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फिर पलटेगी महाराष्ट्र की सियासी बाजी? BJP के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है सीटों का ये गणित

बीजेपी के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 विधायक है जबकि बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों होने चाहिए। ऐसे में भाजपा को कम से कम 40 विधायकों के समर्थन की जरूरत है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : November 24, 2019 11:51 IST
Maharastra Chief Minister Devendra Fadnavis and Dy CM Ajit Pawar- India TV Hindi
Image Source : PTI Maharastra Chief Minister Devendra Fadnavis and Dy CM Ajit Pawar

मुंबई: एक बेहद ही नाटकीय घटनाक्रम के तहत शनिवार की सुबह बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ऐसा होते ही माना जाने लगा कि सूबे की राजनीति में पिछले कुछ समय से चली आ रही अनिश्चितता खत्म हो गई है, लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि राज्य की राजनीति में और अनिश्चितता बढ़ गई। क्योंकि, जैसे-जैसे शनिवार का दिन चढ़ता चला गया वैसे-वैसे ही महाराष्ट्र की सियासत में ड्रामा बढ़ता चला गया। शरद पवार ने तुरंत ही अजित पवार के फैसले को निजी फैसला बता दिया था।

दावे पर दावा

देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शपथ लेने के बाद से ही शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी पूरी हरकत में आ गईं। उन्होंने अपने-अपने विधायकों को संजोना शुरू कर दिया। साथी दलों के साथ बैठक के बाद शरद पवार ने दावा किया की अजित पवार के भाजपा के साथ जाने से भी वह सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। हालांकि, भाजपा की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि उनके पास बहुमत है। लेकिन, महाराष्ट्र में सीटों का गणित इतना आसान नहीं बचा है। दलों के बयानों और शनिवार को हुए घटनाक्रमों से यह उलझ गया है।

किसके पास कितनी सीटें?

बीजेपी के पास 288 सदस्यीय विधानसभा में 105, शिवसेना के पास 56, NCP के पास 54 और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। इनके अलावा बाकि निर्दलीय और अन्य पार्टियों के विधायक है। सदन में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों होने चाहिए। ऐसे में भाजपा को कम से कम 40 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। लेकिन, यह 40 विधायक जुटाना ही भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन गया है। क्योंकि, NCP के मुताबिक उनके साथ पार्टी के कुल जीतने वाले 54 में से 49 विधायक है। 

सीटों का गणित क्या कहता है?

ऐसे में अजित पवार के पास उन्हें खुद को मिला कर सिर्फ पांच ही विधायक बचते हैं। जिन्हें अगर भाजपा के 105 विधायकों में जोड़ा जाए तो सिर्फ 110 विधायक ही होते हैं, यह आंकड़ा भी 145 के बहुमत वाले आंकड़े से 35 कम है। वहीं, अगर NCP, शिवसेना और कांग्रेस के विधायकों को जोड़ा जाए तो NCP के 49 (54-5 *NCP के बयान के मुताबिक*) + शिवसेना के 56 + कांग्रेस के 44 विधायक = 149 विधायक। इसके अलावा इन 149 विधायकों में आगे चलकर उन्हें भी जोड़ा जाएगी, जो निर्दलीय या किसी और पार्टी के विधायन उन्हें समर्थन देंगे या दे चुके हैं।

संजय राउत ने 165 विधायक होने का दावा किया

शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि उन्हें 165 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। राउत ने कहा कि पहले मैं इस संख्या को 170 कहता था, लेकिन अब मैं कह रहा हूं कि हमारे साथ 165 विधायक हैं। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और सीनियर एनसीपी नेता अजित पवार के बारे में बोलते हुए राउत ने कहा कि उनके पास 4 से 5 विधायक हैं और यही उनकी ताकत है।  राउत ने कहा कि यदि बीजेपी और अजित पवार के पास बहुमत था, तो शपथ ग्रहण चोरी छिपे क्यों हुआ, और बहुमत साबित करने के लिए 30 तारीख का इंतजार क्यों करना।

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