Friday, March 29, 2024
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Covid-19 लंबा खिंचा, तो गंभीर संकट में आ जाएंगी भारतीय स्टार्टअप कंपनियां: विशेषज्ञ

कोविड-19 संकट लंबा खिंचने पर करीब 25 प्रतिशत भारतीय स्टार्टअप गंभीर संकट में आ जाएंगे। सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के दिग्गज सेनापति गोपालकृष्णन ने यह राय व्यक्त की है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: May 10, 2020 18:42 IST
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Image Source : PTI Covid-19 लंबा खिंचा, तो गंभीर संकट में आ जाएंगी भारतीय स्टार्टअप कंपनियां: विशेषज्ञ

बेंगलुरु: कोविड-19 संकट लंबा खिंचने पर करीब 25 प्रतिशत भारतीय स्टार्टअप गंभीर संकट में आ जाएंगे। सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के दिग्गज सेनापति गोपालकृष्णन ने यह राय व्यक्त की है। इन्फोसिस के सह संस्थापक गोपालकृष्णन ने कहा कि करीब 25 प्रतिशत स्टार्टअप ऐसे हैं जिनके पास सिर्फ छह माह तक परिचालन के लिए संसाधन हैं। यदि इतने समय में स्थिति नहीं सुधरती है तो उन्हें गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, अभी ऐसा होता दिख नहीं रहा है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि 25 प्रतिशत स्टार्टअप को गंभीर संकट से जूझना होगा। यदि उन्हें अतिरिक्त निवेश मिलता है, तो वे टिके रहेंगे, अन्यथा विफल हो जाएंगे। सभी नहीं, इनमें से कुछ ही विफल होंगे।’’ शेष 75 प्रतिशत स्टार्टअप के बारे में उन्होंने कहा कि यदि कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुआ संकट लंबा चलता है, तो और अधिक स्टार्टअप कंपनियां बंद होंगी।

स्टार्टअप कंपनी एक्सेलरेटर और उद्यम कोष एक्सिलर वेंचर्स के चेयरमैन ने कहा, ‘‘यदि उन्हें मौजूदा निवेशकों से अतिरिक्त पूंजी नहीं मिलती है या बैंकों से कार्यशील पूंजी के रूप में मदद नहीं मिलती है, तो और अधिक स्टार्टअप ‘फेल’ होंगे। हालांकि, इसके साथ ही गोपालकृष्णन ने कहा कि स्टार्टअप की स्थिति क्या रहती है यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे किस क्षेत्र में काम करते हैं। उदाहरण के लिए ई-कॉमर्स ने काम करना शुरू कर दिया है। खाने-पीने के सामान की डिलिवरी भी शुरू हो गई है। लोग अभी टैक्सी आदि सेवा का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इन्हीं वाहनों का इस्तेमाल पैकेज, फूड और किराना सामान की आपूर्ति के लिए किया जा सकता है।

ईवाई इंडिया के पार्टनर और नेशनल लीडर ई-कॉमर्स और उपभोक्ता इंटरनेट अंकुर पाहवा ने कहा कि आवागमन के क्षेत्र के स्टार्टअप विशेष रूप से उम्मीद कर रहे हैं कि उनके लिए स्थिति जल्द सामान्य होगी। हालांकि, इसके लिए उन्हें कड़े सुरक्षा और साफ-सफाई नियमनों का अनुपालन करना होगा। पाहवा ने कहा कि बी2सी कंपनियों को विवेकाधीन खर्च के तहत मांग बढ़ने का इंतजार करना होगा।

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