Thursday, March 28, 2024
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आज से लागू हुआ E-Way बिल, क्या है इससे लाभ? जानें इसके बारे में सब कुछ

माल के तेज, आसान और निर्विघ्न अंतरराज्यिक परिवहन हेतु आज से ई-वे बिल प्रभावी हो गया है। अगर परिवहन किए जाने वाले माल की कीमत 50000 रुपये या इससे ज्यादा है तो ई-वे बिल आवश्यक होगा...

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 01, 2018 15:25 IST
e way bill- India TV Hindi
e way bill

नई दिल्ली: कर सुधार की दिशा में केंद्र सरकार ने कुछ महीनों पहले ही जीएसटी लागू किया था अब 1 फरवरी 2018 से ई-वे बिल की अनिवार्यता लागू हो गई है। सरकार ने सुविधा के लिए नई व्यवस्था को तकनीक से जोड़ा है। ई-वे बिल लागू होने से सरकार के लिए टैक्स चोरी पर लगाम लगाना आसान हो जाएगा।

ई-वे बिल क्या है?

माल के तेज, आसान और निर्विघ्न अंतरराज्यिक परिवहन हेतु 1 फरवरी से ई-वे बिल प्रभावी हो गया है। अगर परिवहन किए जाने वाले माल की कीमत 50000 रुपये या इससे ज्यादा है तो ई-वे बिल आवश्यक होगा। इस बिल के तहत 50000 रुपये से ज्यादा के अमाउंट के प्रोडक्ट की राज्य या राज्य से बाहर ट्रांसपोर्टेशन या डिलीवरी के लिए सरकार को पहले ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के जरिए बताना होगा।

इसके तहत ई-वे बिल जनरेट करना होगा जो 1 से 15 दिन तक मान्य होगा। यह मान्यता प्रोडक्ट ले जाने की दूरी के आधार पर तय होगा। जैसे कि- 100 किलोमीटर तक की दूरी के लिए 1 दिन का ई-बिल बनेगा, जबकि 1,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए 15 दिन का ई-बिल बनेगा।

क्या है इसका उद्देश्य?

देश भर में माल के बाधा-रहित परिवहन हेतु एकल ई-वे बिल

प्रत्येक राज्य में माल के परिवहन हेतु अलग से ट्रांजिट पास की आवशअयकता नहीं

माल परिवहन के विभागीय पुलिसिंग मॉडल से स्व-घोषणा मॉडल में स्थानांतरण

क्या है ई-वे बिल से लाभ?

अंतरराज्यिक माल परिवहन हेतु ई-वे बिल जेनरेट करने के लिए करदाताओं/परिवहनकर्ताओं को किसी कर कार्यालय या चेक पोस्ट तक जाने की जरूरत नहीं

चेक पोस्ट पर कोई इंतजार न होने और तीव्र माल परिवहन से वाहन/संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा, क्योंकि जीएसटी के तहत कोई चेक पोस्ट नहीं होंगे।

यूजर फ्रेंडली इ-वे बिल प्रणाली

ई-वे बिल का आसान एवं शीघ्र जेनरेशन

सुगम कर प्रशासन के लिए नियंत्रण एवं संतुलन तथा कर अधिकारी द्वारा ई-वे बिल के सत्यापन में आसानी हेतु प्रक्रिया का सरलीकरण

ई-वे बिल कैसे काम करेगा?

जब आप ई-वे बिल को जीएसटीएन पोर्टल पर अपलोड करेंगे तो एक यूनीक ई-वे नंबर (ईबीएन) जनरेट होगा। यह सप्लायर,ट्रांसपोर्ट और ग्राही (Recipients) तीनों के लिए होगा।

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