Tuesday, April 30, 2024
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रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा, ‘मोदी अधिकतम 214 से 240 लोकसभा सीटें जीत सकते हैं’

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने लोकप्रिय शो 'आप की अदालत' में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत के सवालों के खुलकर जवाब दिए और अपने जीवन से जुड़े तमाम अनसुने किस्सों पर बात की।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Updated on: April 13, 2024 23:43 IST
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Image Source : INDIA TV 'आप की अदालत' में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी।

नई दिल्ली: तेलंगाना के मुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी ने कहा है कि ‘अब की बार, 400 पार’ का नारा देने के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ‘इस बार अधिकतम 214 से 240 लोकसभा सीटें जीत सकते हैं।’ रजत शर्मा के प्रतिष्ठित टीवी शो 'आप की अदालत' में सवालों का जवाब देते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा: ‘दक्षिण भारत में 129 लोकसभा सीटें हैं। कर्नाटक में वे ज्यादा से ज्यादा 10 से 12 सीटें जीत सकते हैं। तेलंगाना में 2019 में 4 सीटें मिली थीं, इस बार 2 मिलेंगी। पिछली बार बीजेपी ने गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में शानदार जीत हासिल की थी। यूपी और बिहार में उनके गठबंधन ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। उस समय हर जगह 100 प्रतिशत, 95 प्रतिशत सीटें मिलीं तो 300 नंबर तक पहुंच गए। अभी अगर वे 400 सीटें जीतना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें पाकिस्तान में जीतना होगा, हिंदुस्तान में नहीं।’

इस बार बीजेपी की सीटों के नंबर को लेकर उनका अनुमान पूछा गया तो रेवंत रेड्डी ने कहा: 'मैं आज ये बात कहकर जा रहा हूं। मोदी इस बार अधिकतम 214 से 240 सीटें जीतेंगे। परसेप्शन बनाने के लिए ‘400 पार’ की बात कहना ठीक है। यहां तक कि केसीआर (बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री) ने भी दावा किया था कि वह 100 विधानसभा सीटें जीतेंगे, लेकिन पिछले साल हुए चुनावों में उन्होंने 39 सीटें जीतीं। पॉलिटिक्स और व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में आप 400 से ज्यादा जीतने का दावा कर सकते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत को भी देखना होगा। CSDS का सर्वे कहता है कि 62 फीसदी युवा बेरोजगारी से नाखुश हैं।' इंडिया टीवी के प्रतिष्ठित शो 'आप की अदालत' के इस एपिसोड का प्रसारण रविवार सुबह 10 बजे और रात 10 बजे भी किया जाएगा। 

केसीआर, केटीआर और बीआरएस पर हमला

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के प्रमुख, पूर्व सीएम के.चंद्रशेखर राव पर जोरदार हमला करते हुए रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि बीआरएस ने ‘बीजेपी को कम से कम 5 लोकसभा सीटों पर जीत दिलाने के लिए ‘सुपारी’ ली है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘महबूबनगर, चेवेल्ला, जहीराबाद, भोंगिर और मल्काजगिरी’ की सीटों पर BRS के लोगों ने BJP के लिए काम करने की ‘सुपारी ली है।’

रेड्डी बीआरएस नेता के.टी. रामा राव के इस आरोप का जवाब दे रहे थे कि मुख्यमंत्री लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

रेवंत रेड्डी ने कहा, ‘अगर मैं सत्ता का भूखा होता तो 2014 में उन्हीं की पार्टी (BRS) में शामिल हो जाता। या मैं 2017 में बीजेपी को जॉइन कर सकता था। मैंने खुद कड़ी मेहनत की, अपने नाम पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर मैं मुख्यमंत्री बन गया। मैं किसी की दया या पिता या दादा के नाम पर सीएम नहीं बना। मैं मेहनत करके मुख्यमंत्री बना।’ उन्होंने आगे कहा, ‘केटीआर को इससे क्या लेना-देना है। उन्हें तो मैनेजमेंट कोटा से, अपने बाप के नाम पर नौकरी मिली है। वह अपने बाप के नाम के बिना चपरासी भी नहीं बन पाएंगे।’ 

