Friday, December 13, 2024
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त्यौहार में ज्यादा तला-भुना खाना सेहत पर पड़ सकता है भारी, शरीर के दुश्मनों को खत्म करेंगे ये योगिक उपाय

होली-दीवाली जैसे त्यौहारों के पास आते ही घरों में तला-भुना खाना बनने लगता है। क्या आप जानते हैं कि ज्यादा तला-भुना खाना खाने से आपकी सेहत कितनी ज्यादा बुरी तरह से डैमेज हो सकती है?

Written By : Sajid Khan Alvi Edited By : Vanshika Saxena Published : Oct 12, 2024 9:19 IST, Updated : Oct 12, 2024 9:19 IST
तला-भुना खाने के साइड इफेक्ट्स- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL तला-भुना खाने के साइड इफेक्ट्स

दशहरा यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, दशानन रावण के अहंकार के चूर-चूर होने का त्यौहार। आज के दिन देशभर में रावण दहन किया जाता है, उसके पुतले को आग लगाई जाती है। आज के दिन रावण दहन के साथ-साथ उन 10 बीमारियों का भी अंत करें, जो सेहत पर काल बनकर मंडरा रही हैं। ICMR और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के क्लीनिकल ट्रायल में खुलासा हुआ है कि चिप्स, कुकीज, केक, फ्राइड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड खाने की वजह से भारत शुगर कैपिटल बन गया है। इतना ही नहीं इसी तरह का खाना और खराब लाइफस्टाइल, फैटी लिवर की वजह भी बन रहा है। आपको बता दें कि लिवर की बीमारी से हर साल भारत में 3 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा देते हैं। हर 3 में से 1 इंसान को फैटी लिवर की समस्या है। वहीं लिवर कमजोर हो तो मेटाबॉलिज्म डिस्टर्ब हो जाता है और बॉडी में फैट जमा होने लगता है। यही वजह है कि मोटापा तो खुद देश में महामारी बनता जा रहा है। देश में 10 करोड़ से ज्यादा लोग ओवरवेट हैं। किडनी के मरीजों की गिनती भी लगातार बढ़ रही है। 14 करोड़ से ज्यादा लोग देश में बीमार किडनी लिए घूम रहे हैं और एम्स की स्टडी के मुताबिक इसकी बड़ी वजह जरूरत से ज्यादा पेनकिलर खाना भी है।

जब बात बीमारियों से मुक्ति की चल रही है तो हाइपरटेंशन और हार्ट प्रॉब्लम को कैसे भूला जा सकता है? इन दोनों बीमारियों में जान जाने का खतरा भी ज्यादा होता है और हाई बीपी तो दिमाग पर भी हमला करता है और ब्रेन स्ट्रोक की वजह भी बन सकता है। उठने-बैठने में परेशानी बनने वाले आर्थराइटिस का भी आज दहन करना जरूरी है क्योंकि गठिया के शिकार लोगों को बेइंतहा दर्द झेलना पड़ता है। मरीजों के घुटने ऐसे जाम होते हैं कि खड़े होना पहाड़ चढ़ने जैसा लगता है। रावण की तरह एक और दुश्मन सिर तानकर खड़ा है और वो है धीरे-धीरे फिर बढ़ता प्रदूषण जो लंग्स के लिए सबसे घातक है। सिर्फ लंग्स ही नहीं बल्कि हार्ट, ब्रेन, पैंक्रियाज पर भी प्रदूषण के कण घातक असर करते हैं। आज दशमी के मौके पर पॉल्यूशन के साथ इन रोगों का नाश भी करते हैं।

दशमी पर दहन

हार्ट प्रॉब्लम

हाइपरटेंशन
आर्थराइटिस
थायराइड
न्यूरो प्रॉब्लम
डिप्रेशन

पॉल्यूशन से खतरा

लंग्स
रेस्पिरेटरी ट्रैक
पैंक्रियाज
हार्ट

वजन कंट्रोल करने के लिए लाएं बदलाव

लिफ्ट की जगह सीढ़ियां चढ़ें
बार-बार कॉफी-चाय न पिएं
चिप्स, बिस्किट, केक से बचें
भूख लगने पर पहले पानी पिएं
खाने-सोने में 3 घंटे का गैप रखें

लिवर प्रॉब्लम्स की वजह

तला-भुना खाना
मसालेदार खाना
फैटी फूड्स
जंक फूड
रिफाइंड शुगर
अल्कोहल

हार्ट को बनाएं हेल्दी

लौकी का सूप
लौकी की सब्जी
लौकी का जूस

हार्ट की मजबूती के लिए नेचुरल उपाय

1 चम्मच अर्जुन की छाल
2 ग्राम दालचीनी
5 तुलसी
उबालकर काढ़ा बनाएं
रोज पीने से ब्लॉकेज दूर

 

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