नई दिल्ली: मोदी सरकार नोटबंदी के बाद जल्द ही प्लास्टिक करेंसी बाजार में लाने वाले है। जिससे कि ब्लैक मनी पर थोड़ी लगाम लग सके। शुक्रवार को संसद में वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जानकारी दी कि इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। मेघवाल ने कहा कि प्लास्टिक या पॉलिमर सबस्ट्रेट बेस्ड नोट छापने का फैसला लिया गया है और इसके लिए मैटीरियल भी खरीदा जा रहा है।
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वित्त मंत्री ने कहा कि RBI साल 2014 से फील्ड ट्रायल के बाद प्लास्टिक करंसी लॉन्च करने की योजना बना रहा है। जो कि अब पूरी हो रही है।
इन 5 शहरों पर होगा चयन फील्ड ट्रायल
प्लास्टिक के नोट पूरे भारत में नहीं बल्कि सिर्फ 5 शहरों में चयन फील्ड ट्रायल किया जाएंगा। इन शहरों का नाम है कोच्चि, जयपुर, भुवनेश्वर, मैसूर, जयपुर।
इस कारण सरकार ला रही है प्लास्टिक नोट
- प्लास्टिक करेंसी आने से जाली नोटों पर पूरी तरह लगाम लग जाएगी।
- इन करेंसी की नकल करना काफी मुश्किल है।
- प्लास्टिक करेंसी की लाइफ भी कागज की करेंसी से ज्यादा होती है।
- प्लास्टिक की करेंसी 5 साल तक के लिए होती है।
- यह करेंसी प्लास्टिक या फिर पॉलिमर से बनेगी।
ये होगे फायदे
- प्लास्टिक नोट बहुत ही हल्के होते है। जिनसे ट्रांसपोटेशन करने में समस्या नहीं होती है।
- प्लास्टिक नोट होने से ग्लोबल वार्मिंग में भी 25 फीसदी कमी का दावा।
- कागज से ज्यादा होगी प्लास्टिक करेंसी।
- शुरुआत में यह छोटे नोटों से शुरु होगी। यानी कि 10, 20 के नोट से शुरुआत होगी।
इन देशों में पहले से ही चल रहे है प्लास्टिक नोट
- जाली नोटों से निपटने के लिए सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया ने प्लास्टिक नोट छापे थे।
- कनाडा, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, कुवैत में भी प्लास्टिक करेंसी चल रही हैं।
- यूनाइटेड किंगडम ने भी प्लास्टिक करेंसी चला रही है।
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