Saturday, May 04, 2024
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Rajat Sharma’s Blog: मोदी ने राहुल की इस धारणा को कैसे तोड़ा कि पीएम सवालों के जवाब नहीं देते?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवारवाद की राजनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भविष्य में लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकती है।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published on: February 10, 2022 18:40 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की रात एक इंटरव्यू में बहुत सारे मुद्दों पर बात की। मोदी ने इंटरव्यू में पूरे भरोसे के साथ कहा कि जिन 5 राज्यों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, वहां बीजेपी को ‘पूर्ण बहुमत’ मिलेगा।

मोदी ने उन सारे सवालों के जवाब दिए जो पिछले कुछ दिनों से चुनाव कैंपेन के दौरान विपक्ष ने उठाए थे। चाहे वह सवाल चुनावों में ईडी और सीबीआई के इस्तेमाल का हो, चाहे अजय मिश्रा टेनी को बचाने का हो, किसानों की नाराजगी का हो या फिर अन्तरराष्ट्रीय मीडिया में भारत की बदनामी का हो। ये ऐसे सवाल थे जो हर रोज पूछे जाते थे, और सबसे बड़ा सवाल था कि क्या विधानसभा चुनावों में बीजेपी जीतेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश में पहले चरण की वोटिंग से 11 घंटे पहले ये दावा किया कि यूपी में फिर से बीजेपी की सरकार आएगी, और पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।

मोदी ने कहा: ‘मैं सत्ता विरोधी लहर की बजाय सत्ता समर्थक लहर देख रहा हूं। जब भी सत्ता समर्थक लहर होती है, बीजेपी चुनाव जीत जाती है। इन सभी 5 राज्यों के मतदाता बीजेपी को उनकी सेवा करने का मौका देंगे। इन राज्यों के लोगों ने हमारा काम देखा है। पहले लोग ‘एंटी-इनकम्बैंसी’ की बात करते थे। मैं समझता हूं कि हमारे देश में वक्त बदला, लेकिन टर्मिनॉलजी नहीं बदली। पहले की सरकारें सिर्फ योजनाओं की घोषणा करती थीं, फाइलों पर हस्ताक्षर करती थीं, लेकिन अपने वादे कभी पूरे नहीं करती थीं।’

मोदी ने इस धारणा को खारिज कर दिया कि समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव के राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ गठबंधन करने से वोट एकजुट हो जाएंगे। मोदी ने कहा, ‘यूपी में 'दो लड़के' फॉर्मूला काम नहीं करेगा। ये दो लड़कों वाला खेल तो हमने पहले भी देखा था। उनमें इतना अहंकार था कि उन्होंने ‘गुजरात के दो गधे', ये शब्द प्रयोग किया था। और यूपी की जनता ने उनको हिसाब दिखा दिया। और एक बार तो दो लड़के भी थे, और एक बुआ जी (मायावती) भी उनके साथ थीं, फिर भी वे सफल नहीं हो पाए।’ मोदी 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा, बसपा और आरएलडी के गठबंधन का जिक्र कर रहे थे, जो ज्यादा सीटें जीतने में नाकाम रहा था।

अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा: ‘जरा सोचिए। 18 वर्ष की आयु से युवाओं को वोट देने का अधिकार है, और 25 वर्ष की आयु से चुनाव लड़ने का अधिकार है। यदि कोई पिता आगे आता है, और कहे कि उसके दो बेटे हैं, एक 15 साल का और दूसरा 10 साल का, दोनों मिलाकर 25 साल हो गए इसलिए उसे चुनाव लड़ने दें। ऐसा कभी हो सकता है क्या? क्या आपको लगता है कि इस तरह के मेलजोल से चीजें आगे बढ़ सकती हैं?’

