी का स्तर बढ़ता है, जो जोड़ों के लिए फायदेमंद होता है। 

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