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ISRO ने ‘विक्रम’ से संपर्क स्थापित करने की आस नहीं छोड़ी, अब चांद पर दिन निकलने का इंतजार

इसरो ने तीन सप्ताह से अधिक समय पहले चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के दौरान संपर्क से बाहर हुए ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क कायम करने की कोशिशें अभी छोड़ी नहीं हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Oct 01, 2019 04:21 pm IST, Updated : Oct 01, 2019 04:21 pm IST
ISRO has not given up efforts to regain link with lander- India TV Hindi
ISRO has not given up efforts to regain link with lander

बेंगलुरु: इसरो ने तीन सप्ताह से अधिक समय पहले चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के दौरान संपर्क से बाहर हुए ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क कायम करने की कोशिशें अभी छोड़ी नहीं हैं। गत सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से कुछ मिनट पहले ‘विक्रम’ का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। इसके बाद से ही बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी लैंडर से संपर्क स्थापित करने के लिए ‘‘हरसंभव’’ कोशिशें कर रही है, लेकिन चंद्रमा पर रात शुरू होने के कारण 10 दिन पहले इन कोशिशों को स्थगित कर दिया गया था।

इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने मंगलवार को कहा, ‘‘अभी यह संभव नहीं है, वहां रात हो रही है। शायद इसके बाद हम इसे शुरू करेंगे। हमारे लैंडिंग स्थल पर भी रात का समय हो रहा है।’’ चंद्रमा पर रात होने का मतलब है कि लैंडर अब अंधेरे में जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘चंद्रमा पर दिन होने के बाद हम प्रयास करेंगे।’’

चंद्रयान-2’ काफी जटिल मिशन था जिसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के अनछुए हिस्से की खोज करने के लिए ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर को एक साथ भेजा गया था। इसरो ने प्रक्षेपण से पहले कहा था कि लैंडर और रोवर का जीवनकाल एक चंद्र दिवस यानी कि धरती के 14 दिनों के बराबर होगा।

कुछ अंतरिक्ष विशेषज्ञों का मानना है कि लैंडर से संपर्क स्थापित करना अब काफी मुश्किल लगता है। इसरो के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कई दिन गुजर जाने के बाद संपर्क करना काफी मुश्किल होगा लेकिन कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या चंद्रमा पर रात के समय अत्यधिक ठंड में लैंडर दुरुस्त स्थिति में रह सकता है, अधिकारी ने कहा, ‘‘सिर्फ ठंड ही नहीं, बल्कि झटके से हुआ असर भी चिंता की बात है क्योंकि लैंडर तेज गति से चंद्रमा की सतह पर गिरा होगा। इस झटके के कारण लैंडर के भीतर कई चीजों को नुकसान पहुंच सकता है।’’ इस बीच, सिवन ने कहा कि ऑर्बिटर ठीक है।

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