मोदी ने कहा, ‘2014 के लोकसभा चुनाव, 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे इस थिअरी को स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं कि कोई भी पार्टी यूपी में एक बार जीत हासिल करने के बाद दोबारा नहीं जीत सकती। बीजेपी ने इसे बार-बार साबित किया है और हम इस बार भी जीतेंगे।’

उत्तर प्रदेश में बीजेपी के होर्डिंग पोस्टरों खुद की और योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों को दिखाए जाने के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा, ‘पोस्टरों पर मेरी तस्वीर बीजेपी के एक कार्यकर्ता के रूप में होती है जिसका नाम नरेंद्र मोदी है। हम सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं और हम मिलजुल कर काम करते हैं।’

पीएम मोदी ने यह भी समझाया कि वह अखिलेश यादव की पार्टी को बार-बार 'नकली समाजवादी' क्यों कहते हैं। उन्होंने कहा: ‘नकली समाजवादियों से मेरा मतलब उन लोगों से है जहां एक ही परिवार के सदस्य किसी पार्टी में विभिन्न पदों पर काबिज हैं। सच्चे समाजवादियों से मेरा तात्पर्य डॉक्टर राम मनोहर लोहिया, जॉर्ज फर्नांडीस और नीतीश कुमार जैसे नेताओं से है, जिन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को कभी भी अपनी पार्टी के पदों पर कब्जा नहीं जमाने दिया। एक बार किसी ने मुझे चिट्ठी भेजी थी कि यूपी में खुद को समाजवादी कहने वाली एक पार्टी में एक ही परिवार से 45 लोग ऐसे थे जो किसी न किसी पद पर थे।’

मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा: ‘यूपी में सत्ता में आने से पहले, गुंडों और माफियाओं का शासन था। अब योगी के राज में ज्यादातर माफिया नेताओं ने या तो सरेंडर कर दिया है या फिर राज्य से पलायन कर गए हैं। यूपी में महिलाएं अब स्वतंत्र रूप से घूम सकती हैं। योगी ने लोगों के मन में सुरक्षा का भरोसा दिया है। जिस तरह से उनकी सरकार ने प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन किया और कोरोना महामारी का मैनेजमेंट किया, वह काबिले तारीफ है।’

यह बताने पर कि यूपी में पिछले 3 दशकों में कोई भी सत्तारूढ़ दल लगातार दोबारा चुनाव नहीं जीता है, और पिछले 60 सालों में एक भी मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आया है, मोदी ने कहा कि यूपी में उनकी पार्टी ने लगातार जीत हासिल की है और 2014, 2017 एवं 2019 के चुनाव इसकी गवाही देते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें यूपी की जनता का आशीर्वाद इस बार भी मिलेगा।’

लखीमपुर खीरी में किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने के आरोपी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे से संबंधित एक सवाल पर मोदी ने जवाब दिया: ‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत मामले की जांच की जा रही है, और शीर्ष अदालत जांच की प्रगति से संतुष्ट है। योगी सरकार जांच टीम को पूरा सहयोग कर रही है।’

यह पूछे जाने पर कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट चुनाव से पहले छापे क्यों मारते हैं, मोदी ने जवाब दिया: ‘हम भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के वादे पर सत्ता में आए। अगर हम कार्रवाई नहीं करेंगे तो लोगों को क्या जवाब देंगे?’

विपक्ष के इस आरोप पर कि बीजेपी 'डबल इंजन सरकार' की बात कहकर मतदाताओं को परोक्ष रूप से धमकी दे रही है कि अगर लोगों ने बीजेपी को वोट नहीं दिया तो केंद्र राज्य की मदद करना बंद कर देगा, मोदी ने जवाब दिया: ‘राज्यों में कोई भी पार्टी सत्ता में हो, केंद्र में हमारी सरकार ने सहायता प्रदान करने में कभी भी भेदभाव नहीं किया है।’

मोदी ने कहा, ‘आयुष्मान भारत योजना का ही उदाहरण लें। इस योजना के तहत एक गरीब आदमी 5 लाख रुपये की सीमा तक मुफ्त इलाज का लाभ उठा सकता है। भारत में कहीं भी, कोई भी इस योजना के तहत अपना इलाज करवा सकता था, लेकिन कई राज्यों ने इसका विरोध किया और यह कहते हुए इसे अपने यहां लागू करने से इनकार कर दिया कि उनके पास बेहतर मेडिकल स्कीम हैं। बंगाल, दिल्ली और केरल जैसे राज्यों ने इसे लागू करने से मना कर दिया। अगर यह आयुष्मान भारत योजना पूरे भारत में लागू होती, तो कोई भी भारतीय किसी भी राज्य में मुफ्त इलाज का लाभ उठा सकता था।’

