Sunday, April 28, 2024
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11 जनवरी को 'सुनहरी बाग मस्जिद' केस की सुनवाई, क्यों हो रही है हटाने की मांग? यहां जानें

दावा किया जाता है कि ये मस्जिद 150 साल से ज्यादा पुरानी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1912 के दिल्ली के नक्शे में इस मस्जिद को हकीम जी का बाग के रूप में दिखाया गया है।

Subhash Kumar Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published on: January 09, 2024 8:55 IST
सुनहरी बाग मस्जिद। - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA सुनहरी बाग मस्जिद।

राजधानी दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने का विरोध तेज हो रहा है। नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) द्वारा जाम की स्थिति से निजात दिलाने के लिए मस्जिद को हटाने का प्रस्ताव लाया गया है। हालांकि, राजनीतिक हलकों और मस्जिद प्रशासन की ओर से NDMC के इस फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। खबर आई है कि दिल्ली हाई कोर्ट सुनहरी बाग मस्जिद केस की सुनवाई 11 जनवरी को करने जा रहा है। आइए जानते हैं कि क्या  है सुनहरी बाग मस्जिद का इतिहास और क्यों इस मस्जिद को हटाने की मांग और विरोध का कारण क्या है। 

150 साल से ज्यादा पुरानी है मस्जिद

सुनहरी बाग मस्जिद लुटियंस जोन में मोतीलाल नेहरू मार्ग, राजपथ क्षेत्र में केंद्रीय सचिवालय के नजदीक स्थित है। दावा किया जाता है कि ये मस्जिद 150 साल से ज्यादा पुरानी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1912 के दिल्ली के नक्शे में इस मस्जिद को हकीम जी का बाग के रूप में दिखाया गया है। अब इसे ही सुनहरी बाग के नाम से जाना जाता है। मस्जिद को हटाने का विरोध करने वालों का दावा है कि इस मस्जिद का निर्माण मुगल काल में हुआ था जो उस वक्त की वास्तुकला का एक खूबसूरत उदाहरण है। 

क्या है मस्जिद हटाने के पीछे तर्क?

नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद ने 24 दिसंबर को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें दिल्ली के VIP एरिया लुटियंस सुनहरी बाग मस्जिद को हटाने का प्रस्ताव दिया गया था। तर्क दिया गया है कि सुनहरी बाग गोलचक्कर पर ट्रैफिक काफी ज्यादा है। इसके पास में ही मेट्रो स्टेशन भी है और यहां से VIP लोगों का काफिला भी गुजरता है। ऐसे में यहां पर सुरक्षा संबंधी परेशानियां भी आती हैं। जिस वक्त ब्रिटिश काल में दिल्ली का निर्माण हो रहा था तब यहां ट्रैफिक नहीं था। इस कारण तब भी इस मस्जिद को नहीं छेड़ा गया था। हालांकि, आज यहां ट्रैफिक की विकराल समस्या है। 

NDMC को मिले 2000 से ज्यादा सुझाव

नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को सुनहरी मस्जिद को गिराए जाने के संबंध में 2,000 से अधिक टिप्पणियां और सुझाव प्राप्त हुए हैं। एनडीएमसी ने एक जनवरी तक इस कवायद पर जनता से प्रतिक्रिया और सुझाव मांगे थे। एनडीएमसी के सूत्रों ने कहा- "हमें ई-मेल पर 2,000 से अधिक सुझाव मिले हैं। ये सुझाव मुस्लिम संगठनों और अल्पसंख्यक कल्याण निकायों से प्राप्त हुए हैं। जनता के सुझावों पर गौर किया जाएगा और विरासत समिति भी इस पर विचार करेगी।" 

क्यों हो रहा है विरोध?

AIMIM पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने NDMC को पत्र लिखकर  सुनहरी मस्जिद हटाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि इस मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व है और इसे हटाने से भारत की विरासत को नुकसान पहुंचेगा। वहीं, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी मस्जिद को लेकर पत्र लिखा है। मस्जिद के पक्षकारों का ये भी दावा है कि सुनहरी बाग मस्जिद हेरिटेज लिस्ट में शामिल है और साथ में पूरा चौराहा भी हेरिटेज है। 

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