Friday, April 26, 2024
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INSAT 3DS की लॉन्चिंग रही सफल, जानें क्यों खास है ISRO की यह सैटेलाइट

51.7 मीटर लंबे GSLV-F14 रॉकेट से लॉन्च किया गया INSAT-3DS वर्तमान में कार्यरत INSAT-3D और INSAT-3DR उपग्रहों के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं को बढ़ाएगा।

Reported By : T Raghavan Edited By : Vineet Kumar Singh Updated on: February 17, 2024 18:31 IST
भारत के सबसे उन्नत...- India TV Hindi
Image Source : ISRO भारत के सबसे उन्नत मौसम उपग्रह INSAT-3DS को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है।

श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए देश के सबसे उन्नत मौसम उपग्रह INSAT 3DS को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। ISRO ने GSLV रॉकेट के साथ तीसरी पीढ़ी के मौसम पूर्वानुमान संबंधी उपग्रह ‘इनसेट-3डीएस’ को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया। 51.7 मीटर लंबे GSLV-F14 रॉकेट से लॉन्च किए गए 2,274 किलोग्राम वजनी उपग्रह के बारे में जानकारी देते हुए ISRO ने कहा कि यह भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) सहित पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों को सेवा प्रदान करेगा। एक जनवरी को PSLV-C58/एक्सपोसेट मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद 2024 में ISRO का यह दूसरा मिशन है।

लॉन्चिंग के 20 मिनट बाद वांछित कक्षा में हुआ स्थापित

आज शाम ठीक 5.35 बजे हुई इसकी लॉन्चिंग के तकरीबन 20 मिनट की उड़ान के बाद उपग्रह को वांछित कक्षा में स्थापित कर दिया गया। इस सीरीज के आखिरी सैटेलाइट INSAT-3DR को 8 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत विभिन्न विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम-सीमा मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और विभिन्न अन्य एजेंसियां और संस्थान बेहतर मौसम पूर्वानुमान तथा मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए INSAT-3DS उपग्रह के डेटा का इस्तेमाल करेंगे।

क्या हैं INSAT 3DS को लॉन्च करने का मकसद

INSAT 3DS भारत का तीसरी पीढ़ी का मौसम विज्ञान उपग्रह है और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। इसे मौसम की भविष्यवाणी और आपदा चेतावनी के लिए उन्नत मौसम संबंधी अवलोकन और भूमि तथा महासागर सतहों की निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है। इस उपग्रह की मदद से मौसम संबंधी ज्यादा सटीक भविष्यवाणियां करना संभव होगा। INSAT 3DS वायुमंडल के विभिन्न मौसम संबंधी मापदंडों की ऊर्ध्वाधर प्रोफाइल प्रदान करेगा। साथ ही ISRO के इस उपग्रह की मदद के धरती की सतह की ज्यादा सटीक तरीके से निगरानी हो सकेगी। 

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