Friday, December 13, 2024
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BJP ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया, NCP ने कहा कि विश्वास मत साबित नहीं कर पाएंगे फडणवीस

गठबंधन ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय के विरोध में याचिका दायर की थीं। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी नोटिस जारी किए। 

Reported by: Bhasha
Published : November 24, 2019 21:14 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : FILE BJP ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया, NCP ने कहा कि विश्वास मत साबित नहीं कर पाएंगे फडणवीस

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश के कुछ घंटे बाद भाजपा ने कहा कि अदालत का निर्णय उसके दावे को मजबूत करता है कि अजित पवार राकांपा के विधायक दल के नेता हैं। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह राष्ट्रपति शासन हटाने की महाराष्ट्र के राज्यपाल की अनुशंसा और देवेन्द्र फडणवीस को सरकार बनाने का निमंत्रण देने वाले पत्र सोमवार को पेश करे।

पीठ ने सोलीसीटर जनरल तुषार मेहता के आग्रह को खारिज कर दिया जिन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पत्र को पेश करने के लिए दो दिनों का वक्त मांगा और उनसे कहा कि सोमवार सुबह साढ़े दस बजे पत्र पेश करें जब मामले पर फिर सुनवाई होगी। छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को शिवसेना- राकांपा- कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर नोटिस जारी किए।

गठबंधन ने फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय के विरोध में याचिका दायर की थीं। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी नोटिस जारी किए। अदालत के निर्णय पर भाजपा नेता आशीष शेलार ने कहा, ‘‘कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का खेल खत्म हो गया है। अजित पवार राकांपा विधायकों को व्हिप जारी कर सकते हैं।’’

बहरहाल राकांपा ने दावा किया कि देवेन्द्र फडणवीस सरकार 30 नवम्बर को सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएगी। उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘शपथ ग्रहण फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुए। देवेन्द्र फडणवीस के पास संख्या बल नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहतर होगा कि वह खुद मुख्यमंत्री पद छोड़ दें अन्यथा सदन में विश्वास मत के दौरान हार जाएंगे।’’

मलिक ने कहा कि रविवार सुबह तक राकांपा के ‘लापता’ पांच विधायकों में से दो लौट आए हैं और एक अन्य ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर राकांपा के साथ होने के बात कही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शेष विधायकों के शाम तक लौटने की उम्मीद करते हैं।’’

भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़े और दोनों ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की। बहरहाल, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद के बंटवारे को लेकर भाजपा के साथ अपना तीन दशक पुराना संबंध तोड़ लिया था। कांग्रेस और राकांपा को विधानसभा चुनावों में क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल हुई थीं।

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