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Karti Chidambaram Bribery cases: सीबीआई ने रिश्वत मामले में कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन को किया गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन को नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद करने के मामले में गिरफ्तार किया। 

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Published : May 18, 2022 10:38 IST
सीबीआई ने रिश्वत मामले में कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन को किया गिरफ्तार- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO सीबीआई ने रिश्वत मामले में कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन को किया गिरफ्तार  

Highlights

  • कार्ति चिदंबरम का सहयोगी एस. भास्कररमन गिरफ्तार
  • चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद करने के आरोप में हुई गिरफ्तारी
  • मामले में सीबीआई ने 5 आरोपियों पर दर्ज किया है केस

Karti Chidambaram Bribery cases: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कार्ति चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन को नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद करने के मामले में गिरफ्तार किया। इससे पहले मंगलवार को जांच एजेंसी ने पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम के घर समेत देश भर में 10 जगहों पर छापेमारी की थी। बाद में दिन में, पी. चिदंबरम ने सीबीआई के कदम की आलोचना करते हुए कहा था कि प्राथमिकी में उनका नाम नहीं है।

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कार्ति चिदंबरम और भास्कररमन को निजी फर्मों सहित अन्य लोगों के साथ एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था। कहा जाता है कि वरिष्ठ चिदंबरम ने कथित तौर पर उनकी मदद की थी। प्राथमिकी के अनुसार, एक मनसा (पंजाब) स्थित निजी फर्म तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और कथित तौर पर चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने में उसकी मदद करेंगे।

सीबीआई अधिकारी ने कहा, 'मनसा (पंजाब) स्थित निजी फर्म 1980 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया में थी और संयंत्र की स्थापना एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स की गई थी। परियोजना अपने निर्धारित समय से पीछे चल रही थी। देरी के लिए दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए, उक्त निजी कंपनी अधिक से अधिक चीनी व्यक्तियों, पेशेवरों को जिला मानसा (पंजाब) में अपनी साइट के लिए लाने की कोशिश कर रही थी और गृह मंत्रालय द्वारा लगाई गई सीमा से ऊपर परियोजना वीजा की आवश्यकता थी।' अधिकारी ने कहा कि इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए, उक्त निजी कंपनी के प्रतिनिधि ने अपने करीबी सहयोगी के माध्यम से चेन्नई स्थित एक व्यक्ति से संपर्क किया और उसके बाद उन्होंने सीलिंग के उद्देश्य को विफल करने के लिए एक बैक-डोर रास्ता तैयार किया। 

सीबीआई ने मामले में मंगलवार को 5 आरोपियों पर केस दर्ज किया था। इनमें पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम, चेन्नई स्थित करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन, पंजाब की निजी कंपनी के विकास मखरिया, मैसर्स तलवंडी साबो पावर लिमिटिडे, मानसा (पंजाब), मेसर्स बेल टूल्स लिमिमिटेड, मुंबई (महाराष्ट्र) शामिल थे। इसके अलावा एक सरकारी अधिकारी और एक निजी कर्मचारी भी शामिल थे। 

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