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता बड़ी संख्या में पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं, रेवंत रेड्डी ने जवाब दिया: ‘यह ईडी और इनकम टैक्स के मामलों के कारण है। आपको तो पता है न, मोदी जी का स्लोगन है - ICE या NICE। ICE का मतलब इनकम टैक्स, सीबीआई, ईडी और NICE का मतलब नारकोटिक्स, इनकम टैक्स, सीबीआई, ईडी। आपको क्या चाहिए? ICE चाहिए या NICE चाहिए? मतलब कौन से केस चाहिए? तो इसमें से ICE या NICE नेता लोगों को ऑफर किए होंगे। इसलिए वे लोग उसमें चले गए।’

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने KCR की पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए 3 विधायकों और एक मेयर को क्या ऑफर दिया, रेड्डी ने जवाब दिया: ‘राज्यसभा सदस्यता। के. केशव राव संसद में बीआरएस के नेता थे।’

रजत शर्मा: आपने क्या ऑफर किया? ICE या NICE?

रेवंत रेड्डी: कुछ नहीं। मैंने उन्हें सिर्फ प्यार दिया है।

रजत शर्मा: आपने भी कोई वॉशिंग मशीन लगा लिया?

रेवंत रेड्डी (हंसते हुए): ‘नहीं। अभी नहीं खरीदा। अभी तो नया-नया घर बसा है?’

अडानी पर भी बोले रेवंत रेड्डी

यह पूछे जाने पर कि उन्होंने ऐसे समय में उद्योगपति गौतम अडानी को 12,400 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट क्यों दिए, जब उनकी पार्टी के नेता राहुल गांधी अडानी को ‘जेबकतरा’ कह रहे हैं, रेवंत रेड्डी ने जवाब दिया: ‘मैंने अपने प्रोजेक्ट नहीं दिए। मोदी ने बंदरगाह, एयरपोर्ट दिए। मैंने अडानी जी की जेब से पैसा लिया और अपने राज्य में इन्वेस्टमेंट करवाया। मैंने उनसे पावर सेक्टर में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सेक्टर में इन्वेंस्टमेंट लिया। मैं तो सभी से अपने राज्य में इन्वेस्टमेंट चाहता हूं, चाहे वह अडानी हों, टाटा हों, बिड़ला हों, अंबानी हों या कोई और। मैं उन सभी लोगों को समान स्तर का अवसर देना चाहता हूं जो मेरे राज्य में रोजगार दे सकें। अडानी ब्रांड का मतलब डिस्क्वॉलिफिकेशन नहीं है। और, मैं आउट ऑफ द वे जाकर किसी को फेवर भी नहीं करना चाहता।’

रेड्डी ने कहा, ‘राहुल जी जो बोलते हैं, वह सही है। केंद्र सरकार अडानी को सस्ती दरों पर प्रोजेक्ट दे रही है। मैं अडानी से बंद कमरे में नहीं मिला। मैं उनसे जनता के सामने मिला। मैंने उन्हें अपने राज्य में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया ताकि लोग रोजगार मिल सके।’

रजत शर्मा: राहुल गांधी कहते हैं कि अडानी देश को लूट रहे हैं। आप देश को लूटने वाले को अपने राज्य में निवेश करने की इजाजत कैसे दे सकते हैं?

रेवंत रेड्डी: ‘मैं लूटने नहीं दूंगा, क्योंकि मैं हूं। मैं किसी को भी तेलंगाना को लूटने की इजाजत नहीं दूंगा। हम निवेश लेंगे, हम रोजगार की गारंटी देंगे। जो निवेशक आएंगे, उन्हें मैं गारंटी दूंगा। इन्वेस्टमेंट गारंटी का मतलब जनता के पैसे को लूटना नहीं है। जनता के पैसे की सुरक्षा के लिए मैं हूं।’

केजरीवाल की गिरफ्तारी

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को ‘अवैध’ करार दिया।  उन्होंने कहा, ‘पूरे देश की जनता देख रही है कि क्या हुआ। (दिल्ली शराब) केस 2 साल से चल रहा है। चुनाव के समय उन्हें गिरफ्तार किया गया क्योंकि भाजपा को चुनाव हारने का डर था। अगर उन्हें 2 महीने बाद गिरफ्तार किया जाता तो क्या फर्क पड़ता? इलेक्शन शेड्यूल घोषित होने के बाद दो मौजूदा मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अगर केस में सबूत हैं तो ED दो साल तक चुप क्यों रही? अगर कोई सबूत नहीं हैं तो चुनाव के समय गिरफ्तारी क्यों की? मोदीजी को जवाब देना चाहिए। जिस तरह से मोदी जी अपनी सरकार चलाने की, उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं, वह देश के लिए अच्छा नहीं है। भ्रष्टाचार की सजा मिलनी ही चाहिए, लेकिन 140 करोड़ लोग देख रहे हैं कि हालात कैसे बन रहे हैं।'अगर चुनाव की घोषणा होने के बाद ईडी मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करता है तो क्या इससे देश का मान बढ़ता है?'

रजत शर्मा: आपने कहा कि आप केसीआर और उनके परिवार के लिए जेल में एक डबल बेडरूम बनाना चाहते हैं। यह ठीक है?

रेवंत रेड्डी: मैं सिचुएशन के बारे में बोल रहा हूं। केजरीवाल जी के ऊपर इल्जाम क्या है? उनकी पार्टी ने गोवा, पंजाब चुनावों में खर्च करने के लिए किसी शराब व्यापारी से 100 करोड़ रुपये लिए, यही न। और उसी शराब व्यापारी ने इलेक्टोरल बॉण्ड के रूप में बीजेपी को 400-500 करोड़ रुपये दिए। फिर आप व्हाइट में लिए या ब्लैक में लिए। क्या फर्क है आप दोनों के बीच?

रजत शर्मा: क्या इसका चुनाव पर कोई असर पड़ेगा?

रेवंत रेड्डी: निश्चित रूप से। लोग देख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोगों को साफ-साफ दिखाई दे रहा है कि किसने किस पार्टी को कितना पैसा दिया। पूरे भारत में 22,500 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉण्ड खरीदे गए, जिसमें से बीजेपी को पिछले 4 साल में 6,780 करोड़ रुपये मिले। अब बीजेपी का एजेंडा राम मंदिर से भटक गया है। मोदीजी अब केवल भ्रष्टाचारियों को नहीं बख्शने की बात कर रहे हैं और उन्हें जेल भेजने का वादा कर रहे हैं।’

यह पूछे जाने पर कि क्या दिल्ली शराब मामले में केसीआर की बेटी के. कविता की गिरफ्तारी से बीआरएस को सहानुभूति मिल सकती है, रेड्डी ने जवाब दिया: ‘उन्हें तेलंगाना के भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है, उन्हें दिल्ली के करप्शन केस में गिरफ्तार किया गया है। अगर केसीआर गिरफ्तार हुए होते तो इसका चुनाव पर असर पड़ सकता था। के. कविता की गिरफ्तारी तेलंगाना चुनाव के लिए अप्रासंगिक है।’

दक्षिण का कोई नेता पीएम बन सकता है

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस दक्षिण से किसी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश करने जा रही है, रेवंत रेड्डी ने जवाब दिया: ‘कर्नाटक से मल्लिकार्जुन खरगे जी कांग्रेस अध्यक्ष हैं, केरल से के. सी. वेणुगोपाल महासचिव हैं, राहुल गांधी जी साउथ से रिप्रेजेंट कर रहे हैं। आने वाले दिनों में दक्षिण का कोई व्यक्ति प्रधानमंत्री बन सकता है।’

रजत शर्मा: तभी तो कांग्रेस छोड़ने वाले कह रहे हैं कि साउथ लॉबी ने पार्टी पर कब्जा कर लिया है?

रेवंत रेड्डी: ‘तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 42 सांसद हैं, और कैबिनेट मंत्री केवल एक ही हैं, किशन रेड्डी जी। गुजरात में 26 सांसद हैं और वहां से 7 कैबिनेट मंत्री हैं। यूपी से उनके पास 62 सांसद हैं और 12 कैबिनेट मंत्री हैं। प्रधानमंत्री से लेकर रक्षा मंत्री और गृह मंत्री तक, सभी पोर्टफोलियो पर उत्तर के लोगों का कब्जा है। प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष सभी उत्तर भारत से हैं। क्या हम इस देश का हिस्सा नहीं हैं? क्या दक्षिण भारत हिंदुस्तान में नहीं है?’

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