Monday, April 29, 2024
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जमीन के बदले नौकरी घोटाला: लालू यादव से ईडी की पूछताछ खत्म, 10 घंटे बाद आए बाहर

जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में लालू से ईडी की पूछताछ खत्म हो गई है। करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पटना स्थित ईडी कार्यालय से निकल गए हैं।

Reported By : Nitish Chandra Edited By : Swayam Prakash Updated on: January 29, 2024 21:35 IST
lalu yadav- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO बिहार के पूर्व सीएम और RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव

जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में लालू से ईडी की पूछताछ खत्म हो गई है। करीब 10 घंटे की पूछताछ के बाद RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पटना स्थित ईडी कार्यालय से निकल गए हैं। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद कथित ‘जमीन के बदले नौकरी घोटाला’ मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को पटना स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय में पेश हुए थे। राजद प्रमुख के साथ उनकी बेटी मीसा भारती भी मौजूद रहीं। लालू और उनकी बेटी सोमवार को सुबह 11 बजकर 5 मिनट पर ईडी कार्यालय पहुंचे थे।  

महागठबंधन से अलग होती लालू की हुई पेशी

बता दें कि जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘महागठबंधन’ से अलग होने के एक दिन बाद ही लालू प्रसाद केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश हुए। इस गठबंधन में RJD सबसे बड़ा घटक दल है। सुबह ईडी कार्यालय में लालू को प्रवेश कराने के बाद भारती ने संवाददाताओं से कहा था, ‘‘जब भी कोई केंद्रीय जांच एजेंसी हमारे परिवार के किसी सदस्य को पूछताछ के लिए बुलाती है तो हम वहां जाते हैं और उनके साथ सहयोग करते हैं और उनके सभी सवालों का जवाब देते हैं।’’

ईडी ने दायर की पहली चार्जशीट

ED सूत्रों के मुताबिक कथित, ‘जमीन के बदले नौकरी घोटाला’ मामले में राजद नेता लालू से पूछताछ करने के लिए दिल्ली से एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम रविवार को पटना पहुंची। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 19 जनवरी को मामले के संबंध में लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए नया समन जारी किया था। ईडी द्वारा पटना स्थित राजद प्रमुख की पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर समन सौंपा गया था। दोनों को क्रमशः 29 और 30 जनवरी को ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। ईडी ने हाल ही में इस मामले में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी। 

क्या है जमीन के बदले नौकरी घोटाला?

बता दें कि ये घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे। 9 जनवरी को, ईडी ने रेलवे में नौकरी के लिए जमीन से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें राबड़ी देवी, उनकी बेटियों राजद सांसद मीसा भारती और हेमा यादव सहित लालू प्रसाद के परिवार के अन्य लोगों को नामजद किया गया। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज मामला, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एक शिकायत पर आधारित है। 

सीबीआई के अनुसार, इन नौकरियों में नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में दूसरे उम्मीदवारों के स्थान पर नियुक्त किया गया था। सीबीआई का आरोप है कि बदले में, उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से प्रसाद के परिवार के सदस्यों को रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी। 

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