Friday, May 03, 2024
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तालिबान की बात कर महबूबा मुफ़्ती ने दी चेतावनी, कहा- हमारे सब्र का इम्तेहान मत लो, मिट जाओगे

महबूबा मुफ़्ती नेक कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं, जिस वक्त बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा उस वक्त आप नहीं रहोगे और मिट जाओगे। हमारा इम्तिहान मत लो सुधर जाओ, संभल जाओ। चींटी जब हाथी के सूंड में घुस जाती है तब वह हाथी का जीना हराम कर देती है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 21, 2021 21:17 IST
तालिबान का उदाहरण देते हुए महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र को दी चेतावनी- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO तालिबान का उदाहरण देते हुए महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र को दी चेतावनी

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक बार फिर विवादित बयान दिया है। अफगानिस्तान में तालिबान की जीत के बाद महबूबा मुफ्ती ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है और तालिबान की मिसाल पेश करते हुए केंद्र को चेतावनी दी है। महबूबा मुफ्ती ने तालिबान की मिसाल पेश करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा, तब आप नहीं रहोगे, मिट जाओगे। पड़ोस (अफगानिस्तान) में देखो क्या हो रहा है।

'अगर 1947 में बीजेपी सत्ता में होती, तो कश्मीर भारत में नहीं होता'

महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं, जिस वक्त बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा उस वक्त आप नहीं रहोगे और मिट जाओगे। हमारा इम्तिहान मत लो सुधर जाओ, संभल जाओ। चींटी जब हाथी के सूंड में घुस जाती है तब वह हाथी का जीना हराम कर देती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अटल बिहारी वाजपेयी की तरह पाकिस्तान और कश्मीरियों से बात करे। पीडीपी चीफ ने कहा, 1947 में तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू कश्मीर के नेतृत्व से वादा किया था कि लोगों की पहचान की हर तरह से रक्षा की जाएगी और विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगर आजादी के वक्त बीजेपी होती तो आज कश्मीर भारत में नहीं होता। 

केंद्र से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने की अपील की

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी कमजोर नहीं हैं, बल्कि वे बहुत बहादुर और धीरज रखने वाले हैं। जिस दिन सब्र की दीवार टूट जाएगी, तुम परास्त हो जाओगे। पीडीपी प्रमुख ने चेतावनी दी कि अगर बीजेपी ने बेहतर समझ नहीं दिखाई तो भारत सांप्रदायिक और धार्मिक आधार पर टुकड़ों में बंटने के लिए तैयार है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कश्मीर में उठने वाली आवाज को दबाने के लिए अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। दरअसल, महबूबा मुफ्ती की मां गुलशन नजीर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के लिए बुलाया था। जांच एजेंसी ने नजीर से 3 घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद महबूबा भड़क गईं और उन्होंने यह बयान दिया। महबूबा ने केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने और यहां की जनता से बातचीत करने की अपील भी की।

महबूबा मुफ्ती के बयान पर भाजपा ने साधा निशाना

महबूबा मुफ्ती के बयान के बाद से राजनीति गर्मा गई है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि पीएम ने कल कहा था कि टॉलरेंस हमारे संस्कार और हमारी संस्कृति है लेकिन आतंकवाद के प्रति हमारी ज़ीरो टॉलरेंस हमारा संकल्प है इसी संकल्प के साथ भारत के लोग आगे बढ़ रहे हैं और जो इस तरह के ज्ञान देते है उनके ज्ञान के पीछे खोट छिपा होता है। जम्मू में भाजपा नेता रविंद्र रैना ने कहा कि महबूबा मुफ़्ती ग़लतफहमी में है। वह आग से खेलने का काम कर रही है। क्या महबूबा मुफ़्ती तालिबान का निज़ाम कश्मीर घाटी में चाहती है? उनकी साजिश को पूरा नहीं होने देंगे। जो देश के ख़िलाफ़ षड्यंत्र करेगा उसे मिट्टी में दफन कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ऐसे बयान देना उनकी (महबूबा मुफ़्ती) पुरानी आदत है। उनको समझ लेना चाहिए कि अनुच्छेद 370 कभी वापस नहीं आने वाला है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद कम हत्याएं और कम आतंकवादी घटनाएं हुई। जम्म-कश्मीर विकास के रास्ते पर चल रहा है।

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