
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी ना हो, लू ना लगे, इसलिए हम बॉडी को हाइड्रेट रखने की पूरी कोशिश करते हैं। हमेशा पानी का बॉटल साथ रखते हैं। लेकिन दिक्कत तब शुरु होती है, जब सहूलियत के चक्कर में जाने-अनजाने शरीर को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। यही लापरवाही जान की दुश्मन बन जाती है। अब 'प्लास्टिक' के इस बॉटल को ही ले लीजिए। घर से लेकर दफ्तर तक, पार्क से लेकर सड़कों पर, आज जहां भी नजर दौड़ाएंगे प्लास्टिस की ये बोतलें हर जगह अमूमन हर किसी के हाथ में मिल जाएंगी।
ये बोतल सेहत के लिए ठीक नहीं हैं। वाटर बॉटल शरीर में माइक्रो प्लास्टिक के कण भेजने वाला सबसे बड़ा सोर्स है। स्टडी के मुताबिक हर घूंट के साथ प्लास्टिक के कण पेट लंग्स-ब्रेन और ओवरीज में जा रहे हैं। जबकि पहले से ही तमाम ऐसे सोर्स हैं जिनके जरिए शरीर में माइक्रोप्लास्टिक पहुंच रहे हैं। चाहे वो सांस लेने वाली हवा हो, टैप वाटर हो, चीनी हो, नमक हो या फिर शहद हो और यही वजह है कि हर साल 78 हजार से 2 लाख 11 हजार के करीब प्लास्टिक के कण हमारे शरीर में जा रहे हैं।
प्लास्टिक सेहत की सबसे बड़ी दुश्मन
इसका क्लीयर अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जो प्लास्टिक कचरे में फेंक रहे हैं। वो पशुओं की जान ले रहा है। एक मृत गाय के पेट से करीब 50 से 60 किलो प्लास्टिक मिल रही है। ये सब बताने के पीछे मकसद सिर्फ इतना है कि सहूलियत के चक्कर में सेहत को आफत में मत डालिए। पानी की प्लास्टिक की बॉटल की जगह कॉपर का बॉटल इस्तेमाल कर सकते हैं। ये हैंडी भी होती है और इसमें पानी भरकर हम कहीं भी कैरी कर सकते हैं। वैसे आज मिट्टी की बॉटल भी आने लगे हैं। कितनी ही चीजें हैं लोहे की कढ़ाई, पीतल के भगौने, तांबे के जग-ग्लास, स्टील के बर्तन ये सभी गुणों की खान हैं। ऐसे में बाबा रामदेव से जानते हैं कि कैसे लाइफ स्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करके हम स्वस्थ रह सकते हैं और योग के जरिए बीमारियों को दूर भगा सकते हैं।
शरीर में प्लास्टिक, सेहत के लिए रिस्क
- बॉडी में बढ़ रहा माइक्रोप्लास्टिक
- 1 क्रेडिट कार्ड के वजन बराबर कण
- 7 दिन में 5 ग्राम कण
- 80% के खून और किडनी में कण
- दिल-लिवर-लंग्स तक पहुंचते हैं
- ऑर्गन फेलियर का बढ़ता है खतरा
प्लास्टिक दुश्मन, बढ़ा रहा मेंटल प्रॉब्लम
- माइक्रो प्लास्टिक दिमाग में पहुंचता हैं
- दिमाग में 20 गुना ज़्यादा बारीक कण
- ब्रेन में खास प्रोटीन में मिल जाते हैं
- पार्किंसन का रोग होता है ट्रिगर
- दुनिया में पार्किंसन के करीब 85 लाख मरीज़
- सबसे तेज़ी से बढ़ती न्यूरो प्रॉब्लम
प्लास्टिक बड़ा खतरा, इम्यूनिटी बढ़ाएं
- योग-प्राणायाम रोज जरुर करें
- दिन में एक बार गिलोय पीएं
- हल्दी वाला दूध जरूर लें
- विटामिन-C के लिए खट्टे फल खाएं
- बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें
किसमें कितना प्लास्टिक
- प्लास्टिक बोतल में 94 कण प्रति लीटर
- पानी के नल में 4 कण प्रति ग्राम
- हवा में 9 कण प्रति मीटर क्यूब
प्लास्टिक की चीजें रिप्लेस करें
- ईयर बड्स- वुड स्टिक के ईयर बड्स
- बलून स्टिक- बांस की स्टिक
- प्लास्टिक चम्मच-कांटे- स्टील-बांस की चम्मच
- प्लास्टिक के चाकू- लकड़ी के चाकू
- प्लास्टिक ट्रे- लकड़ी, स्टील, पकी मिट्टी की ट्रे
4 चीज़ें किचन से निकालें
- लो क्वालिटी नॉनस्टिक बर्तन
- एल्युमीनियम बर्तन
- प्लास्टिक कंटेनर्स
- एल्युमीनियम फॉयल
रसोई में बदलाव क्या करें इस्तेमाल?
- स्टील के बर्तन
- लोहे के बर्तन
- कॉपर की बोतल
- माइक्रोवेव में
- कांच के बर्तन
फेफड़े बनेंगे फौलादी, क्या करें?
- रोज प्राणायाम करें
- दूध में हल्दी-शिलाजीत लें
- त्रिकुटा पाउडर लें
- गर्म पानी पीएं
- तला खाने से बचें
हार्ट होगा मजबूत करें ये नेचुरल उपाय
- 1 चम्मच अर्जुन की छाल
- 2 ग्राम दालचीनी
- 5 तुलसी
- उबालकर काढ़ा बनाएं
- रोज़ पीने से हार्ट हेल्दी
किडनी के लिए घरेलू उपाय
- सुबह नीम के पत्तों का 1 चम्मच रस पीएं
- शाम को पीपल के पत्तों का 1 चम्मच रस पीएं
किडनी स्टोन में फायदेमंद
- खट्टी छाछ
- कुलथ की दाल
- मूली के पत्ते
- पत्थरचट्टा
- जौ का आटा
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)