मोदी ने फिर से परिवारवाद की राजनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भविष्य में लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकती है। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कई राज्य ऐसे हैं जहां क्षेत्रीय दलों पर एक ही परिवार का कब्जा है। कश्मीर में 2 परिवार हैं, झारखंड, तमिलनाडु और कई अन्य राज्यों में परिवार ही पार्टी चलाता है, यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है। और अगर एक पार्टी में किसी परिवार के 2 लोग एमपी या एमएलए बन गए, तो वह पार्टी परिवार की नहीं बन जाती है। इन दोनों का फर्क समझना होगा। पहले में, परिवार ही सर्वोपरि होता है, जहां केवल बेटे और बेटियां ही प्रमुख पदों पर आसीन हो सकते हैं। दूसरे में, नेताओं के बेटों को चुनाव लड़ना और जीतना होता है। दोनों में फर्क साफ है।’

गांधी-नेहरू परिवार की आलोचना पर मोदी ने जवाब दिया, ‘मैंने किसी के पिताजी, किसी के दादाजी, किसी के नानाजी या किसी की माताजी के लिए कुछ नहीं कहा है। मैंने देश के प्रधानमंत्री ने क्या कहा, ये बताया है। इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। मैंने सिर्फ ये बताया कि एक प्रधानमंत्री के ये विचार थे, तब क्या स्थिति थी। आज के प्रधानमंत्री के ये विचार हैं, और क्या स्थिति है।’

कुल मिलाकर अपने 70 मिनट के इंटरव्यू में मोदी ने भारतीय राजनीति में कई बरसों से बनी धारणाओं को ध्वस्त कर दिया। उन्होंने समझाया, एंटी-इनकम्बैंसी इसलिए होती थी क्योंकि पहले की सरकारें काम नहीं करती थीं। जब काम होता है तब कोई एंटी-इनकम्बैंसी नहीं होती है। मोदी की ये बात सही है। यूपी में एक बार जो जीतता है वह फिर हारता है, ये थ्योरी भी पिछले 3 चुनावों में गलत साबित हो चुकी है।

मोदी ने इस धारणा को भी गलत बताया कि उनकी सरकार चुनाव के लिए ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का इस्तेमाल करती है। उन्होंने कहा कि चुनाव की वजह से एजेंसियां भ्रष्टाचार से हुई लूट की संपत्ति वापस लाने का काम नहीं रोक सकतीं, क्योंकि चुनाव लगातार होते रहते हैं। भारत में सारे चुनाव एक साथ नहीं होते।

मोदी ने इस धारणा को भी तोड़ा कि किसान योगी से नाराज हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं किसानों के दिल जीतने के लिए निकला हुआ इंसान हूं। मैं किसानों के हित में तीनों कृषि कानून लाया था, लेकिन मैंने उन्हें देश के हित में निरस्त कर दिया।’

विपक्ष के इस आरोप पर कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब हुई है, मोदी ने कहा कि देश में एफडीआई और एफआईआई की आमद बढ़ी है, और दुनिया भर के 150 से अधिक देशों में कोविड के टीके भेजने से भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया के बारे में उन्होंने कहा कि उसपर कमेंट करने की जरूरत नहीं है। पीएम ने कहा, ‘हमें अपने आप पर भरोसा होना चाहिए।’

मुझे लगता है मोदी ने राहुल गांधी की इस धारणा को भी तोड़ दिया कि प्रधानमंत्री सवालों के जवाब नहीं देते। दरअसल, मोदी ने बुधवार को उन सभी सवालों को जवाब दिए जो इंटरव्यूअर ने उठाए थे। मेरे विचार से लोकतंत्र में यह एक स्वस्थ परंपरा है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 9 फरवरी, 2022 का पूरा एपिसोड

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