Thursday, April 25, 2024
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'अमृत महोत्सव' केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, जन आंदोलन होना चाहिए- PM मोदी

मेघवाल के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सांसदों से उनके संसदीय क्षेत्रों में जोर-शोर से आजादी का "अमृत महोत्सव" मनाने को कहा और सुझाव दिया कि वे हर विधानसभा क्षेत्र में दो-दो कार्यकर्ताओं की टोली तैयार करें जो 75 गांवों का दौरा करे और वहां 75 दिन रूके।

Bhasha Written by: Bhasha
Updated on: July 27, 2021 14:50 IST
'Amrit Mahotsav' should be a mass movement, not just a government program says PM Modi 'अमृत महोत्सव- India TV Hindi
Image Source : PTI 'अमृत महोत्सव' केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं, जन आंदोलन होना चाहिए- PM मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मनाया जाने वाला "अमृत महोत्सव" केवल एक सरकारी कार्यक्रम बनकर नहीं रहना चाहिए बल्कि इसे जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने के लिए "जन सहभागिता" सुनिश्चित करनी होगी। सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से अपील की कि वे प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो-दो कार्यकर्ताओं की टोली तैयार करें जो 75 गांवों का दौरा करे और वहां 75 दिन बिताए तथा जनता के बीच डिजिटल साक्षरता को लेकर जागरूकता अभियान चलाए।

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पार्टी सांसदों से कहा कि वे संसद में विपक्षी दलों के रवैये के बारे में जनता को अवगत कराएं और उन्हें बताएं कि सरकार सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार है किंतु विपक्षी दल इससे भाग रहे हैं और हंगामा कर रहे हैं। बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आजादी का अमृत महोत्सव केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं है। यह जन आंदोलन के रूप में होना चाहिए, जन भागीदारी के साथ हमें आगे बढ़ना है।"

मेघवाल के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सांसदों से उनके संसदीय क्षेत्रों में जोर-शोर से आजादी का "अमृत महोत्सव" मनाने को कहा और सुझाव दिया कि वे हर विधानसभा क्षेत्र में दो-दो कार्यकर्ताओं की टोली तैयार करें जो 75 गांवों का दौरा करे और वहां 75 दिन रूके। केंद्रीय मंत्री के अनुसार मोदी ने कहा, "यह टोली जनता के बीच जाकर डिजिटल साक्षरता के बारे जागरूकता फैलाए। यह बहुत महत्वपूर्ण है। सांसद इस कार्यक्रम का प्रतिनिधित्व करें।"

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सांसदों को उनके क्षेत्रों में स्थानीय खेलों की प्रतियोगिता कराने, स्वचछता संबंधी कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने सहित कार्यक्रमों के आयोजन का सुझाव दिया। मेघवाल के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के लिए कई लोगों ने अपनी कुर्बानी दी लेकिन "हमें जनता को समझाना है कि क्या हम देश के लिए जी सकते हैं। यही भावना लेकर जनता के बीच बढ़ना है"। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संसद के दोनों सदनों में अब तक हुए काम काज का ब्योरा दिया। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि वह जब जनता के बीच जाएं तो संसद में विपक्षी दलों के रवैये का भी उल्लेख करें। 

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