Saturday, April 20, 2024
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न्यायपालिका की स्वतंत्रता में आम आदमी का भरोसा डिगा: जस्टिस कुरियन जोसफ

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसफ ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई द्वारा राज्यसभा मनोनयन को स्वीकार करने पर कहा कि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता में आम आदमी का विश्वास डिगा है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: March 17, 2020 23:20 IST
Former SC judge Kurian Joseph- India TV Hindi
Former SC judge Kurian Joseph

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस कुरियन जोसफ ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई द्वारा राज्यसभा मनोनयन को स्वीकार करने पर कहा कि इससे  न्यायपालिका की स्वतंत्रता में आम आदमी का विश्वास डिगा है। उन्होंने कहा पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निष्पक्षता के ‘सिद्धांतों से समझौता’ किया है। आपको बता दें कि पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को सरकरा संस्तुति पर  राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। 

पूर्व न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मेरे मुताबिक, राज्यसभा के सदस्य के तौर पर मनोनयन को पूर्व प्रधान न्यायाधीश द्वारा स्वीकार किये जाने ने निश्चित रूप से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आम आदमी के भरोसे को झकझोर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि न्यायपालिका भारत के संविधान के मूल आधार में से एक है। जोसफ ने इस संवाददाता सम्मेलन के संदर्भ में कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिये कभी ऐसा दृढ़ साहस दिखाने वाले न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कैसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के पवित्र सिद्धांत से समझौता किया है।’’ दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ए पी शाह और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर एस सोढ़ी ने भी सरकार द्वारा गोगोई के नामांकन पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। 

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