Friday, April 26, 2024
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भारत के इस फैसले से फिर खुश हुआ रूस, यूक्रेन के अन्न गलियारे में शामिल नहीं होगा देश

India on Ukraine Grain Corridor: यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के लिए रूस को दोषी ठहराने वाले पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार कर जब भारत ने कहा था कि वह जहां से मर्जी वहां से तेल की खरीददारी करेगा तो यह बात पुतिन को बहुत अच्छी लगी थी।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: December 29, 2022 20:06 IST
व्लादिमिर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति - India TV Hindi
Image Source : AP व्लादिमिर पुतिन, रूस के राष्ट्रपति

India on Ukraine Grain Corridor: यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई के लिए रूस को दोषी ठहराने वाले पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार कर जब भारत ने कहा था कि वह जहां से मर्जी वहां से तेल की खरीददारी करेगा तो यह बात पुतिन को बहुत अच्छी लगी थी। खासकर ऐसे वक्त में जब पश्चिमी देश पुतिन के खिलाफ हों और इसके बावजूद भारत खुलकर रूस के साथ खड़ा हो। यूक्रेन को लेकर अब ऐसा दूसरा मौका आया है, जिसपर भारत के स्टैंड ने एक बार फिर से पुतिन को खुश कर दिया है। मामला यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़ते खाद्य संकट को लेकर है, जिसपर भारत मानवीयता के नाते खाद्य मदद को तैयार तो है, लेकिन उसने यूक्रेन के अन्न गलियारे (ग्रेन कोरिडोर) में शामिल होने से इन्कार कर दिया है।

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के यूक्रेन ‘अन्न गलियारा’ में शामिल होने की संभावना नहीं है और वैश्विक दक्षिण क्षेत्र में विभिन्न देशों को खाद्यान्न सहायता पहुंचाने के लिये भारत के पास द्विपक्षीय तंत्र मौजूद है। यह पूछे जाने पर कि क्या भारत अन्न गलियारा में शामिल होने पर विचार कर रहा है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हम वैश्विक दक्षिण क्षेत्र में देशों को सहायता पहुंचा रहे हैं। मेरे पास स्पष्टता नहीं है कि हम इसमें (अन्न गलियारा) शामिल होंगे, संभवत: नहीं। हमारा ध्यान दक्षिण-दक्षिण द्विपक्षीय तंत्र पर होगा।

संयुक्त राष्ट्र ने बनवाया था अन्न गलियारा

बागची ने कहाकि अभी की स्थिति में मेरे पास यह जानकारी नहीं है कि क्या हम इस पहल में शामिल होना चाहते हैं।’’ गौरतलब है कि यूक्रेन के बंदरगाहों से अन्न एवं खाद्य सामग्री के सुरक्षित परिवहन की पहल 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के दौरान रूस एवं यूक्रेन के बीच तुर्किये और संयुक्त राष्ट्र का समझौता है जिसे काला सागर अन्न गलियारा पहल के रूप में जाना जाता है। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका के प्रतिबंध के बीच रूस के एक जहाज ने भारतीय बंदरगाह पर लंगर डाला था, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने इस विषय पर कोई नीतिगत बयान नहीं दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या प्रतिबंधित है, क्या नहीं है। यह तकनीकी मामला है और मैं समझता हूं कि तेल प्राप्त करने के मामले में हमने अपनी स्थिति बार-बार स्पष्ट की है।

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