Thursday, March 28, 2024
Advertisement

दिल्ली सरकार ने ईडब्ल्यूएस के लिए 5,600 फ्लैटों के निर्माण की मंजूरी दी

दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने राजधानी के चार अलग-अलग जगहों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए लगभग 5,600 फ्लैटों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 12, 2018 21:01 IST
Representational image- India TV Hindi
Representational image

नयी दिल्ली: दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के चार अलग-अलग जगहों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए लगभग 5,600 फ्लैटों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) ने भलस्वा, संगम पार्क, लाजपत नगर और करोल बाग के देव नगर में ईडब्ल्यूएस के लिए 5,594 फ्लैटों के निर्माण प्रस्ताव को मंजूरी दी। झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए दिल्ली सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना के तहत इन फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में डीयूएसआईबी के बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया। 

बैठक के बाद, जैन ने संवाददाताओं को बताया कि सभी 5,594 फ्लैटों में मोनोलिथिक दीवारें होंगी। उन्होंने बताया कि भलस्वा-जहांगीर पुरी में 3,780, संगम पार्क में 582, लाजपत नगर में 448 और देव नगर में 784 फ्लैटों का निर्माण किए जाएंगे। इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 737.26 करोड़ रुपये आएगी। जैन ने कहा कि बोर्ड ने पूरे शहर के झुग्गी क्षेत्रों में सड़कें बनाने, स्ट्रीट लाइट लगाने और पार्कों को बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। 

आपको बता दें कि इससे पहले केंद्र ने दिल्ली के लिए ‘लैंड पूलिंग नीति’ को मंजूरी दी थी जिससे इससे शहर को 17 लाख आवासीय इकाइयां मिल सकेंगी, जिनमें 76 लाख लोगों को रहने की जगह मिलेगी। पिछले महीने उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने नीति को मंजूरी दे दी थी। 

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हां, मैंने लैंड पूलिंग नीति पर दस्तखत कर दिए हैं।’’ 

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की कि मंत्री ने इस नीति को मंजूरी दे दी है। नीति के तहत एजेंसियां पूल की गई (जुटाई गई) जमीन पर सड़क, स्कूल, अस्पताल, सामुदायिक केंद्र और स्टेडियम जैसे बुनियादी ढांचे का विकास करेंगी। उसके बाद उस जमीन का एक हिस्सा किसानों को लौटा दिया जाएगा जिस पर वे बाद में निजी बिल्डरों की मदद से आवासीय परियोजना का क्रियान्वयन कर सकते हैं। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement