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Rajat Sharma's Blog | महाराष्ट्र में वोटर्स लिस्ट से हारे, तो दिल्ली में क्या हुआ?

संजय राउत ने तो यहां तक कह दिया कि “बीजेपी ने चुनाव आयोग की मदद से चुनाव जीतने का नया फॉर्मूला निकाला है। महाराष्ट्र के जो नए 39 लाख वोटर हैं, वो अब बिहार की वोटर लिस्ट में जुड़ जाएंगे क्योंकि ये फ्लोटिंग वोटर हैं। जिस राज्य में चुनाव होते हैं, वहां इन मतदातों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़कर बीजेपी चुनाव जीत लेती है।”

Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Published : Feb 08, 2025 15:02 IST, Updated : Feb 08, 2025 15:02 IST
Rajat sharma, INDIA TV
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

दिल्ली में बीजेपी जब 27 साल बाद विधानसभा चुनावों में सत्ता में लौट रही थी, उससे एक दिन पहले राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर उंगली उठाई। राहुल गांधी, सुप्रिया सुले और संजय राउत ने ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस की। आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में 39 लाख वोटर जोड़े गए। ये सारे वोट बीजेपी को मिले। इसलिए बीजेपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जीती। राहुल गांधी ने कहा कि वो चाहते हैं कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव की फाइनल वोटर लिस्ट, वोटर्स के नाम, पते और उनके फोटो के साथ कांग्रेस को दे जिससे सारी स्थिति साफ हो सके।

राहुल गांधी के एलायंस पार्टनर उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की NCP ने भी उनके आरोपों का समर्थन किया। संजय राउत ने तो यहां तक कह दिया कि “बीजेपी ने चुनाव आयोग की मदद से चुनाव जीतने का नया फॉर्मूला निकाला है। महाराष्ट्र के जो नए 39 लाख वोटर हैं, वो अब बिहार की वोटर लिस्ट में जुड़ जाएंगे क्योंकि ये फ्लोटिंग वोटर हैं। जिस राज्य में चुनाव होते हैं, वहां इन मतदातों के नाम वोटर लिस्ट में जोड़कर बीजेपी चुनाव जीत लेती है।”

सुप्रिया सुले ने EVM की बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग की। सुप्रिया सुले ने कहा कि “चुनाव आयोग न दोबारा मतदान की मांग को सुनता है, न उनकी पार्टी का चुनाव निशान बदलने की मांग सुनता है, न शिकायतों का जबाव देता है। इससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर शक पैदा हो रहा है। अगर लोकतंत्र को सलामत रखना है, तो चुनाव आयोग को सारे सवालों के जवाब देने ही होंगे।”

वैसे राहुल गांधी के साथ दिक़्क़त ये है कि आरोप लगाते वक़्त, वो कभी facts और figure का ध्यान नहीं रखते। बस इल्ज़ाम मढ़ते जाते हैं। पिछले तीन हफ़्ते में राहुल गांधी तीन बार महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट की हेरा-फेरी का मुद्दा उठा चुके हैं।हर बार उनके आंकड़े बदल गए।

18 जनवरी को पटना की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच एक करोड़ वोटर बढ़ गए। तीन फरवरी को उन्होंने लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र में 70 लाख वोटर बढ़ गए। मुंबई में उन्होंने कहा 39 लाख वोटर बढ़ गए। अब समझ में नहीं आता कि राहुल गांधी की किस बात पर यक़ीन किया जाए।

राहुल गांधी के इल्ज़ामात के बाद चुनाव आयोग ने कहा है कि वो राजनीतिक दलों को चुनाव प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा मानता है। इसलिए जिन नेताओं ने चुनाव आयोग को लेकर सवाल उठाए हैं, उनके जवाब आंकड़ों के साथ दिए जाएंगे। चुनाव आयोग ने ये बात X पर लिखी, लेकिन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि दिल्ली के चुनाव नतीजे आने से ठीक एक दिन पहले राहुल ने आरोप लगाया। फडनवीस ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस का सफ़ाया होना तय है। इसीलिए, राहुल गांधी ने एक दिन पहले से ही हार की भूमिका बनानी शुरू कर दी है। फड़णवीस ने कहा कि राहुल गांधी के आरोपों में कोई दम नहीं। अच्छा होता, वो आत्मचिंतन करें, वरना कांग्रेस का बेड़ा ग़र्क होता रहेगा।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तंज़ कसते हुए कहा कि महाराष्ट्र की हार से महाविकास अघाड़ी को बिजली का करंट लग गया है और इससे राहुल गांधी उबर नहीं पा रहे हैं, तरह तरह के बहाने बना रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नीतेश राणे ने कहा कि राहुल गांधी, संजय राउत और सुप्रिया सुले को “3 idiots” बता दिया। नीतीश राणे ने कहा कि पहले कांग्रेस और उनके साथियों को मुसलमानों का एकमुश्त वोट मिलता था, हिन्दू वोट बंट जाता था। लेकिन इस बार हिन्दुओं ने एकजुट होकर वोट डाला। इसलिए महाविकास अघाड़ी को झटका लगा है।

नीतीश राणे ने कहा कि अगर राहुल और सुप्रिया सुले को EVM से दिक़्क़त है, वो पहले इस्तीफ़ा दे दें, कह दें कि उनको EVM से सांसद नहीं बनना। कई बार ये लगता है कि राहुल गांधी वाकई में वही बोल देते हैं, जो उन्हें लिखकर दे दिया जाता है।वो खुद थोड़ी भी रिसर्च नहीं करते।मैंने चुनाव आयोग के आंकड़े देखे हैं।

2009 में तो कांग्रेस की सरकार थी, 2009 से 2014 के विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र में करीब 75 लाख साठ हजार वोट बढ़े। 2014 से 2019 के विधानसभा चुनाव के बीच करीब 63 लाख दस हजार वोट बढ़े। फिर 2019 से 2024 के विधानसभा चुनाव के बीच करीब 71 लाख 84 हजार वोट बढ़े। पैटर्न वही है। आंकड़े मैंने आपको बता दिए। अब खुद तय करिए कि वोट लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों में कितना दम है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 07 फरवरी, 2025 का पूरा एपिसोड

 

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