Saturday, May 04, 2024
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वायरल और बैक्‍टीरियल इंफेक्शन को दूर रखने में कारगर है ये प्राणायाम और योगासन, स्वामी रामदेव से जाने तरीका

योग के द्वारा आप कोरोना वायरस से तो कोसों दूर रह सकते हैं। इसके अलावा आप कई अन्य खतरनाक बीमारियों से भी निजात पा सकते हैं। जानिए स्वामी रामदेव से बेहतरीन प्राणायाम और योगासन।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 01, 2020 15:01 IST

कोरोना वायरस से पूरी दुनिया बेहाल है। इस महामारी के संक्रमण से बचने के लिए हर कोई योग और औषधियों का सहारा ले रहा है। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार को अपने कार्यक्रम 'मन की बात' में योग का जिक्र करते हुए कहा कि इसे हॉलीवुड से लेकर हरिद्वार के लोग कर रहे हैं। इसलिए हर किसी को योग करना बहुत ही जरूरी है। 

पीएम मोदी ने कहा, 'अभी कोरोना संकट के दौरान भी देखा जा रहा है कि हॉलीवुड से हरिद्वार तक, घर में रहते हुए लोग योग पर बहुत गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। हर जगह लोगों ने योग और उसके साथ साथ आयुर्वेद के बारे में और भी ज्यादा जानना चाहा है। कुछ अपनाना चाहा है। कितने ही लोग जिन्होंने कभी योग नहीं किया, वे भी या तो ऑनलाइन योग क्लासेस से जुड़ गए हैं या फिर ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं।'

स्वामी रामदेव का भी कहना हैं कि आप योग के द्वारा कोरोना वायरस से तो कोसों दूर रह ही सकते हैं। इसके अलावा आप कई अन्य खतरनाक बीमारियों से भी निजात पा सकते हैं। पीएम मोदी भी रोजाना योग और प्राणायाम करके ही खुद को फिट रखते हैं। इसलिए योग करना बहुत जरूरी है। 

स्वामी रामदेव से जानिए कौन-कौन से योगासान और प्राणायाम आपको कोरोना से रखेगा दूर। 

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए करें ये प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम

इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

कपालभति
कपालभाति करने से पूरे शरीर सकारात्मक ऊर्जा के साथ हर रोग से मुक्ति मिलती है। इसे रोजाना कम से कम 5-10 मिनट करना चाहिए। इस प्राणायाम को करने से मन शांत रहता है। इसके साथ ही कफ, एलर्जी की समस्या से निजात मिलता है। 

अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से क्रोनिक डिजीज, तनाव, डिप्रेशन, हार्ट के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा ये मांसपेशियों की प्रणाली को भी ठीक  रखता है। 

उद्गीथ
लंबी सांस खींचते हुए कम से कम 8 बार ऊं का उच्चारण करें। इससे पूरा शरीर एक्टिव हो जाता है। इसके साथ ही हर तरह के पैन से निजात मिलेगा। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।।

भस्त्रिका प्राणायाम

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भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका
इस आसन को करने से आपका मन शांत होता है। जिससे आपको कभी गुस्सा नहीं आता है और आपका मन हर काम में लगता है। इसके अलावा भस्त्रिका करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। 

उज्जयी प्राणायाम
गले से सांस  अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े। इसे  करने से मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेन, अनिद्रा आदि समस्याओं से छुटकारा दिलाला है।  

शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार  निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।

नाड़ी शुद्धि प्राणायाम
यह प्राणाायाम भी अनुलोम -विलोम की तरह होता है। लेकिन इसमें सांस को थोड़ी रोककर रख सकते हैं। इसके बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकालें और बाएं नाक से हवा अंदर भरें। इससे शरीर के अंदर अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है। 

सूर्यभेदी प्राणायम
सबसे पहले आराम से बैठ जाएं। बाई नाक बंद करके दाई नाक से सांस खींचे। जब सांस पूरी भर जाए तब कुंभक करें। इस कुंभक को उतना ही देर तक करना चाहिए जिससे किसी भी अंग पर दबाव न पड़े। फिर बाई नाक से सांस धीरे-धीरे निकाल दे। 

अग्नि सार प्राणायाम

इस आसन के लिए सबसे पहले आराम से पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद सांस पूरी तरह से बाहर छोडकर ठुडी को गले से लगा दे। इसके बाद पेट को अंदर चिपकाकर बार-बार एक लहर की तरह रीढ की हड्डी के पास तक ले ज़ाए। इस आसन को करने से  पूरा शरीर हेल्दी रहता है। 

नौली क्रिया
इस क्रिया को करने से पेट संबंधी बीमारियों से निजात मिल जाता है। डायबिटीज के मरीजो के लिए फायदेमंद।

तितली आसन

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तितली आसन

सूक्ष्म व्यायाम
अगर आपको पास ज्यादा समय नहीं है तो आप सिर्फ सूक्ष्म व्यायाम भी कर सकते हैं। इससे भी आपको लाभ मिलेगा। इससे आपका पूरा शरीर हेल्दी रहेगा। इसमें गर्दन को घुमाना, तितली आसन, स्थित कोणासन, चक्की आसन आदि शामिल है। 

