Wednesday, December 11, 2024
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अरब सागर में आया भूकंप, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता

अरब सागर में आए भूकंप की वजह से महाराष्ट्र और गुजरात के कई इलाकों में हल्के झटके महसूस किए गए। हालांकि इससे किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है।

Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published : Jan 05, 2024 22:42 IST, Updated : Jan 05, 2024 22:49 IST
Earthquake- India TV Hindi
Image Source : FILE अरब सागर में आया 4.1 की तीव्रता का भूकंप

भारत के पश्चिम में स्थित अरब सागर में भूकंप आया है। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार रात 9:52 पर अर्ब सागर में अक्षांश: 20.18 और लंबाई: 72.24 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। जानकारी के अनुसार, भूकंप का उद्गम स्थल धरती के 10 किमी नीचे था। 

वहीं इससे पहले आज सुबह-सुबह मिजोरम में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। यहां लुंगलेई इलाके में सुबह-सुबह भूकंप के झटके आए थे। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 दर्ज की गई थी। वहीं इस भूकंप के झटके त्रिपुरा के भी कुछ हिस्सों में महसूस किए गए। इसके साथ ही पड़ोसी देश म्यांमार के भी कुछ इलाकों में इस भूकंप को लोगों ने महसूस किया।

जापान में मचाई तबाही

बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही भूकंप के झटकों ने पूरे जापान में तबाही मचा दी थी। पश्चिमी जापान में आए शक्तिशाली भूकंपों में अब तक कम से कम 62 लोगों की मौत हो गई। प्राकृतिक आपदा के कारण ध्वस्त हुई इमारतों के मलबे में अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। राहत और बचाव दल का अभियान काफी देर तक जारी रहा। इस बीच बचावकर्मियों ने खोजी कुत्तों की भी मदद ली और तलाशी अभियान चलाया। बता दें कि जापान के इशिकावा प्रांत और आसपास के इलाकों में सोमवार की दोपहर को आये भूकंप की तीव्रता 7.6 थी। इसके पश्चात एक के बाद एक झटके (ऑफ्टर शॉक) महसूस किये गये।

क्यों आता है भूकंप

दरअसल, धरती की मोटी परत जिसे क्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है, वह अपनी जगह से खिसकती रहती है। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर , दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

कैसे करें बचाव?

अगर अचानक भूकंप आ जाए तो घर से बाहर खुले में निकल जाएं। यदि आप घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं। भूकंप आने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें। खुले स्थान में जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें। इसके अलावे भूकंप रोधी मकान भी उतने ही जरूरी होते हैं। यह हालांकि बहुत महंगा नहीं होता, पर इसे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी के कारण अक्‍सर लोग इसकी अनदेखी कर बैठते हैं।

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