Friday, April 26, 2024
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महिला आयोग की प्रमुख ने कहा, तीन तलाक विधेयक में ‘हलाला’ भी शामिल किया जाए

उन्होंने कहा कि ‘धर्म के दुरुपयोग’ के जरिए चलाई जा रही इस तरह की प्रथा पर तभी रोक लगाई जा सकती है जब लोगों को सजा होगी।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: September 23, 2018 12:08 IST
‘Halala’ should also be included in Triple Talaq Bill, says NCW chief Rekha Sharma | PTI- India TV Hindi
‘Halala’ should also be included in Triple Talaq Bill, says NCW chief Rekha Sharma | PTI

नई दिल्ली: तीन तलाक के खिलाफ केंद्र सरकार के हालिया अध्यादेश की पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि तीन तलाक विधेयक में ‘हलाला’ को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 'निकाह हलाला' प्रथा पर अंकुश लगाने के लिए इसे संसद में लंबित ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘धर्म के दुरुपयोग’ के जरिए चलाई जा रही इस तरह की प्रथा पर तभी रोक लगाई जा सकती है जब लोगों को सजा होगी। रेखा ने कहा, ‘अगर कुछ मामलों में सजा हो जाएगी तो निश्चित रूप से इस पर रोक लग सकेगी। मेरा मानना है कि इसको तीन तलाक विरोधी विधेयक में शामिल किया जाना चहिए।’

धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं लोग

उन्होंने कहा, ‘लोग धर्म का दुरुपयोग कर रहे हैं, जबकि हर धर्म महिलाओं के सम्मान और बराबरी की बात करता है। दुखद है कि इसका लोग दुरुपयोग कर रहे हैं।’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गत बुधवार को एक साथ तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी। बाद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए। इसके साथ ही यह कानून लागू हो गया। इस अध्यादेश के लागू होने से एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) अब अपराध होगा और इसके लिए तीन साल की सजा होगी।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली शबनम पर एसिड अटैक
महिला आयोग की प्रमुख का बयान उस वक्त आया है जब कुछ दिनों पहले ही ‘हलाला’ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली महिला शबनम पर बुलंदशहर में तेजाब हमला किया गया था जिसमें वह झुलस गई। रेखा ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘हमने स्थानीय प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई के लिए कहा है।’

क्या है 'निकाह हलाला'
'निकाह हलाला' की प्रथा के मुताबिक, अगर एक पुरुष ने औरत को तलाक दे दिया है तो वो उसी औरत से दोबारा तब तक शादी नहीं कर सकता जब तक वह औरत किसी दूसरे पुरुष से शादी कर तलाक न ले ले। महिला आयोग की प्रमुख ने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दलों को मिलकर तीन तलाक विरोधी विधेयक को संसद से पारित करना चाहिए। लोकसभा से पारित हो चुका यह विधेयक फिलहाल राज्यसभा में लंबित है। 

‘ऐसे बदली जा सकती है समाज की सोच’
यौन उत्पीड़न के मामले में कुछ धर्मगुरुओं की कथित संलिप्तता को लेकर रेखा ने कहा, ‘यह बहुत दुखद है कि जिन लोगों पर जनता को रास्ता दिखाने की जिम्मेदारी है, वही इस तरह की गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। इस पर सभी धर्मों के लोगों को सोचना चाहिए कि कुछ धर्मगुरु किस तरह से लोगों की आस्था का दुरुपयोग कर रहे हैं। बलात्कार के मामलों के खिलाफ सामाजिक चेतना पैदा करनी होगी। समाज मे लड़कियों को भी लड़कों के बराबर मानने की सोच से ही चीजें बदली जा सकती हैं।’

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