सूर्य नमस्कार
जिस तरह से सूर्य नमस्कार करने से आपका वजन बढ़ने के साथ शरीर हेल्दी रहता है। उसी तरह नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से आप अपना वजन बढ़ा सकते हैं। इसके लिए रोजाना कम से कम 100 बार  सूर्य नमस्कार करें। फिर इसकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं।

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए करें ये योगासन

भुजंगासन-  नियमित रूप से भुजंगासन करने से आपका परा शरीर लचीला होता है। इसके साथ ही कमर की परेशानियां दूर होती हैं। ये आसन पीठ और मेरूदंड के लिए लाभकारी होता है।

ताड़ासन- इस आसन को करने से शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसके साथ ही हाइट बढ़ाने और वजन कम करने में मदद करता है। 

त्रिकोणासन-  इस आसन को कम के एक समय में कम से कम 50 बार करना चाहिए। इससे आसानी से आपका वजन कम होगा। 

कोणासन-  इस आसन को करने से  शरीर में मौजूद एक्ट्रा फैट सेल्स ऊर्जा में परिवर्तित हो जाते हैं। इस आसन को करने से वजन कम होने के साथ-साथ मांसपेशियां मजबूत हो हो

मंडूकासन- इस आसन को करने से डायबिटीज के साथ -साथ कोलाइटिस से निजात दिलाता है। यह आसन पैंक्रियाज में इंसुलिन पैदा करता है। जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल होता है। इसके अलावा अगर कमर में दर्द हैं तो  ज्यादा झुकने से बचें।  इस आसन को 3 से 5 बार करें। 

शशकासन-  इस आसन को करने से डायबिटीज से जड़ से निजात मिलता है।  

योग मुद्रासन- इस आसन को करने से डायबिटीज के साथ-साथ पेट की चर्बी से निजात मिलेगा। मानसिक शक्ति बढ़ेंगी। इसके साथ ही शरीर मजबूत होगा। कब्ज के साथ-साथ गैस संबंधी समस्या से निजात मिल जाएगा।  

व्रकासन- इस आसन को करने से फेफड़ों से जुड़ी दिक्कत से निदान मिलता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत करें। पेट के लिए भी अच्छा है। इसके साथ ही पूरे शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है।  

गौमुखासन- डायबिटीज और उसके कारण होने वाली अन्य बीमारी जैसे आंखों की रोशनी कम होना, किडनी संबंधी समस्या, कमजोरी आदि के लिए फायदेमंद।

पवनमुक्तासन- जांघो, पेट, कूल्हें को वसा मुक्त करें। इसके साथ ही ब्लड सर्कुलेशन ठीक करें। रीढ़ की हड्डी को मजबूत करें। कब्ज और गैस की समस्या से दिलाएं निजात। 

नौकासन- इस आसन को करने से गैस, कब्ज की समस्या से निजात मिलता है। इसके साथ की कमर, पेट सुडौल होता है। पेट की चर्बी कम कर करें।

सेतुबंधासन- इस आसन को करने से डायबिटीज में छुटकारा मिलेगा। हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ अनिद्रा  से निजात दिलाता है।

भुजंगासन- इस आसन को करने से डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, कमर दर्द आदि से निजात मिलेगा। 

उत्तानपादासन- इस आसन को करने से डायबिटीज के साथ-साथ कब्ज की समस्या से निजात मिलेगा। इसके साथ ही पैंक्रियाज सही रहेगा। जिससे इंसुलिन बनेगा।

पादहस्तासन-  लंबे लंबे सांसों के साथ इस आसन को करना चाहिए। इस आसन को करने से पेट की चर्बी के साथ पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगा।

स्थित कोणासन- इस आसन को करने से कमर और जांघो की चर्बी  कम होगी, कमर को पतला करें, शरीर को सुंदर बनाएं, पेट के साथ-साथ पीठ के लिए फायदेमंद, डायबिटीज को करें कंट्रोल।

पश्चिमोत्तानासन-  इस आसन को भी करीब 15-20 बार  करना चाहिए। इसे करने से आपको बैली फैट से भी निजात मिलेगा। साथ ही पूरा शरीर स्वस्थ्य रहेगा।

पाद वृत्तासन- इस आसन को करने से पैरों के दर्द, थकान को करें कम,  जांघ, पेट की चर्बी को करने के साथ शरीर को सुडौल बनाएं। इस आसन को 10-10 करके 3 सेट करें।

अर्ध हलासन- अर्ध हलासन- इस आसन को करने पेट की चर्बी आसानी से कम हो जाएगी। साथ ही पूरा शरीर फिट रहेगा।

फिट रखने के लिए अपनाएं घरेलू उपाय

  • रोजाना गर्म पानी पिएं।
  • हरी-सब्जियों का अधिक सेवन करें।  
  • सुबह एलोवेरा, गिलोय, आंवला का जूस पिएं।
  • रोजाना इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा का सेवन करें। 
  • सरसों का तेल नाक में डाले। 

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