Friday, April 26, 2024
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INX मीडिया केस: ईडी मामले में शुक्रवार को चिदंबरम की जमानत याचिका फर फैसला सुनाएगी दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय शुक्रवार को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से जुड़े ईडी के मामले में की जमानत याचिका को लेकर फैसला सुनाएगी।

IndiaTV Hindi Desk Reported by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 14, 2019 19:19 IST
Congress leader P. Chidambaram - India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE) INX Media case: Delhi High Court to pass order in bail application of Congress leader P. Chidambaram in ED case tomorrow.

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय कल कांग्रेस नेता पी चिदंबरम से जुड़े ईडी के मामले में की जमानत याचिका को लेकर फैसला सुनाएगी।

बुधवार को अदालत ने चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक बढ़ायी

दिल्ली की एक अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ ने यह आदेश पारित किया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किया गया।

चिदंबरम को राउज एवेन्यू अदालत नहीं लाया जा सका क्योंकि जिला अदालतों में वकीलों की हड़ताल चल रही थी। ईडी ने चिदंबरम की हिरासत अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। सीबीआई ने चिदंबरम (74) को 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था और अभी वह धन शोधन मामले में ईडी की हिरासत में हैं।

सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये का विदेशी कोष प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में गड़बड़ी की गयी थी। इसके बाद ईडी ने 2017 में इस संबंध में धनशोधन का मामला दर्ज किया था। ईडी ने उन्हें 16 अक्टूबर को हिरासत में लिया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में जमानत अर्जी पर चिदंबरम और ईडी के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद आठ नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान ईडी ने उनकी दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित करने और धमकाने की कोशिश की है। ईडी ने अदालत से कहा कि धनशोधन मामला काफी गंभीर अपराध है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने यह कहते हुए जमानत का अनुरोध किया था कि सबूत दस्तावेजी हैं और वह जांच एजेंसियों की हिरासत में हैं, ऐसे में वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते।

चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि शुरू में जांच एजेंसी का मामला यह नहीं था कि कांग्रेस नेता ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की। लेकिन अचानक अक्टूबर में, जब वह हिरासत में थे, यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने महत्वपूर्ण गवाहों को प्रभावित करने और दबाव डालने की कोशिश की। उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में चिदंबरम को 22 अक्टूबर को जमानत देते हुए कहा था कि न तो उनके विदेश भागने का और न ही सुनवाई से अनुपस्थित रहने की संभावना है। (भाषा)

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