Thursday, May 02, 2024
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दिल्ली में हुई हिंसा ‘‘सरकार प्रायोजित जनसंहार’’ थी: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा “सरकार प्रायोजित जनसंहार” थी।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: March 02, 2020 22:48 IST
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी- India TV Hindi
Image Source : PTI पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा “सरकार प्रायोजित जनसंहार” थी। उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में “दंगों का गुजरात मॉडल” दोहराने की कोशिश कर रही है। तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि “अमित शाह को याद रखना चाहिए” कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के कारण दिल्ली में हिंसा हुई जिसमें “इतने सारे लोग मारे गए।” 

बनर्जी ने उन लोगों की भी आलोचना की जिन्होंने कोलकाता में रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की रैली में जाते हुए “गोली मारो…” के विवादित नारे लगाए थे। तृणमूल अध्यक्ष ने कहा, “मैं दिल्ली में निर्दोष लोगों की हत्या से अत्यंत दुखी हूं। मेरे विचार से यह योजनाबद्ध तरीके से किया गया जनसंहार था। मैं इसे जनससंहार इसलिए कह रही हूँ क्योंकि यह हिंसा सरकार द्वारा प्रायोजित थी जिसे बाद में दंगों के रूप में प्रचारित किया गया। दिल्ली पुलिस केंद्र के अधीन है।’’ 

बनर्जी ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ सभी मौजूद थे लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया। बनर्जी ने शाह की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया जिसमें शाह ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पर आक्रोश प्रकट किया था। बनर्जी ने कहा कि दूसरों को भाषण देने से पहले दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर भाजपा को माफी मांगनी चाहिए। 

उन्होंने कहा, “भाजपा ने इसके लिए माफ़ी क्यों नहीं मांगी? फिर वे बेशर्मी से यहां आकर कहते हैं कि वे पश्चिम बंगाल पर कब्जा कर लेंगे। भाजपा पश्चिम बंगाल समेत देशभर में गुजरात के दंगों का मॉडल दोहराना चाहती है। गुजरात में 2002 में हुए दंगों के बाद उन्होंने यही काम उत्तर प्रदेश में किया और अब दिल्ली में कर रहे हैं।” 

बनर्जी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता बाबुल सुप्रियो ने कहा, “उन्हें जनसंहार का अर्थ नहीं मालूम है और उन्हें ऐसी बातें करने से पहले सोचना चाहिए।” सुप्रियो ने कहा कि दिल्ली में शांति लौट आई है और बनर्जी को भड़काऊ टिप्पणी करने से बचना चाहिए। सुप्रियो ने कहा कि यदि ममता के पास कोई सुझाव हैं तो उन्हें अमित शाह से मिलना चाहिए। 

माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने बनर्जी के बयानों को “नाटक” करार दिया और कहा कि उनकी (ममता) पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी थी जब भड़काऊ नारे लगाए जा रहे थे। पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “राष्ट्र विरोधी” नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार असफल रही है।

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