Friday, May 03, 2024
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ये हैं भारतीय सेना के 5 शान, जिससे चीन को भी लगता है डर!

नई दिल्ली: इतिहास पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि बड़ी-बड़ी जंग तोपखानों के दम पर ही लड़ी गई है। बाबर जब भारत आया तो अपने साथ लेकर आया तोप जो काफी निर्णायक साबित हुआ।

India TV News Desk India TV News Desk
Updated on: April 20, 2017 14:42 IST

t 72

3. T-72 अजेय
रूस में बनी टी-72 टैंक अजेय के अपग्रेड मॉडल का जून 2011 में परीक्षण किया गया था। इस युद्धक टैंक में स्वदेशी प्रणाली विकसित की गई है। वर्ष 1965 व 1971 के युद्ध में दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले इस मुख्य युद्धक टैंक टी-72 में डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने काफी बदलाव किए हैं। इस टैंक की शानदार क्षमता के कारण भारतीय वैज्ञानिकों ने यहीं पर बदलाव किए हैं। इसमें मुख्यत: स्वदेशी इंजन तैयार किया गया है। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने 1000 बीपीएच क्षमता का यह इंजन टी-72 टैंक में लगाया है। इसमें फोरमल इमेजिन फायर कंट्रोल भी लगाया गया है।

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